अदरक के फायदे
अदरक एक फूल की प्रजाति का पौधा है जिसकी उत्पति दक्षिण एशिया में हुई। यह Zingiberaceae परिवार से संबंध रखती है। यह हल्दी, गलांगल और इलायची के साथ इसका नजदीकी संबंध है। अदरक का जमीन के अंदर रहने वाली गांठों का प्रयोग सामान्य तौर पर किया जाता है। इसे अदरक की जड़ें भी कह सकते हैं या सिर्फ अदरक भी कहा जा सकता है।
ताजे, सूखे, पिसे या तेल के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भारत के मसालों में सामान्य रूप में शामिल किया जाता है। अदरक का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता और बंद डिब्बे के भोजन में भी।
अदरक के फायदे बताए जा रहें हैं जो पूरी तरह से शोध पर आधारित है –
अदरक है एक औषधि
इतिहास में बहुत लम्बे समय से अदरक को एक औषधी के रूप में मान्यता में मिली हुई है। यह विभिन्न बीमारियों जैसे पाचन संबंधित, जी मितलाने, फ्लू और खांसी जुकाम से लड़ने का काम करती है।
इसकी अनोखी खुशबू और स्वाद के कारण अदरक के तेल के उत्पादन बहुत अधिक होता है। अदरक में पाया जाने वाले जैव सक्रिय यौगिकों (बायो एक्टिव कम्पाउन्ड) के कारण यह दवाओं में भी बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल की जाती है।
विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व पाए जाते हैं जो तनाव से मनुष्य को राहत देते हैं। तनाव में कमी के कारण ही शरीर में मुक्त रैडिकल्स में कमी आती है।
सुबह सुबह जी मितलाने की समस्या से निजात
यह देखा गया है कि जी मितलाने की बीमारी में अदरक बहुत ही लाभकारी है।
यह विभिन्न सर्जरी से गुजर रहे व्यक्तियों में जी मितलाने और उल्टी की समस्या से निजात दिलाती है। इस क्षेत्र में अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है कि जी मितलाने की बीमारी में अदरक कितनी लाभकारी है।
गर्भ धारण के दौरान महिलाओं में जी मितलाने की समस्या अधिकतर पाई जाती है और अदरक का सेवन करने से इसमें लाभ पहुंच सकता है।
12 अध्ययनों जिसमें 1278 गर्भवती महिलाएं शामिल थीं से पता चलता है कि प्रतिदिन 1-1.5 ग्राम अदरक खाने से जी मितलाने की बीमारी से निजात मिल सकती है।
सवाधानी के लिए अगर आप गर्भवती हैं तो अधिक मात्रा में अदरक खाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें। जिन भी महिलाओं को गर्भधारण में समस्या है उन्हें अदरक के सेवन से बचना चाहिए।
वजन कम करने में सहायक
मनुष्यों और जानवरों पर किए गए अध्ययनों से ज्ञात होता है कि अदरक के सेवन से वजन कम करने में सहायता पहुंचती है। अदरक के सेवन से वजन में कमी आती है और मोटापे को भी कम करती है।
2016 में 80 महिलाओं पर हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि अदरक बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को कम करता है। मोटापे से इन्सुलिन में भी बढोतरी होती है। प्रतिभागियों ने प्रतिदिन 12 हफ्तों तक अदरक की 2 ग्राम से अधिक खुराक ली।
शोधों में यह भी पता चला कि अदरक की मोटापा घटाने की क्षमता सिर्फ मनुष्यों पर ही नहीं जानवरो पर भी प्रभावी है। चूहों ने अदरक का पानी पिया और उनके वज़न में भी कमी पाई गई जिससे साबित होता है कि अदरक के सेवन मोटापे में कमी आती है।
आर्थराइटिस से करे बचाव
आर्थराइटिस अब एक सामान्य सी बीमारी हो गयो है। शरीर के जोड़ों में क्षरण के कारण दर्द होता है। शोध में ज्ञात हुआ है कि अदरक का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों में क्षरण की समस्या में कमी आती है और दर्द से आराम मिलता है। अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों ने 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम अदरक का प्रतिदिन 3 से 12 हफ्ते तक सेवन किया और उनके स्वास्थ्य में सुधार पाया गया।
एक अन्य शोध ज्ञात हुआ कि अदरक, दालचीनी और तिल के तेल के सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
ब्लड शुगर में कमी और दिल की बीमारियों से बचाव
अदरक मधुमेह से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण औषधी बन सकती है।
अदरक से जुड़े एक अन्य शोध में पाया गया कि अदरक का रस लिपिड को नियंत्रित करने के साथ ही बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकता है।
2015 में 41 प्रतिभागियों पर किए गए शोध से ज्ञात होता है 2 ग्राम अदरक का सेवन करने से टाइप 2 मधुमेह से राहत मिलती है।
अदरक का सेवन करने से Apolipoprotein B/ApolipoproteinA में भी 28 प्रतिशत की कमी आती है और malondialdehyde से 23 प्रतिशत की कमी आती है जिसके फलस्वरूप तनाव में कमी आती है और दिल की बिमारियों का ख़तरा कम हो जाता है।
अपच में अदरक का सेवन है आरामदायक
पुरानी अपच के कारण पेट के ऊपरी हिस्से में असुविधा हो सकती है और दर्द भी हो सकता है।
भोजन जल्दी नहीं पचने के कारण अपच की समस्या होती है और अदरक का सेवन करने से खाना जल्दी पचता है।
2008 में 24 लोगों पर हुए अध्ययन से पता चलता है कि यदि स्वस्थ व्यक्ति भी अदरक का सेवन करे तो उसे भी अपच की समस्या से राहत मिलेगी।
कॉलेस्ट्रॉल में करता है कमी
बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हो जाने के कारण हृदयघात होने का ख़तरा बढ़ जाता है। आधुनिक समय में जो दिनचर्या हम सभी अपनाते हैं जो भोजन हम सभी करते हैं वह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
2018 में 60 लोगों पर हुए अध्ययन से पता चलता है कि 30 व्यक्ति ने जिन्होंने प्रतिदिन 5 ग्राम अदरक का सेवन किया जिससे बुरे कॉलेस्ट्रॉल में 3 महीने के दौरान 17.4 प्रतिशत की कमी आई है।
2008 का एक अध्ययन यह बताता है कि रोज 3 ग्राम अदरक खाने से कॉलेस्ट्रॉल में कमी आती है। 45 दिन नियमित रूप में सेवन करने से बुरे कॉलेस्ट्रॉल में 10 प्रतिशत की कमी होती है।
इंफेक्शन से लड़ने में करे मदद
अदरक इंफेक्शन होने की संभावनाओं में कमी लाता है। अदरक विभिन्न प्रकार के बैक्टेरिया को उत्पन्न होने से रोकता है।
2008 में हुए शोध के अध्ययन के अनुसार अदरक मुंह वीके बैक्टेरिया से भी लड़ने में लाभकारी है जिनकी वजह से मसूड़े की बिमारियों से रक्षा करता है।
ताजे अदरक का सेवन करने से सांस संबंधी इंफेक्शन जो कि अब सामान्य सा हो गया है से भी लड़ने में मदद करता है।
कैंसर से करे सुरक्षा
शोधों से ज्ञात हो चुका है कि अदरक विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद करता है। अदरक में कैसर से लड़ने वाले तत्व काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। 28 दिनों के अध्ययन से पता चलता है कि कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना में प्रत्येक दिन 2 ग्राम अदरक खाने से खतरे को कम किया जा सकता है।
शोध में यह भी पता चला है कि अदरक का प्रतिदिन सीमित मात्रा में सेवन करने से अग्नाशय और लिवर कैंसर के ख़तरे को कम किया जा सकता है। यह स्तन कैंसर और ovarian cancer के खतरों में भी कमी करता है।
मासिक धर्म के दर्द में कमी
अदरक को दर्द निवारक के रुप में भी जाना जाता है और उसमें मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द भी शामिल है। 2009 में 150 महिलाओं पर हुए शोध से ज्ञात होता है कि तीन समूहों में बाटे गए महिलाओं के एक समूह को 250 मिलीग्राम अदरक का पाउडर, दूसरे समूह को mefenamic acid 250 मिलीग्राम और आइबूप्रोफेन को 400 mg दिया गया. अन्य की तरह अदरक ने भी दर्द में कमी लाई।
अदरक के सेवन से हानि
किसी भी वस्तु का अत्याधिक सेवन करने से नुक़सान पहुंचता है और यह अदरक के साथ भी होता है –
- लो ब्लड शुगर का कारण
- मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव क्योंकि अदरक खून को पतला करता है।
- एलर्जी