छाती में कफ जमने के लक्षण
अगर आपको कभी भी थोड़ी बहुत सर्दी हुई है या ब्रोंकाइटिस को डायग्नोज्ड किया गया है, तो आप अपने छाती में कफ जमने के लक्षण को महसूस कर सकते हैं। छाती में यह जमाव फेफड़ों के रास्ते में सूजन या ब्रांकाई के कारण होता है। सर्दी के सामान्य वायरस से छाती में कोल्ड हो जाता है जिससे नाक बहना, साइनस संक्रमण या गले में खराश होने की संभावना बढ़ जाती है। जब फेफड़ों में ब्रांकाई किसी वायरस के संपर्क में आती है, तो बहुत अधिक सूज जाती हैं जिससे रास्ता बंद हो जाता और एक लिक्विड बनने लगता है जिसे बलगम कहा जाता हैं। यह एक्स्ट्रा लिक्विड शरीर के अंदर जाने वाली प्राण वायु को रोकने का काम करता है, जिससे कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
छाती में कफ जमने के लक्षण
छाती में कफ जमने के लक्षण कई होते है। इनमें से सीने में कफ के लक्षण निम्नलिखित हैं :
- हरे या गहरे पीले रंग के कफ के साथ खांसी
- सीने में जकड़न
- गले में खराश
- शरीर में दर्द होना और ठंड लगना
- सिरदर्द होना
- बुखार का आना
- सांस लेने में तकलीफ होना या घरघराहट का होना
इनमें से अधिकांश सीने में कफ के लक्षण अक्सर कुछ दिनों ख़त्म होने लगते हैं या कम हो जाते हैं, लेकिन ब्रोन्कियल नलियों के ठीक होने पर भी खांसी हफ्तों तक बनी रह सकती है। अगर आपको 14 दिनों से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो आपको अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। छाती में कफ के लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी लक्षण भी हो सकता है जिसके लिए इलाज की जरूरत पड़ सकती है जैसे कि निमोनिया।
छाती में कफ जामने का इलाज
कोल्ड होना और छाती में कफ का जमाव एक वायरस का के कारण होता है। इस तरह के वायरस के लिए एकमात्र इलाज यह होता है कि आप अपने शरीर को अधिक से अधिक आराम दें और कफ को साफ करते रहें। एंटीबायोटिक्स सिर्फ और सिर्फ निमोनिया और काली खांसी जैसी बीमारियों के इलाज में ही सहायता करते हैं। पर कई घरेलू इलाज छाती में हो रहे दर्द को शांत कर सकते हैं और इसके विभिन्न लक्षणों को दूर कर सकते हैं। सामान्यत: डॉक्टर छाती में कफ के जमाव के लिए निम्न घरेलू उपचार सुझाते हैं:
- अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए और साथ ही अपने गले और फेफड़ों के अंदर बलगम को पतला करने के लिए बहुत अधिक लिक्विड चीजें खाएं और पिएं।
- किसी भी तरह की फेफड़ों की जलन को शांत करने के लिए कमरे में कूल-मिस्ट वेपोराइज़र या ह्यूमिडिफायर जरूर रखें।
- सांस लेने में आसानी के लिए और रात भर छाती में बलगम को जमा होने से रोकने के लिए अपने सिर को कई तकियों पर रखकर ही सोएं। इससे आपको सोने में आसानी होगी।
- सर्दी को कम करने के लिए गर्म पानी से नहाएं और भाप जरूर लें।
- शरीर के होने वाले दर्द को कम करने और बुखार को कम करने के लिए इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसे ओवर-द-काउंटर s
- दवाइयां आप खा सकते हैं।
- कंजेशन को कम करने के लिए सेलाइन ड्रॉप्स या नेज़ल स्प्रे का ही इस्तेमाल करें।
- गले में नमी बनाए रखने के लिए लोजेंज का इस्तेमाल करें।
- ब्रोन्कोडायलेटर्स का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे फेफड़ों और मांसपेशियों को आराम मिलता है।
अगर आपको क्रॉनिक पल्मोनरी डिजीज जैसी कोई बीमारी नहीं है तो ये बिमारियां सात दिन में ठीक होने लगते हैं। डिकॉन्गेस्टेंट जैसी कई दवाएं भी बलगम को कम करने का काम कर सकती हैं और आराम मिल सकता है।
बच्चों की छाती में कफ जमने के लक्षण का इलाज
बच्चों की छाती में कफ के जमाव होने पर निम्न घरेलू उपचारों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं :
बुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन के साथ कुछ ओवर-द-काउंटर दर्द दवाएं बच्चों के लिए ही बनाई गई हैं। उसके लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन जरूर करें। डॉक्टर ने जितनी खुराक बताई है उतनी ही खुराक दें।
कफ सिरप बच्चों की छाती में जमाव के कई लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। कफ सिरप मेडिकल की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है पर डॉक्टर की पर्ची ले जाना इसके लिए जरूरी हो सजा है।
बच्चों का शहद भी दे सकते हैं क्योंकि शहद बलगम को पतला करने और खांसी को कम करने में बहुत अधिक सहायता करता है।
बलगम को पिघलाने के लिए या जमाव को कम करने के लिए बच्चे की नाक में सेलाइन की कुछ बूंदों को भी निचोड़ सकते हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ओवर-द-काउंटर ठंड दवाओं के सेवन को प्रतिबंधित करता है। बच्चों को एस्पिरिन भी नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे रेये सिंड्रोम होने का खतरा होता है।