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अश्वगंधा के फायदे

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अश्वगंधा एक बहुत ही प्राचीन औषधीय जड़ी बूटी है जिसका वर्णन हमारे प्राचीन ग्रंथो में भी किया गया है। इसे एडाप्टोजेन के ग्रुप में रखा गया गया है, जिसका अर्थ है कि यह हमारे शरीर के ऊपर पड़ने वाले तनाव को कम करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अश्वगंधा हमारे शरीर और साथ ही मस्तिष्क के लिए कई अन्य तरह के लाभ प्रदान करता है।

उदाहरण के लिए देखें तो यह मस्तिष्क के काम की शक्ति को बढ़ाने का काम करता है। यह ब्लड शुगर और कोर्टिसोल के स्तर को भी कम करने का काम करता है और चिंता और अवसाद के लक्षणों से लड़ने में भी बहुत अधीन मदद कर सकता है।

आइए अश्वगंधा के फायदे हिंदी में जानते हैं। अश्वगंधा के फायदे विश्व प्रसिद्ध हैं। इसके लाभ निम्नलिखित हैं –

1.यह एक प्राचीन जड़ी बूटी है।

अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक है, जो कि भारत में नैचुरल तरीके से इलाज में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अश्वगंधा के फायदे के बारे में सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि ये तनाव को दूर करने और एनर्जी का लेवल बढ़ाने और साथ ही उत्पादकता बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका इस्तेमाल लगभग 3000 से भी अधिक वर्षों से किया जा रहा है।

इसका जुलोजिकल नाम विथानिया सोम्निफेरा है और इसे भारतीय जिनसेंग और विंटर चेरी सहित कई अन्य नामों से भी जाना जाता है।

अश्वगंधा नाम का पौधा पीले फूलों वाला एक छोटी सी झाड़ी है जोकि भारत और उत्तरी अफ्रीका के मूल निवासी पौधों में गिना जाता है। इसकी इस्तेमाल अलग अलग तरह के बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। पौधे की जड़ या पत्तियों से अर्क या पाउडर का उपयोग भी किया जाता है।

यह कई तरह के कैंसर और टयूमर से लड़ने में भी सहायता करता है और बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है।

2.ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकने की क्षमता

कई तरह के रिसर्चों में पता चला है कि अश्वगंधा के फायदे में सबसे महत्वपूर्ण है ब्लड शुगर के स्तर को भी कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक टेस्ट-ट्यूब रिसर्च में पाया गया कि इससे इंसुलिन के बढ़ने में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। और साथ ही मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन को बढ़ाने में बहुत अधिक मददगार शामिल हुआ है।

इसके अलावा कई और रिसर्चों में सुझाव दिया है कि यह स्वस्थ लोगों और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में ब्लड शुगर के स्तर को बहुत अधिक कम कर सकता है।

इसके अलावा सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित होने वाले लोगों में 4 सप्ताह के रिसर्च में अश्वगंधा के साथ इलाज करने वालों में 13.5 मिलीग्राम / डीएल के फास्टिंग ब्लड शुगर के स्तर में भी औसत कमी आई है अपेक्षाकृत प्लेसबो को पाने वालों में 4.5 मिलीग्राम / डीएल की तुलना में।

 इसके अलावा, टाइप 2 मधुमेह वाले 6 लोगों में किए गए एक छोटे से रिसर्च में 30 दिनों के लिए अश्वगंधा के साथ ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।

 3.कैंसर रोधी गुण का मिलना

पशुओं और कई तरह के रिसर्च में पता चला है की विथेफेरिन-अश्वगंधा में एपोप्टोसिस पाया जाता है क्योंकि कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने की कोशिश करता है। यह कई और तरह की नई कैंसर कोशिकाओं को भी खत्म करने का प्रयास करता है।

पशु पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा कई तरह के कैंसर के इलाज में मदद करता है। यह स्तन कैंसर और फेफड़े के कैंसर के साथ-साथ दिमाग और डिंब ग्रंथि के कैंसर के इलाज में मदद करता है। यह कैंसर की कोशिकाओं को कम करने में भी बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह चूहों पर किए गए अध्ययन में काफी प्रभावशाली रहा है। डिंब ग्रंथि के कैंसर में यह चूहों पर 70%-80% प्रभावी रहा है। इसने कई अन्य तरह के कैंसर के फैलाव को भी रोकने का काम किया है। अब आप अश्वगंधा के फायदे के विषय में काफी कुछ जान चुके होंगे।

पर इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है की अश्वगंधा मनुष्य पर भी उतना ही प्रभावी है जितना कि वाह जानवरों पर अपना असर दिखाती है।

4.कोर्टिसोल के स्तर को कम करने की क्षमता

कोर्टिसोल को टेंशन या तनाव बढाने वाले हार्मोन के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसे हमारी एड्रेनल ग्रंथियां तनाव के जवाब में इसे छोड़ती हैं और यह तब भी छोड़ती हैं जब ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है।

 दुर्भाग्य से कुछ मामलों में कोर्टिसोल का स्तर अचानक बहुत ऊंचा हो सकता है पर उससे हाई ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक बढ़ सकता है और पेट में वसा को स्टोर कर सकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में बहुत अधिक मदद कर सकता है।

लंबे समय तक टेंशन में रहने वाले युवाओं में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग अश्वगंधा का सेवन कर रहे थे उनके मुकाबले अन्य लोगों में कार्टिसोल की संख्या अधिक थी। इसका बहुत अधिक खुराक लेने वालों में कई लोगों में 30% तक कार्टिसोल की कमी पाई गई है।

5.तनाव और चिंता को कम करने में मदद करना

सामान्य तौर पर अश्वगंधा शतावरी के फायदे में यह भी शामिल है कि तनाव को कम करने की क्षमता के लिए भी जाना जाता है। कई शोधकर्ताओं ने बताया है कि इसने तंत्रिका तंत्र में चिन्ता और तनाव को कम करने का प्रयास किया है। अश्वगंधा का यह प्रयोग चूहों पर बहुत अधिक सफल रहा है।

इसके अलावा अन्य कई अन्य रिसर्च से पता चला है कि यह तनाव और चिंता से परेशान होने वाले लोगों में यह कई लक्षणों को कम कर सकता है।

6.अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करना

अभी इस बात का पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है। अश्वगंधा शतावरी के फायदे में डिप्रेशन की कमी भी शामिल है। यह डिप्रेशन को कम करने में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिप्रेशन से जुड़े कई शोधों में अभी साफ साफ पता नहीं चला पर कहीं न कहीं यह डिप्रेशन को खत्म करने में मुख्य भूमिका निभाता है। 

 7. यह टेस्टोस्टेरोन को बढ़ा सकते हैं और पुरुषों में प्रजनन की क्षमता को भी बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं।

अश्वगंधा की खुराक का टेस्टोस्टेरोन के स्तर और व्यक्ति के प्रजनन पर भी बहुत अधिक प्रभाव डालता है। कई पुरूषों में अश्वगंधा के इलाज से शुक्राणुओं की संख्या में बहुत अधिक बढ़ोतरी देखी गई है और वह बहुत अधिक लाभकारी पाई गई है। इसके इलाज से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उसने बहुत अधिक फायदा पहुंचाया है।

 शोधकर्ताओं ने रिसर्च के माध्यम से यह भी बताया कि जिस समूह ने जड़ी-बूटी ली थी या उसका सेवन किया था, उनके ब्लड में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है।

 एक अन्य अध्ययन में पता चला है कि टेंशन से बचने के लिए अश्वगंधा का सेवन करने वाले पुरुषों ने हाई एंटीऑक्सीडेंट स्तर और बेहतर शुक्राणु के उत्पादन को महसूस किया है। 3 महीने के इलाज के बाद पुरुषों के 14% महिला साथी गर्भवती हो गई जोकि शोध के लिए एक सुखद खबर है।

8. मांसपेशियों और ताकत को और भी बढ़ा सकता है।

 कई तरह के रिसर्च से पता चला है कि अश्वगंधा शरीर की संरचना में भी बहुत अधिक सुधार कर सकता है और कई व्यक्तियों की ताकत को बहुत अधिक बढ़ा सकता है।

अश्वगंधा का सेवन करने के लिए और एक सुरक्षित और प्रभावी खुराक को निर्धारित करने के लिए एक रिसर्च किया गया है जिसमें कई स्वस्थ पुरुषों ने प्रतिदिन 750-1,250 मिलीग्राम अश्वगंधा के जड़ के चूर्ण का 30 दिनों तक सेवन किया है और उस सेवन के बाद मांसपेशियों की शक्ति कई गुना बढ़ गई है।

एक अन्य रिसर्च में यह भी पता चला है कि अश्वगंधा लेने वालों को मांसपेशियों की ताकत और आकार से बहुत अधिक लाभ हुआ। यह प्लेसीबो ग्रुप की तुलना में शरीर के वसा के प्रतिशत में उसकी कमी को लगभग दोगुने से भी बहुत अधिक कर देता है।

 9. अश्वगंधा सूजन को कम कर सकता है?

जानवरों पर किए गए कई रिसर्च से पता चला है कि अश्वगंधा सूजन को कम करने में भी बहुत अधिक मदद करता है। कई मनुष्यों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि यह हमारे कोशिकाओं को बहुत अधिक मजबूत करता है और उसकी गतिविधि को बहुत अधिक बढ़ाता है। हमारे शरीर की इम्यूनिटी को भी बहुत अधिक बढ़ाने का काम करता है और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।

यह सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) जैसे कि सूजन के मार्करों को भी कम करने का काम करता है। यह मार्कर हृदय रोग के बढ़ते जोखिम को भी कम करने का काम करता है।

एक रिसर्च में पता चला है कि जिस ग्रुप ने हर दिन 250 मिलीग्राम अश्वगंधा का अर्क लिया है और उसके सीआरपी में औसतन 36% की कमी थी और वहीं प्लेसीबो समूह में 6% की कमी पाई गई थी।

10.कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करना

अश्वगंधा कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम करके दिल के स्वास्थ्य को बहुत बेहतर बनाने में काफी अधिक मदद कर सकता है। जानवरों के अध्ययन में भी पाया गया है कि यह ब्लड के वसा के स्तर को काफी कम करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि  अश्वगंधा ने कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को क्रमशः 53% और लगभग 45% कम कर दिया जिससे स्वास्थ पर सकारात्मक असर पड़ा है।

लंबे समय तक टेंशन या तनाव में रहने वाले युवाओं पर 60 दिन में किए गए अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा के अर्क की अधिक खुराक लेने वाले ग्रुप ने एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल में औसतन 17% की कमी और ट्राइग्लिसराइड्स में औसतन 11% की कमी का अनुभव किया।

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