थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार
हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉयड) एक ऐसी स्थिति उत्पन्न है जिसमें मरीज की थायरॉयड ग्रंथि कुछ बेहडी जरूरी हार्मोन का पर्याप्त निर्माण नहीं कर पाती है।
हाइपोथायरायडिज्म जब शुरुआती दौर में होता है तो अक्सर लक्षण नहीं दिखाई देता है। समय के साथ, अगर हाइपोथायरायडिज्म का इलाज नहीं होता है तो उससे मरीज को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे मोटापा, जोड़ों का दर्द, बांझपन और हृदय रोग। इन समस्याओं के कारण आगे थायरायड के लक्षण और घरेलू उपचार के विषय में बताया गया है।
थॉयराइड के लक्षण
थॉयराइड के परिचय के बाद यह जानना जरूरी हो गया है कि थॉयराइड के लक्षण क्या है। थायराइड के लक्षण कई बार अलग अलग होते हैं, जो हार्मोन की कमी पर निर्भर करता है। ऐसा भी हो सकता है कि ये समस्याएं कई वर्षों से हो रही हों और यह बहुत ही धीरे धीरे हो सकती हैं इसलिए कई बार थायराइड के लक्षण क्या हैं जैसे सवालों का जवाब मिलने में मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसके लक्षण आम जन जीवन की समस्याओं से जुड़े होते हैं।
मुख्य बात यह है कि थायराइड के लक्षण को पहचानने में समस्या होती हैं उन्हें पहचानना बहुत ही मुश्किल होता है जैसे कि थकान और वजन बढ़ना। लेकिन जैसे जैसे समय बीतेगा समस्याएं अधिक स्पष्ट होती जाती हैं।
थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार में पहले हम थायरायड के लक्षणों को जान लेते है –
- थकान
- ठंड अधिक लगना
- कब्ज
- रूखी त्वचा
- वजन बढ़ना
- सूजा हुआ चेहरा
- आवाज का बैठ जाना
- मांसपेशियों में कमजोरी
- रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों में दर्द या सूजन
- सामान्य मासिक धर्म के बजाय अनियमित होना
- बालो का झड़ना
- दिल का सुस्त होना
- डिप्रेशन
- दिमागी संतुलन खोने
- थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना
थायराइड के लिए घरेलू उपचार
तितली के आकार की थायरॉयड ग्रंथि शरीर की अधिकांश मेटाबोलिक कार्यों को नियंत्रित करती है। थर्मोरेग्यूलेशन, हार्मोनल फ़ंक्शन और वजन का नियंत्रण करना इस ग्रंथि के कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल हैं।
जो लोग थायराइड की समस्याओं से पीड़ित हैं, वे इससे ठीक होने के लिए घरेलू उपचार देख सकते हैं। थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार में लक्षणों को जानने के बाद आइए जानते हैं घरेलू उपचारों को-
नारियल का तेल
नारियल तेल में फैटी एसिड होते हैं जो थायरॉयड ग्रंथि के लिए बेहद लाभदायक होते हैं और उसके बेहतर कामकाज में मदद करते हैं। नारियल का तेल, अगर बिना गर्म किए इस्तेमाल किया जाता है, तो वजन कम करने में मदद करता है, मेटोब्लिजम बढ़ाता है और शरीर के तापमान को सामान्य करता है।
अन्य प्रकार के तेलों से ज्यादा, नारियल के तेल में स्वस्थ वसा की मात्रा अधिक होती है। नियमित रूप में व्यायाम और उचित संतुलित आहार के साथ, नारियल का तेल थायरॉयड ग्रंथियों के लिए अच्छा हो सकता है।
सेब का सिरका
सेब का सिरका हार्मोन संतुलित उत्पादन और कार्य करने में मदद करता है। यह मेटाबोलिक सिस्टम में सुधार करता है और शरीर के वातावरण को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
एप्पल साइडर सिरका शरीर की वसा में कमी करता ही और शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में तथा पोषक तत्वों के पूर्ण उपयोग में मदद करताहै।
सेब के सिरके के साथ नींबू डाल के लिए सुबह सुबह पीना चाहिए।
अदरक
यह थायराइड के लिए सबसे आसान घरेलू उपचारों में से एक है क्योंकि यह हर घर में आसानी से उपलब्ध है। अदरक में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज बहुत ज्यादा है और यह सूजन से लडने में में मदद करता है, सूजन थायरॉयड के कारणों में मुख्य रूप से शामिल है। अदरक की चाय बना कर उसे पीना सबसे आसान है।
अदरक एक तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि अदरक किसी तेल (उदाहरण के लिए नारियल तेल) के साथ मिलाया जाता है, तब ही इसे शरीर पर लगाया जा सकता है। अदरक का तौल आवश्यक तेल विसारक के माध्यम से भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
विटामिन बी
विटामिन बी थायराइड की समस्याओं में शामिल कारणों से लड़ने में मदद करता हैं। थायरॉइड फंक्शन के लिए ’B’ फैमिली के विटामिन बेहद जरूरी हैं। विटामिन बी 12 हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए ही विशेष रूप से जाना जाता है। दैनिक आहार में अंडे, मांस, मछली, फलियां, दूध और अखरोट शामिल करना, विटामिन बी की सामान्य मात्रा बनाए रखने में मदद कर सकता है। भोजन हमारे स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है इसलिए हमें सप्लीमेंटरी लेना जरूरी हो जाता है।
विटामिन डी
विटामिन डी की कमी से थायराइड की समस्या हो सकती है। अगर आप सूरज के संपर्क में आते हैं तभी विटामिन डी की जरूरत हमारे शरीर की पूरी होगी इसलिए यह ध्यान रखें कि आपको रोजाना कम से कम 15 मिनट अच्छी धूप मिले। इससे शरीर में कैल्शियम का पूर्ण उपयोग भी होगा और बीमारियों से लडने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। कुछ खाद्य पदार्थ जो विटामिन डी से भरपूर होते हैं, वे हैं वसायुक्त मछलियाँ जैसे सालमन और मैकेरल, डेयरी उत्पाद, संतरे का रस और अंडे की जर्दी।
यदि शरीर में विटामिन डी का स्तर बहुत कम है, तो सप्लीमेंटरी लेना जरूरी होगा। पर कोई भी सप्लीमेंटरी लेने से पहले डाक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए क्योंकि इसका अधिक सेवन शरीर को नुक़सान भी पहुंचा सकता है।
बादाम
ज्यादातर नट्स शरीर में किसी न किसी तरह से फायदेमंद होते हैं। थायराइड के उत्पादन के लिए बादाम सबसे जरूरी हैं। बादाम प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत हैं।
बादाम में सेलेनियम होता है जो थायराइड को स्वस्थ रखता है। इसमें मैग्नीशियम भी काफी मात्रा में पाया जाता है जो थायरॉयड ग्रंथि को बहुत आसानी से काम करने में मदद कर सकता है।
डेयरी उत्पादों
दूध, पनीर, और दही थायराइड के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमें आयोडीन अधिक पाया जाता हैं, जो कि थायराइड के कामकाज के लिए जरूरी है। डेयरी उत्पादों का सेवन विटामिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा जो बदले में थायराइड की समस्याओं के इलाज में मदद करेगा।
फलियां
बीन्स पोषण का एक पावरहाउस कहा जा सकता हैं। बीन्स फाइबर, प्रोटीन, जरूरी मिनरल्स और विटामिन से भरपूर होते हैं। बीन्स एंटीऑक्सिडेंट और जटिल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं। चूंकि बीन्स में फाइबर बहुत अधिक होता हैं जोकि कब्ज को ठीक करने में मदद करता है। हाइपोथायरायडिज्म का एक आम दुष्प्रभाव है कब्ज का होना।बीन्स को नियमित रूप से खाने से थायराइड फंक्शन में सुधार देखा गया है।
अलसी का बीज
अलसी का बीज अच्छे फैटी एसिड से भरपूर होता हैं जो दिल और थायरॉयड के लिए अच्छे होते हैं। अलसी के बीज थायराइड हार्मोन के उत्पादन में मदद करते हैं। मैग्नीशियम और विटामिन बी 12 से भरपूर, अलसी का बीज हाइपोथायरायडिज्म से लड़ता हैं।
आयोडीन की खुराक
एक और चीज जो थायरॉयड के कामकाज को प्रभावित करती है, वो है आयोडीन। आयोडीन की खुराक सभी को जरूर लेना चाहिए। यह उन लोगों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जो शाकाहारी हैं। ये पूरक शरीर में आयोडीन के संतुलन को बहाल करते हैं और थायरॉयड को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
नियमित व्यायाम
यह थायराइड को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अनदेखा किए जानेवाले पहलुओं में से एक है। दवाएं और नेचुरल उपचार तो ठीक हैं लेकिन इसे उचित व्यायाम के साथ जोड़ा जाना चाहिए। नियमित व्यायाम उचित हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और वजन को भी बेहतर बनाए रखता है जो थायराइड की समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
स्वस्थ भोजन और नियमित रूप से व्यायाम करने से थायराइड की समस्याओं से बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सकता है। इनमें से कई खाद्य पदार्थ आसानी से हमारे आहार का हिस्सा बन सकते हैं। आहार में जरूरी परिवर्तन करना हार्मोनल संतुलन और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पहला आवश्यक कदम है। आधुनिक जीवन में थायरायड की समस्याएं बेहद आम है। अनुशासन और ध्यान अच्छे थायरॉयड स्वास्थ्य की कुंजी है।