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आंवले के फ़ायदे

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आंवला

आंवला एक फ़ायदे अनेक’ आंवला यह पंक्ति अपने गुणों के माध्यम से चरितार्थ करता है। आंवला एक औषधीय फल है जो मुख्यत: शीत ऋतु में बहुतायत में पाया जाता है। संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि कहते हैं तो वहीं अंग्रेजी में इसे Gooseberries कहा जाता। आयुर्वेद में आंवले को त्रिदोष अर्थात वात पित्त कफ में संतुलन लाने के लिए जाना जाता है। भारत के अलावा यह चीन और मलेशिया में भी पाया जाता है। आंवला के फल, बीज, छाल व पत्तियों का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। आंवलें में विटामिन C, विटामिन AB कॉम्‍प्‍लेक्‍स, पोटैश‍ियम, कैलशियम, मैग्‍नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड इत्यादि तत्व पाए जाते हैं।

आंवलें के फ़ायदे

फाइबर का उत्तम स्रोत

आंवला में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है और कैलोरी कम पाई जाती है जो वजन कम करने में काफी लाभदायक है. इसमें मौजूद कम कैलोरी और उच्च फाइबर मोटापे को कम करने, हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर से बचाने में भी मददगार है।

कैंसर से करता है सुरक्षा

कैंसर के घातक व जानलेवा बीमारी है। आंवला का सेवन कैंसर के खतरे को कम करता है। आंवला में पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल्स (गैलिक एसिड, पाइरोगॉलोल, नॉर्सेसक्विटरपेनोइड, कोरिलागिन, गेरानिन, इलाओकार्पुसिन और प्रोडेलफिनिडिन बी 1 और बी 2) में एंटीनियोप्लास्टिक (कैंसर कोशिकाओं को खत्म करना) जैसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर होने के जोख़िम में कमी लाते हैं(1)।

आंवले में विटामिन सी व विटामिन ई भी बहुत अधिक मात्रा में मिलता है जो कैंसर रोधी माना जाता है(2)। शोध में भी सिद्ध हो चुका है कि आंवले में पाए जाने वाले कई तत्व कैंसर होने कि संभावना को कम करते हैं तथा कैंसररोधी के रूप में काम करते हैं। ये तत्व क्षतिग्रस्त सेल्स को ठीक करने का भी कार्य करते हैं(3)

आंवला करता है ब्लड शुगर को नियंत्रित

ब्लड शुगर अब बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी को अपनी चपेट में ले रहा है और इसके फलस्वरूप उच्च रक्तचाप टाइप 2 मधुमेह व हृदयघात का ख़तरा बढ़ जाता है।आंवले में मौजूद गुणकारी तत्व ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है। आंवला में गैलिक एसिड (Gallic Acid), गेलोटेनिन (Gallotanin), एलेजिक एसिड (Ellagic Acid) और कोरिलागिन (Corilagin) तत्व पाए जाते हैं तो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं जिसके कारण ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है(4)।

आंवला फाइबर का एक अच्छा स्त्रोत है जो शर्करा स्तर को नियंत्रण में रखता है और मधुमेह होने के खतरे में कमी लाता है।

दिल की सेहत को रखे दुरुस्त

आधुनिक जीवनशैली में दिल को दुरुस्त रखना एक बेहद चुनौतीपर्ण काम है। संतुलित जीवनशैली व पौष्टिक खानपान न होने की वजह से अनेकों व्यक्ति दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। आंवले का नियमित रूप से सेवन करने पर दिल को दुरुस्त व स्वस्थ रखा जा सकता है और हृदयघात की संभावना को कम किया जा सकता है(5)। आवलें में क्रोमियम जिंक  और कॉपर अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो दिल को जवां बनाए रखता है। 

एंटीऑक्सिडेंट दिल की सेहत को स्वस्थ रखता है तथा लिपिड को कम करता है जो ह्यदयघात के लिए जिम्मेदार होते हैं(6)।

हड्डियों के लिए फायदेमंद है आंवला

हड्डियां हमारे शरीर का आधार होती है। आंवले में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को दुरुस्त रखता है और जोड़ों की सूजन में भी कमी लाता है। गठिया रोग में भी आंवला बेहद फायदेमंद है।

दिमाग का है सुरक्षा कवच

विभिन्न शोधों में यह सिद्ध हो चुका है कि आंवले मै एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट दिमाग की कोशिकाओं को स्वस्थ रखते है और सेल्स को नष्ट होने से बचाते है। छात्रों को आंवले का मुरब्बा खाने की सलाह बार बार दी जाती है। आंवले के नियमित सेवन से अल्जाइमर के खतरे को भी कम किया जा सकता है क्योंकि आवलें में पाए जाने वाले कई तत्व जैसे साइट्रिक एसिड(Citric acid) सेल्स में आयरन के जमाव को खत्म करता है आयरन का जमाव हृदयघात व अल्जाइमर होने के प्रमुख कारणों में से एक है(7)।

बालों की सुरक्षा करे आंवला

विटामिन सी, फैटी एसिड, एंटी बैक्टीरियल व एंटी ऑक्सीडेंट तत्व आवलें में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी तत्व बालों की सेहत की दुरूस्त रखते हैं। बालों की समस्याओं जैसे रूसी, सफेदी, व झडने आदि से राहत मिलती है। आंवला बालों को घना व काला बनाए रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है(8)।

आंवला रखे आंखो का ख्याल

रतौंधी व मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से आवलें का सेवन करके छुटकारा पाया जा सकता है। कंजेक्टिवाइटिस, ग्लूकोमा और आंखों की नसों को कमजोर होने से बचाने में आंवला बेहद मददगार साबित हो सकता है(9)। नियमित रूप से रात में दूध के साथ आंवले का सेवन करना चाहिए या आंवला व शहद का एक साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

लिवर को रखे तंदुरुस्त

आवलें में हेपटोप्रोटेक्टिव जैसे गुण पाए जाते हैं जो लिवर की रक्षा करते हैं। आधुनिक खानपान को अपनाकर लिवर को स्वस्थ रखना एक मुश्किल काम है। लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। आंवले का सेवन लिवर को तंदुरुस्त रखने में सहायक होता है और लिवर की सुरक्षा करता है।

आंवले करे खून की कमी को दूर

आंवले में आयरन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। आवलें के मुरब्बे में हीमोग्लोबीन के स्तर को बढ़ाने कि क्षमता पाई जाती है जिससे खून की कमी की समस्या को दूर किया जा सकता है। 

आंवला करता है प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

आंवला हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है जिससे बीमारियों से लड़ने में शरीर को आसानी होती है। आंवले का एंटीऑक्सीडेंट गुण नकारात्मक कणों के प्रभाव को कम करते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता हैं(10)। यह शरीर को ऊर्जा से लबरेज करके ऊर्जावान कर देता है।

आंवले से होने वाले नुक़सान

1.आंवला उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है परन्तु निम्न रक्तचाप से ग्रसित व्यक्तियों को आंवले का सेवन चिकित्सक के सुझाव पर करना चाहिए।

2.मधुमेह ग्रस्त रोगियों को आवलें का मुरब्बा खाने से बचना चाहिए क्योंकि उसमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

3.आंवले से एलर्जी हो सकती है इसलिए आंवले के उपयोग में सावधानी बरतें।

इन रूपों में करें भोजन में शामिल

1.जूस, मुरब्बा और पावडर के रूप में

2.खाने में उबालकर या चटनी बनाकर

3. त्वचा की रंगत बढ़ाने के लिए फेस मास्क के रूप

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