अलसी के फायदे
आजकल अलसी के बीज एक “सुपर फ़ूड” के रूप में जाने जा रहे हैं क्योंकि उनपर किए गए रिसर्च उनके अनेकों स्वास्थ्य लाभों की ओर इशारा करते हैं। यहाँ सन बीज या अलसी के कई फायदे बताए जा रहें है जोकि डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित है –
1. पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं अलसी के बीज
मानव सभ्यता की शुरुआत से उगाए जाने वाले सन बीज या अलसी सबसे पुरानी फसलों में से एक हैं। अलसी के बीज भूरे और सुनहरे दो प्रकार के होते है और दोनों में ही पौष्टिकता का स्तर सामान्य होता है।
पिसे हुए अलसी के बीज की सामान्य मनुष्य के लिए खुराक सिर्फ एक चम्मच है। कुछ विटामिन और खनिजों के सोर्स के अलावा सिर्फ एक चम्मच अलसी का सेवन प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा को भी प्रदान करता है।
एक चम्मच पिसी हुई अलसी में निम्नलिखित तत्व शामिल होते है –
कैलोरी: 37
प्रोटीन: 1.3 ग्राम
कार्ब्स: 2 ग्राम
फाइबर: 1.9 ग्राम
कुल वसा: 3 ग्राम
संतृप्त वसा: 0.3 ग्राम
मोनोअनसैचुरेटेड वसा: 0.5 ग्राम
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा: 2.0 ग्राम
ओमेगा -3 फैटी एसिड: 1,597 मिलीग्राम
विटामिन बी1: आरडीआई का 8%
विटामिन बी6: आरडीआई का 2%
फोलेट: RDI का 2%
कैल्शियम: RDI का 2%
आयरन: RDI का 2%
मैग्नीशियम: RDI का 7%
फास्फोरस: RDI का 4%
पोटेशियम: RDI का 2%
एक अनोखी बात ये है कि फ्लैक्स सीड्स इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि इसमें मुख्य रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड, लिग्नांस और फाइबर के कारण होते हैं।
2. ओमेगा-3 फैट से भरपूर होते हैं अलसी के बीज
अगर आप शाकाहारी हैं और मांसाहार जैसे मछली इत्यादि नहीं खाते हैं, तो अलसी के बीज आपके लिए ओमेगा-3 वसा का सबसे अच्छा सोर्स हो सकता हैं। वे अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) का एक बहुत बड़ा सोर्स हैं, जोकि ज्यादातर पौधे पर निर्भर ओमेगा -3 फैटी एसिड होते है।
ALA उन दो जरूरी फैटी एसिड में से एक है जो कि आपको खुद के द्वारा खाए जाने वाले भोजन से नहीं मिलता है, क्योंकि आपका शरीर उनका उत्पादन नहीं करता है।
3. लिग्नान का सोर्स हैं अलसी
अलसी के बीज लिग्नान का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होता हैं, जो कि कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। लिग्नान पौधे के कई कंपाउंड होते हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट और एस्ट्रोजन गुण पाए जाते हैं, जो कि दोनों कैंसर के जोखिम को कम करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में आपको बहुत अधिक मदद कर सकते हैं। अनोखी बात यह है कि अलसी के बीज में अन्य पौधों के खाद्य पदार्थों की तुलना में 800 गुना अधिक लिग्नान होती हैं।
अभी तक किए गए कई तरह के रिसर्च में पता चला है कि जो लोग अलसी का सेवन करते हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा बहुत कम होता है, विशेषकर रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।
इसके अलावा 6,000 से अधिक महिलाओं से जुड़े एक कनाडाई रिसर्च के अनुसार जो लोग अलसी का सेवन करते हैं, उनमें स्तन कैंसर के विकसित होने की संभावना 18% कम हो जाती है। हालांकि, अलसी के बीज खाने से पुरुषों को भी फायदा हो सकता है।
15 पुरुषों पर किए गए छोटे से अध्ययन में पता चला है कि कम वसा वाले आहार का पालन करते हुए आप एक दिन में 30 ग्राम अलसी के बीज दिए गए और उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के मार्कर के स्तर को बहुत कम दिखाया है जो कि प्रोस्टेट कैंसर के कम जोखिम कम करने की कोशिश करता है।
कई तरह के रिसर्च और जानवरों पर किए गए अध्ययन में अलसी के बीजों में आंत और त्वचा के कैंसर को रोकने की क्षमता भी दिखाई देती हुई मिलती है। फिर भी, इसकी पुष्टि करने के लिए अभी और अधिक रिसर्च की जरूरत है। फिर भी अब तक के मिले कई तरह के सबूत बताते हैं कि फ्लैक्स सीड्स विभिन्न कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक जरूरी भोजन हो सकता है।
4.अलसी के बीज भोजन में फाइबर से भरपूर होते हैं।
साबुत अलसी के सिर्फ एक चम्मच में 3 ग्राम फाइबर होता है, जो कि क्रमशः पुरुषों और महिलाओं के लिए निर्धारित प्रतिदिन के सेवन का 8-12% ही होता है। इसके अलावा सन बीज में दो प्रकार के आहार फाइबर होते हैं एक होता है घुलनशील (20-40%) और अघुलनशील (60-80%)।
फाइबर के ये दोनों प्रकार बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा घुल जाते है और यह समस्या मल को बढ़ा देती है। जिसकी वजह से यह अधिक और नियमित तौर पर मल का त्याग करती है।
एक तरफ, घुलनशील फाइबर हमारी आंत में पाए जाने वाली सामग्री की स्थिरता को बढ़ाने का काम करता है और उसकी पाचन दर को धीमा कर देता है। यह ब्लड शुगर और निम्न कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करने में बहुत अधिक मददगार होता है।
दूसरी ओर अघुलनशील फाइबर अधिक मात्रा में पानी को मल से बांधने की कोशिश करता है यह उसकी मात्रा को बढ़ाता है और परिणामस्वरूप मल बहुत नरम हो जाता है जिससे मल त्यागने में परेशानी नहीं होती है। यह कब्ज को रोकने के लिए भी जाना जाता है और उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जिन्हें आंत सिंड्रोम या डायवर्टीकुलर रोग होता है।
5.अलसी के बीज कोलेस्ट्रॉल में करते हैं सुधार
अलसी का एक और स्वास्थ्य से जुडा हुआ लाभ यह है कि ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने की बहुत अधिक क्षमता रखता है। हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि तीन महीने तक रोजाना 3 बड़े चम्मच यानि 30 ग्राम अलसी के पाउडर का सेवन करने से कुल कोलेस्ट्रॉल 17% और “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लगभग 20% कम हो गया।
मधुमेह वाले लोगों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम) अलसी के पाउडर को एक महीने तक रोजाना लेने से “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में 12% की बढ़ोतरी हुई है।
रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में रोजाना 30 ग्राम अलसी का सेवन करने से कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में क्रमशः 7% और 10% की कमी आई है। यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो अपने कोलेस्ट्रॉल को ठीक करना चाहते हैं और एक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं।
6.अलसी के बीज ब्लड प्रेशर को कर सकते हैं कम
अलसी के बीजों पर किए गए रिसर्च में पता चला है कि अलसी ने ब्लड प्रेशर को नैचुरल तरीके से कम किया है। कनाडा में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि छह महीने तक रोजाना 30 ग्राम अलसी का सेवन करने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में क्रमशः 10 एमएमएचजी और 7 एमएमएचजी की कमी आई है।
जो लोग पहले से ही ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे थे, उनके लिए अलसी ने ब्लड प्रेशर को और भी कम कर दिया और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने वाले हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या में 17% की कमी कर दी है।
इसके अलावा पिछले 11 रिसर्च के आंकड़ों को देखने वाली एक बड़ी रिपोर्ट के अनुसार, तीन महीने से अधिक समय तक रोजाना अलसी के बीज लेने से ब्लड प्रेशर में 2 मिमीएचजी कम हो गया।
7. अलसी में पाया जाता है हाई प्रोटीन
अलसी के बीज और पौधे प्रोटीन का एक बहुत बड़ा स्रोत हैं, और अलसी के प्रोटीन और इसके स्वास्थ्य से जुड़े लाभों में बहुत अधिक बढ़ रही है। अलसी में पाया जानेवाला प्रोटीन अमीनो एसिड आर्जिनिन, एसपारटिक एसिड और ग्लूटामिक एसिड से भरपूर होता है।
कई रिसर्च सेंटर और जानवरों पर किए गए रिसर्च से पता चला है कि अलसी में पाए जाने वाले प्रोटीन ने इम्यून सिस्टम में सुधार करने का काम किया है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ट्यूमर को रोकने में मदद की और इसमें एंटी-फंगल गुण भी अलसी में पाए जाने वाले प्रोटीन में पाए जाते है।
अगर आप अपने भोजन में से मांस को कम करने पर विचार कर रहे हैं और चिंतित हैं कि अब आपको आपको बहुत अधिक भूख लगेगी और प्रोटीन की कमी भी हो जाएगी, तो आप अलसी के बीज का सेवन करके इस टेंशन से छुट्टी पा सकते हैं।
8.अलसी के बीज ब्लड शुगर को करते हैं कंट्रोल
टाइप 2 मधुमेह दुनिया भर में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। यह हाई ब्लड शुगर की एक विशेषता है कि ये शरीर द्वारा इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में असमर्थ हो जाता है या इसके प्रतिरोध के परिणामस्वरूप इंसुलिन से जुड़ी समस्या होती है।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि टाइप 2 मधुमेह वाले लोग जिन्होंने कम से कम एक महीने के लिए अपने भोजन में 10 से 20 ग्राम अलसी के पाउडर को शामिल किया, उनमें ब्लड शुगर के स्तर में 8 से 20% की कमी आई है और उनकी सेहत में भी सुधार हुआ है।
9.अलसी के बीज भूख को कम करके मोटापा कम करने में करते हैं सहायता
अगर आप भोजन करने के साथ साथ नाश्ता भी करते हैं तो आप भूख को खत्म करने के लिए अपने पेय पदार्थों में अलसी के बीज को जोड़ सकते हैं। एक रिसर्च में पाया भी गया है कि 2.5 ग्राम ग्राउंड फ्लैक्स फाइबर के अर्क को एक पेय में मिलाने से भूख की इच्छा खत्म हो जाती है।
सन बीज में पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर के कारण भूख कम लगने की संभावना होती थी। यह पेट में पाचन को बहुत धीमा कर देता है जोकि भूख को नियंत्रित करने वाले कई तरह के हार्मोन को ट्रिगर करता है और परिपूर्णता और तृप्ति की भावना को जगा देता है।
फ्लैक्स सीड्स की आहार फाइबर सामग्री भूख को दबाने और परिपूर्णता की भावना को बढ़ाकर वजन को नियंत्रित रखने में सहायता जरूर कर सकती है।
10. कई गुणों की खान है अलसी का बीज
अलसी के बीज या अलसी के तेल का इस्तेमाल कई खाद्य पदार्थों में मिलाकर किया जाता है आप अलसी के बीज या उसके तेल का इस्तेमाल निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं-
- प्रतिदिन लिक्विड के रूप में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं
- सलाद के ऊपर ड्रेसिंग के रूप में अलसी के तेल को छिड़क सकते हैं।
- अलसी के तेल को दही में मिलाकर खा सकते हैं।
- अलसी के तेल कुकी, मफिन ब्रेड या बटर के साथ मिलाकर खा सकते हैं।