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छाती में गैस के लक्षण

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गैस के कारण होने वाले दर्द पर सामान्य रूप से ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके कारण व्यक्ति को हल्का दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यह बताना भी मुश्किल हो सकता है कि यह गैस के कारण दर्द है या हार्ट अटैक के कारण होने वाला दर्द।

इस लेख में गैस की वजह से छाती में गैस के लक्षण के कारण होने वाले दर्द के कारणों की पड़ताल की जाएगी।

लक्षण

आमतौर पर छाती में गैस के लक्षण के कारण होने वाली समस्या को छाती में जकड़न और असुविधा के रूप में व्यक्त करते हैं। छाती में दर्द के कारण जलन की समस्या भी देखी गई है। छाती में गैस के कारण होने वाला दर्द छाती के साथ साथ पेट में भी हो सकता है।

छाती में गैस की समस्या के लक्षण हरेक व्यक्ति के मामले में अलग अलग भी हो सकते हैं। यह व्यक्ति की दिनचर्या पर निर्भर करता है। परंतु इसका सामान्य लक्षण है-

  • भारीपन लगना
  • सूजन होना
  • खट्टी डकार आना
  • भूख में कमी
  • पेट फूलना
  • जी मिचलाना

गैस के कारण दर्द और सीने के दर्द में अंतर

छाती में गैस के लक्षण के कारण सीने में होने वाला दर्द चिंताजनक हो सकता है क्योंकि दिल से जुड़ा दर्द जैसे हार्ट अटैक के दर्द में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।

पेट के बाईं तरफ गैस के कारण होने वाले दर्द को शुरुआत में हार्ट अटैक के कारण होने वाला दर्द माना जा सकता हैं।

आगे लिखे हुए ये लक्षण बता सकते हैं कि यह दर्द हार्ट अटैक के दर्द से संबंध रखता है या छाती में गैस की समस्या के लक्षण है। हार्टअटैक के लक्षण है-

  • इस प्रकार का दर्द एकाएक उठना जिससे लगे कि दिल पर पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा हैं।
  • शरीर के ऊपरी हिस्से, गर्दन, पीठ, कंधे, हाथ और जबड़े सहित कई हिस्सों में दर्द।
  • महिलाओं में इस दौरान जबड़े में विषेश रूप से दर्द होता है।
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • बहुत अधिक पसीना आना।
  • जी मिचलाना।
  • अजीब सा महसूस होना।

अगर किसी व्यक्ति को महसूस होता है कि उसे हार्ट अटैक के लक्षण हैं तो इसे तुरंत मेडिकल सर्विस की सुविधा मिलनी चाहिए।

कारण

छाती में गैस की समस्या के लक्षण के कारण सीने में दर्द होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-

सीने में जलन

खाना नहीं पचने के कारण सीने मे जलन की तरह महसूस होता है। यह तब होता है जब गैस के कारण पेट का एसिड खाने की नली में आ जाता है।

अधिक भोजन के कारण

जब जरूरत से ज्यादा खाना खा लिया जाता है तो वह पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है जिसके गैस अधिक मात्रा में बनती है। गैस बनने का मुख्य कारण लैक्टोस और ग्लूटेन का बढ़ना हैं।

अधिक मात्रा में खाना खाने के कारण व्यक्ति को खाना पचाने वाले एंजाइमों की कमी हो सकती है जिससे सूजन, पेट दर्द और अधिक गैस हो सकता है।

फूड प्वाइजनिंग

खराब खाना या दूषित खाना खाने से फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से गैस बन सकती है और सीने में दर्द हो सकता है। इसके साथ कई अन्य लक्षण भी आते हैं-

बुखार

जी मिचलाना

उल्टी

दस्त

शौच के समय खून आना

आर्टिफिशियल मिठास

यह मिठास प्रकृति प्रदत्त नहीं बल्कि कृत्रिम होती है। इसकी सेवन की वजह से अतिरिक्त गैस और पाचन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

अधिक कार्बन का इस्तेमाल

सोडा, टॉनिक पानी, स्पार्कलिंग पानी और फिज इत्यादि में कार्बन डाइऑक्साइड अधिक मात्रा में पाया जाता है।

इस गैस के कारण भारीपन का अहसास हो सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जिससे सीने में दर्द हो सकता है।

स्वालोविंग वॉटर

फ़िजी ड्रिक में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है जो हमारे पाचन तंत्र में जाकर फंस सकती है।

बहुत अधिक मात्रा में सेवन से गैस जम सकता है जिससे छाती और पेट में दर्द हो सकता है।

पाचन के कारण

पाचन सही से न होने पर गैस बन सकता है जिससे सीने मे दर्द हो सकता है।

आंत के रोगों जैसे अल्सेरेटीव कोलाइटिस या क्रोइन रोग के कारण ऐसी स्थितियां बन जाती हैं जिससे गैस बनने लगती है।

पाचन सम्बन्धी समस्याओं के कारण मधुमेह भी हो सकता है।

हल्के सूजन के कारण निम्न समस्याएं हो सकती हैं –

पेट मे दर्द

दस्त

कब्ज

थकान

रक्तस्राव

वजन घटाना

जी मिचलाना

फाइबर का अधिक सेवन करने के कारण

फाइबर खाने के कारण पाचन तंत्र को सहायता मिलती है पर कई ऐसे फाइबर भी पाए जाते हैं जिंक अधिक सेवन से गैस की समस्या हो सकती है। फाइबर अधिक  समय तक आंतों में रह सकता है। कई बैक्टेरिया इसे तोड़ देते हैं जिससे गैस बनता है।

पित्त रोग के कारण

पित्त में एक ऐसी स्थिति बन जाती है जब पित्ताशय में पथरी बनने लगती है और गैस के कारण सीने और पेट में दर्द होने लगता है।

इसके अन्य लक्षणों एम शामिल है –

भूख में कमी

जी मिचलाना

उल्टी 

ठंड लगना

मल का रंग बदलना

निदान

गंभीर बीमारियों से बचने के लिए छाती में गैस के लक्षण से जल्दी से जल्दी निदान पा लें चाहिए।

एक बॉडी चेकअप बीमारी के सटीक पहचान के लिए पर्याप्त नहीं होगी। डॉक्टर ईसीजी (ECG) कराने का भी सलाह देंगे। ईसीजी दिल की समस्याओं से डॉक्टर को अवगत कराएगा।

यदि मरीज में दिल की बीमारी के लक्षण नहीं मिलते हैं तो वह अन्य कई टेस्ट कराने के लिए कह सकता जिससे चेस्ट में गैस के लक्षण की सही पहचान की जा सके जैसे –

एलर्जी की पहचान के लिए खून और त्वचा की जांच।

क्रोनिक जानकारी के लिए।

ऊपरी जीआई एंडोस्कोपी (EGD) जिससे पेट से संबंधित समस्याओं का पता लगाया जा सके।

पेट का सीटी स्कैन या अल्ट्रा साउंड।

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