अपच के लक्षण
अपच क्या होता है?
अपच लगभग सभी व्यक्तियों को होता है। खाने की आदतों के कारण या फिर बहुत अधिक पुरानी पाचन समस्या अपच को ट्रिगर करने या बढ़ाने का काम कर सकती है।
अपच के लक्षण
खाना नहीं पचने के लक्षण या अपच के लक्षण निम्नलिखित हो सकते है:
- पेट दर्द या सूजन
- पेट में जलन का होना
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
इसके अलावा अपच के लक्षण में कई अन्य सामान्य लक्षण में निम्न शामिल हैं:
- भोजन के दौरान पेट भरा हुआ महसूस होना और खाना पूरी तरह से खत्म न कर पाना।
- एक सामान्य सा भोजन खाने के बाद भी पेट का बहुत अधिक भरा हुआ महसूस करना।
- पेट या फिर खाने के किसी अन्नप्रणाली में बहुत अधिक जलन का महसूस होना।
- पेट में बहुत अधीन चुभन का महसूस होना
- बहुत अधिक डकार आ गैस को महसूस करना
कोई भी व्यक्ति अपच के गंभीर लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिख रहा हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उनके सुझावों का पालन करें:
- बहुत अधिक उल्टी का होना।
- उल्टी के साथ खून खाना
- बहुत तेजी से वजन का घटना
- मल का काला होना
- खाना निगलने में परेशानी का होना
अपच होने के कारण
खाना नहीं पचने के लक्षण या अपच के लक्षण जानने के बाद आइए जानते हैं कि अपच होने का क्या कारण हो सकता है। बहुत अधिक खाना खाने से अपच हो सकता है। बहुत अधिक खाना खाने के साथ जल्दी खाने से भी अपच होने की संभावना होती है। मसालेदार चिकनाहट और वसा से युक्त भोजन भी अपच के खतरे को बहुत अधिक बढ़ा देता है। खाना पचने में मुश्किल होती है। अपच पेट की परेशानी की समस्या को भी बढ़ा देता है।
बदहजमी के लक्षण के अलावा उसके सामान्य कारणों में निम्नलिखित कारण हो सकते है-
- धूम्रपान का होना
- बहुत अधिक शराब पीना
- दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण नुकसान पहुंचना।
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन जैसे दवाओं का एक ग्रुप भी साइड इफेक्ट का कारण बन सकता है।
खाने की आदतें और खराब जीवनशैली भी अपच का कारण बन सकती हैं। बदहजमी के लक्षण निम्न कारणों से भी हो सकते हैं:
- जीईआरडी
- अमाशय के कैंसर के कारण
- पित्त की नली में समस्या के कारण
- पेप्टिक अल्सर के कारण। पेप्टिक अल्सर पेट और भोजन की नली के अंदरूनी हिस्से मेंघाव होते हैं जो एच 1पाइलोरीबैक्टीरिया के कारण भी हो सकते हैं।
अपच का निदान
सामान्य तौर पर डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के बारे में और आपकी खाने की आदतों के बारे में जानना चाहते होंगे। डॉक्टर बॉडी टेस्ट भी करवा सकते हैं और पेट के एक्सरे को भी आपसे कह सकते है जिससे पता चल सके की आपके पाचन तंत्र में क्या समस्या है।
बैक्टेरिया की जांच के लिए डॉक्टर ब्लड सैंपल के साथ मल के नमूने भी इकट्ठा कर सकते हैं जोकि पेप्टिक अल्सर का पता लगाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर जांच करने के लिए पाचन तंत्र की जांच के लिए एंडोस्कोपिक टेस्ट करवाने का भी आदेश दे सकता है।
एंडोस्कोपी निम्नलिखित चीजों का पता लगा सकती है:
- रिफ़्लक्स इसोफ़ेगाइटिस
- अल्सर की समस्या
- सूजन से संबंधित बीमारियां
- इंफेक्टेड कैंसर
आप अपने अपच के लक्षणों का इलाज करवाने के लिए नजदीकी डॉक्टरों के पास जा सकते हैं और इलाज करवा सकते है। अगर आप पूरी तरह ठीक होना चाहते हैं तो आपको डॉक्टरों के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करना चाहिए।
अपच की समस्या के विभिन्न इलाज
कई तरह की दवाएं
अपच के इलाज के लिए कई तरह के दवाओं का उपयोग किया जा सकता है पर उनके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। Maalox और Mylanta जैसे ओवर-द-काउंटर एंटासिड पेट के एसिड को बेअसर करने में मदद कर सकते लेकिन ये दस्त या कब्ज भी पैदा कर सकते हैं।
पेप्सिड जैसे H2 रिसेप्टर dwaiynu (H2RAs) पेट के एसिड को कम करते हैं। इसके कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे –
- जी का मिचलाना
- उल्टी का होना
- दस्त का होना
- दाने या खुजली का होना
- कब्ज का होना
- सरदर्द का होना
- खून का बहना या फिर चोट लगना पर खून का बहना न रुकना।
प्रोकेनेटिक्स, जैसे कई तरह की दवाएं रेगलन और मोटीलियमपाचन तंत्र की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन दवाओं का निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकता है –
- डिप्रेशन का होना
- चिंता का होना
- बहुत अधिक ऐंठन का होना
- थकान का होना
प्रिलोसेक जैसे प्रोटॉन जैसी दवाएं (पीपीआई) पेट के एसिड को कम करते हैं, लेकिन H2RAs से बहुत अधिक शक्तिशाली होते हैं। इसके साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं:
- मतली और उल्टी
- कब्ज का होना
- दस्त का होना
- खांसी का होना
- सरदर्द की समस्या
- पीठ दर्द की परेशानी
- सिर चकराना
- पेट में दर्द का होना
PPI और H2 दोनों दवाओं का इस्तेमाल सामान्य तौर पर पेप्टिक अल्सर के इलाज के लिए किया जाता है। अगर एच 1पाइलोरी अल्सर का कारण है, तो इन दवाओं का उपयोग एंटीबायोटिक दवाओं जैसे क्लैरिथ्रोमाइसिन और एमोक्सिसिलिन को मिलकर भी किया जाता है।
जीवनशैली में बदलाव करना
अपच के लिए दवा ही एकमात्र इलाज नहीं है। कोई भी व्यक्ति जीवनशैली में बदलाव करके भी अपने पाचन तंत्र में सुधार कर सकता हैं और इससे जुड़े कई लक्षणों से निजात पा सकता है। उदाहरण के लिए देखें तो आप जीवनशैली में निम्न बदलाव कर सकते हैं –
- दिन भर में कम समय के अंतराल पर थोड़ा थोड़ा थोड़ा समय भोजन करें।
- मसालेदार, वसा से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें जो पेट में अपच का कारण बन सकते है।
- धीमी गति से खाएं और और तुरंत लेटने से पहले न खाएं।
- धूम्रपान करना बंद कर दें और नहीं करते हैं तो कभी न करें।
- शरीर के अतिरिक्त वजन को कम करें।
- कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब का सेवन कम करें।
- ऐसी दवाएं लेना बंद करें जो कि पेट में जलन पैदा कर सकती हैं, जैसे कि NSAIDs
- योग करें और तनाव से बच कर रहे।