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अजवाइन के फायदे

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अजवायन के बीज का इस्तेमाल एक जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है या फिर ट्रेचीस्पर्मम के बीज होते हैं।  वे भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि इसको “बीज” के रूप में जाना जाता है, और अजवायन भी जड़ी बूटी का फल माना जाता है।

ये थोड़े हरे से और भूरे रंग के होते हैं और साथ ही उनके स्वाद की बात करें तो उनका इनका स्वाद तीखा और कड़वा सा होता है। ये जीरे के जैसे दिखते हैं, लेकिन इनकी स्वाद और सुगंध अजवायन के फूल के जैसा ही होता है।

इनकी बिक्री अक्सर पूरे बीज के रूप में होती हैं, लेकिन उन्हें पाउडर में पीसकर खाना पकाने के मसाले के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

अजवाइन के फायदे की बात करें तो इसके बीज अविश्वसनीय रूप से पौष्टिकता से भरपूर होते हैं। अजवाइन में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य कई विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इस वजह से देखा जाए तो वे स्वास्थ्य लाभ से जुड़े हुए होते हैं और लंबे समय से पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में इनका इस्तमाल किया जाता हैं।

आइए आजवाइन से जुड़े कुछ फायदों को जानते हैं –

बैक्टेरिया और कवक से लड़ने में मददगार होता है अजवाइन

अजवाइन के फायदे की बात करें तो अजवाइन के बीज में कई शक्तिशाली गुण पाए जाते हैं जो कि बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम होती हैं और यह कवकरोधी यानी एंटी फंगल गुण होते हैं। यह संभवतः इसके दो कंपाउंड की वजह से हो सकता है जिनका नाम है थाइमोल और कार्वाक्रोल। यह कंपाउंड बैक्टीरिया और फंगल को बढ़ने से रोकते हैं और उन्हें खत्म करने की कोशिश करते हैं।

 कई टेस्ट-ट्यूब रिसर्चों से पता चलता है कि ये कंपाउंड एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) और साल्मोनेला जैसे संभावित हानिकारक बैक्टीरिया का मुकाबला कर सकते हैं और आपको स्वस्थ रख सकते है। यह खाने की विषाक्तता को भी कम करने का प्रयास करते हैं।

एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में पाया गया है कि कैरम के बीज अन्य सॉल्वैंट्स की तुलना में Candida albicans, Candida krusei, और Streptococcus mutans सहित बैक्टीरिया और कवक के मल्टीड्रग-प्रतिरोधी के खिलाफ बहुत अधिक कारगर साबित होते है।

हालांकि अजवाइन के लाभों को साबित करने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है कि यह बैक्टीरिया और फंगल के खिलाफ कितनी अधिक प्रभावी हो सकते हैं और उनका इस्तेमाल किस हद तक किया जा सकता है।

 कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार अजवायन

पशुओं पर किए गए रिसर्च में पता चलता है का अजवाइन के बीज कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड स्तर ह्रदय के बीमारियों के जोखिम कारकों में मुख्य माना जाता है। एक खरगोश पर किए गए अध्ययन में पता चलता है कि कैरम सीड पाउडर ने कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल, और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बहुत कम कर दिया है।

 इसी तरह चूहों पर किए एक अध्ययन में पाया गया है कि कैरम बीज का अर्क कुल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में बहुत अधिक प्रभावी था, जबकि दिल की सुरक्षा के लिए एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है।

दोनों रिसर्चों में पता चलता है कि कैरम सीड पाउडर केवल उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर के उपचार में ही प्रभावी साबित होता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए अजवाइन की अधिक खुराक कल लेना जरूरी होता है। सामान्य तरीके से बीज खाने में यह लाभदायक साबित नहीं होगा।

अभी इस विषय में और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है कि अजवाइन मनुष्य पर अपना क्या प्रभाव डालती है और मनुष्य में पाए जाने वाले के कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करती है या नहीं।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का काम करता है अजवाइन

हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप एक ऐसी सामान्य सी स्थिति होती है जो कि दिल की बीमारी के खतरे और स्ट्रोक के जोखिम को बहुत अधिक बढ़ा देती है।

इसके पारंपरिक इलाजों में कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स जैसी दवाओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। ये अवरोधक कैल्शियम को हमारे हृदय की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकते हैं और ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचाते हैं और उसे विस्तार देने का काम करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड कम रखने में सहायता मिलती है।

कई तरह के इस बारे में निष्कर्ष भी देते हैं कि थाइमोल – कैरम बीजों का एक प्रमुख घटक – कैल्शियम-चैनल-अवरोधक प्रभाव भी हो सकता है और निम्न रक्तचाप के स्तर में बहुत अधिक मदद कर सकता है।

उदाहरण के लिए देखें तो कई तरह के अध्ययनों से पता चलता है कि कैरम के बीज का अर्क चूहों में ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने का काम करता है। हालांकि ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में अजवायन प्रभावशाली साबित होता है पर अभी इस बारे में अभी और रिसर्च करने की जरूरत है कि मनुष्य पर अजवाइन का क्या प्रभाव है यह अभी पूरी तरह से नहीं पता चल पाया है। 

पेप्टिक अल्सर को रखता और कब्ज में लाभ पहुंचाता है आजवाइन

अजवायन के बीज आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में पाचन संबंधी समस्याओं के घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता रहा हैं। कुछ अध्ययनों से पता भी चलता है कि कैरम बीज का अर्क पेप्टिक अल्सर का मुकाबला बहुत अच्छे से कर सकता है, जो कि अन्नप्रणाली, पेट या छोटी आंत के घाव को कहा जाता हैं।

उदाहरण के लिए देखे तो दो सप्ताह तक चूहे पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि कैरम बीज के अर्क के माध्यम से उपचार करने से इबुप्रोफेन के कारण होने वाले पेट के अल्सर में बहुत अधिक सुधार होता है। आप अब तक अजवाइन खाने के फायदे के बारे में अच्छी तरह से जान चुके होंगे।

कई तरह के रिसर्च में यह भी पाया गया कि अर्क का प्रभाव पेप्टिक अल्सर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक सामान्य दवा के समान था और वह उतनी ही लाभदायक साबित हुआ है।

 कैरम बीज का अर्क गैस और कई दिन पुरानी अपच को रोकने और उसका इलाज करने में भी मदद कर सकता है। अपच को आपके पेट के ऊपरी हिस्से में लगातार दर्द और बेचैनी के रूप में भी देखा जा सकता है। देर से खाने का पचना अपच के मुख्य लक्षणों में शामिल है।

बहुत सी दिलचस्प बात यह है कि कैरम सीड मसाले ने चूहों में पेट से गुजरने वाले भोजन के प्रोसिजर को बहुत तेज कर दिया है, जोकि अपच में सुधार करने का काम करता है। पर अभी इस विषय पर और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है और यह अभी तक साबित नहीं हो पाया है कि ये मनुष्यों पर कितना अधिक प्रभावशाली है।

खांसी से राहत दिलाने का काम करती है आजवाइन

आजवाइन खाने के फायदे कई तरह के होते हैं। कई तरह के रिसर्च बताते हैं कि अजवायन खांसी से राहत दिला सकती है। हालांकि इसमें अभी अधिक रिसर्च नहीं किया गया है, सूअरों पर किए गए एक अध्ययन में जरूर पाया गया है कि कैरम के बीज खांसी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक आम दवा कोडीन की तुलना में अधिक एंटीकफिंग प्रभाव पैदा करती है और अधिक लाभ प्रदान करती है। अजवायन के बीज फेफड़ों के वायु प्रवाह में भी बहुत अधिक सुधार कर सकते हैं और आपको स्वस्थ रख सकते हैं।

 अस्थमा से पीड़ित लोगों पर किए गए एक एक अध्ययन में पता चला है कि कैरम सीड एक्सट्रेक्ट के शरीर के वजन के 0.057–0.113 मिली प्रति पाउंड (0.125–0.25 मिली प्रति किग्रा) से इलाज करने के बाद 30-180 मिनट बाद तक फेफड़ों में वायु प्रवाह बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसका प्रभाव थियोफिलाइन जोकि एक सामान्य सी अस्थमा दवा के ही समान था।

पर अभी इस बारे में और अधिक रिसर्च करने की आवश्यकता है कि खांसी जुखाम में मनुष्य के ऊपर अजवाइन अपना कितना प्रभाव छोड़ती है और मनुष्य को क्या-क्या लाभ पहुंचाती है।

बॉटम लाईन

कैरम के बीज लंबे समय से पारंपरिक भारतीय व्यंजनों और आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किए जाते हैं। वे बहुत अधिक जीवाणुरोधी होते हैं और कई विरोधी भड़काऊ प्रभाव को दिखाने के लिए ही ये दिखाए जाते हैं और साथ ही पेप्टिक अल्सर के इलाज और ब्लड प्रेशर के साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी प्रभावी साबित हो सकते हैं।

अजवाइन के फायदे की बात करें तो अजवायन के बीज ज्यादातर लोगों के लिए बहुत सुरक्षित माने जाते हैं। पर गर्भवती महिलाओं के लिए ये बीज काफी अधिक असुरक्षित हो सकते हैं क्योंकि वे भ्रूण पर बहुत ही हानिकारक प्रभाव से डालते हैं।

यदि आप अपने आहार में अजवायन को शामिल करना चाहते हैं, तो आप उन्हें दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी में पा सकते हैं।

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