थायराइड के लक्षण
हमारा शरीर थायराइड हार्मोन का निर्माण करता है जोकि शरीर में विभिन्न भूमिकाएं निभाता है। जब किसी मनुष्य के शरीर में थायराइड हार्मोन का निर्माण बहुत अधिक या बहुत कम बनाता है तो उसी को थायराइड रोग कहा जाता है। हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, थायरॉयडिटिस और हाशिमोटो के थायरॉयडिटिस सहित कई प्रकार के थायराइड रोग हैं।
थायराइड हार्मोन क्या है ?
थायरॉयड ग्रंथि एक छोटा सा शरीर का अंग है जो गर्दन के सामने उभरा हुआ हिस्सा है, यह श्वसन नली (ट्रेकिआ) के चारों ओर लिपटा हुआ है। इसका आकार तितली के आकार जैसा है क्योंकि इसको देखने से ऐसा लगता है जैसे तितली के पंख की तरह फैला हुआ है और बीच में उसका मुख्य हिस्सा हो। थायरॉयड शरीर की एक ग्रंथि है। सामान्यतः मनुष्य के पूरे शरीर में ग्रंथियां होती हैं, जहां वे विभिन्न हार्मोन या पदार्थों को बनाते हैं और छोड़ते हैं जो कि शरीर को एक किसी भी कार्य करने में मदद करते हैं। मनुष्य का थायरॉयड एक हार्मोन बनाता है जो कि शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा तथा उसे नियंत्रित करने में मदद करता है।
जब किसी भी व्यक्ति का थायराइड ठीक से काम नहीं करता है, तो यह उसके पूरे शरीर को किसी न किसी रूप में जरूर प्रभावित कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति का शरीर थायराइड हार्मोन बहुत अधिक बताता है, तो वह हाइपरथायरायडिज्म नामक बीमारी से पीड़ित होता है। यदि किसी व्यक्ति का शरीर थायराइड हार्मोन बहुत कम बनाता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों ही स्थिति में बहुत गंभीर हैं और इसके तुरंत चिकित्सक से परामर्श ले लेना चाहिए।
थायराइड हार्मोन क्या करता है ?
थायराइड का किसी भी व्यक्ति के शरीर के भीतर एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम है – चयापचय(मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करने वाले थायराइड हार्मोन का निर्माण करना या बनाना और उन्हें नियंत्रित करना। मेटाबॉलिज्म एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर में जाने वाले भोजन को ऊर्जा के रूप में बदल दिया जाता है। इस ऊर्जा (एनर्जी) का उपयोग मानव के पूरे शरीर की कई परेशानियों को सही ढंग से काम करने के लिए किया जाता है। यह शरीर को कोई भी कार्य करने के लिए ऊर्जा का देने का कार्य करता है।
थायराइड मनुष्य के चयापचय(मेटाबॉलिज्म) को कुछ विशिष्ट हार्मोनों के साथ नियंत्रित करता है – टी 4 (थायरोक्सिन, चार आयोडाइड परमाणु शामिल हैं) और टी 3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन, तीन आयोडाइड परमाणु शामिल हैं)। ये दो हार्मोन थायरॉयड द्वारा बनाए जाते है जिसके माध्यम से वे शरीर की कोशिकाओं को बताते हैं कि कितना ऊर्जा का उपयोग करना है। जब आपका मनुष्य का थायराइड ठीक से काम करता है, तो यह चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को सही स्तर पर कायम करने के लिए हार्मोन की सही मात्रा को बनाए रखेगा। जैसे ही हार्मोन का उपयोग किया जाता है तो थायराइड उसकी जगह दूसरा हार्मोन भेज देता है।
यह सब कुछ पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा ही नियंत्रित की जाती है। सिर के केंद्र में पाई जाने वाली, आपके मस्तिष्क के नीचे, पिट्यूटरी ग्रंथि मनुष्य के रक्त प्रवाह में थायरॉयड हार्मोन की मात्रा की निगरानी और नियंत्रण करती है। जब पिट्यूटरी ग्रंथि को थायराइड हार्मोन की कमी या शरीर में उच्च स्तर के हार्मोन की आशंका होती है, तो यह खुद को हार्मोन के साथ ही मिल जाता है। इस हार्मोन को थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (TSH) कहा जाता है। TSH को सामान्यतः थायरॉयड में भेजा जाएगा और यह थायराइड को बताएगा कि शरीर को वापस सामान्य करने के लिए क्या करना चाहिए।
थायराइड की बिमारी क्या है ?
थायराइड रोग मेडिकल की दुनिया के लिए एक बहुत ही सामान्य शब्द है जो मनुष्य के थायराइड को सही मात्रा में हार्मोन बनाने से रोकता है। सामान्यरूप में देखें तो थायरॉयड आमतौर पर हार्मोन बनाता है जो कि मनुष्य के शरीर में सामान्य रूप से कार्य करता है। जब थायराइड बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनाता है, तो मनुष्य का शरीर बहुत जल्दी-जल्दी ऊर्जा का उपयोग करता है। इसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। बहुत जल्दी ऊर्जा का उपयोग करने से व्यक्ति थक जाता है। यह आपके दिल की धड़कन को तेज कर सकता है, जिसके कारण बिना किसी अन्य कोशिश के लोग अपना वजन कम कर सकते हैं। और यहां तक कि इसके कारण घबराहट भी हो सकती है। इस के फ्लिप-साइड पर, आपका थायराइड बहुत कम थायराइड हार्मोन बना सकता है। इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। जब आपके शरीर में थायराइड हार्मोन बहुत कम होता है, तो यह आपको थका देता है। देता सकता है, आप वजन बढ़ा सकते है। और वह ठंडे तापमान को भी सहन करने में असमर्थ हो सकते हैं।
ये दो मुख्य बीमारियां विभिन्न स्थितियों के कारण हो सकती हैं। यह बिमारी परिवार से आंशिक रुप में भी मिल सकती है।
थायराइड रोग से कौन प्रभावित हो सकता है
थायराइड रोग किसी को भी प्रभावित कर सकता है चाहे वह पुरुष, महिला, शिशु, किशोर और बुजुर्ग कोई भी हो। यह जन्म के समय वांशिक रुप में भी मौजूद हो सकता है (हाइपोथायरायडिज्म) और यह उम्र के बढ़ने के साथ- साथ शरीर में विकसित भी हो सकता है (अक्सर महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद)।
थायराइड की बीमारी बहुत आम है, जोकि लगभग 20 मिलियन यूनाइटेड स्टेट्स के लोगों में किसी प्रकार का थायराइड विकार है। एक महिला को एक आदमी की तुलना में थायराइड की पांच से आठ गुना अधिक होने की संभावना है।
आपको थायराइड के लक्षण के संभावना होगी अगर आप निम्न लक्षणों से ग्रसित हैं तो –
- यदि आपके परिवार में थायराइड रोग का इतिहास है।
- यदि कोई बीमारी हो जैसे खून की कमी, टाइप 1 मधुमेह, ल्यूपस, rheumatoid अर्थराइटिस, Sjögren’s सिंड्रोम और टर्नर सिंड्रोम बीमारियों में थायराइड होने का अधिक संभावना होती है।
- अगर आप आयोडीन की अधिक मात्रा के लिए दवा ले रहें हैं तो।
- 60 से अधिक उम्र की महिलाओं में।
- अगर थायराइड का इतिहास रहा हाया कैंसर (थायरॉयडेक्टॉमी या विकिरण) का उपचार किया गया हो।
थायराइड रोग किस कारण होता है?
थायराइड रोग के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं- हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म। थायराइड के लक्षण यह दोनों प्रकार अन्य बीमारियों के कारण हो भी सकते हैं जो कि थायरॉयड ग्रंथि के काम करने के तरीके को प्रभावित करती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- थायरॉयडिटिस: यह तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि में सूजन होता है। थायरॉयडिटिस आपके थायरॉयड पैदा करने वाले हार्मोन की मात्रा को कम कर सकता है।
- हाशिमोटो की थायरॉयडिटिस: इस बीमारी में दर्द नहीं होता है, हाशिमोटो की थायरॉयडिटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है जहां शरीर की कोशिकाएं थायरॉयड पर हमला करती हैं और नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी भी मनुष्य में वांशिक रुप में ही मिलती है।
- प्रसवोत्तर थायरॉयडिटिस: यह स्थिति 5% से 9% महिलाओं में प्रसव के बाद होती है। यह आमतौर पर एक अस्थायी स्थिति है।
- आयोडीन की कमी: आयोडीन का उपयोग थायराइड द्वारा हार्मोन के उत्पादन के लिए किया जाता है। आयोडीन की कमी एक ऐसा कारण बन चुका है जो दुनिया भर के कई मिलियन लोगों को प्रभावित करता है।
- एक अ-सक्रिय थायरॉयड ग्रंथि: कभी-कभी, थायरॉयड ग्रंथि जन्म से सही ढंग से काम नहीं करती है। यह 4,000 नवजात शिशुओं में से लगभग 1 को प्रभावित करता है। यदि इसका उपचार किया बिना छोड़ दिया जाता है, तो बच्चे को भविष्य में शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। सभी नवजात शिशुओं को उनके थायराइड की जांच के लिए अस्पताल में रक्त परीक्षण(ब्लड टेस्ट) किया जाता है।
हाइपरथायरायडिज्म होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- ग्रेव्स रोग: इस स्थिति में पूरी थायरॉयड ग्रंथि अति सक्रिय हो सकती है और बहुत अधिक हार्मोन का उत्पादन करने लगती है। इस समस्या को डिफ्यूज टॉक्सिक गोइटर (बढ़ी हुए थायराइड ग्रंथि) भी कहा जाता है।
- नोड्यूल्स: हाइपरथायरायडिज्म उन nodules के कारण हो सकता है जो थायराइड के भीतर अति सक्रिय हैं। एक एक नोड्यूल को थायराइड नोड्यूल कहा जाता है, जबकि कई नोड्यूल वाले ग्रंथि को एक बहु-नोड्यूलर भी कहा जाता है।
- थायरॉयडिटिस: इस बीमारी में या तो बहुत दर्द होता है या बिल्कुल भी महसूस नहीं किया जा सकता है। थायरॉयडिटिस में, थायरॉयड हार्मोन को जारी करता है जो वहां पहले से ही इकट्ठे थे। यह कुछ हफ्तों या महीनों तक हो सकता है।
- अत्यधिक आयोडीन: जब आपके शरीर में बहुत अधिक आयोडीन होता है, तो थायरॉयड जरूरत से ज्यादा थायराइड हार्मोन बनाता है। अत्यधिक आयोडीन कुछ दवाओं (ऐमियोडैरोन जो कि एक दिल की दवा है) और कफ सिरप में पाया जा सकता है।
थायराइड रोग के सामान्य लक्षण क्या हैं ?
थायराइड की बीमारी होने पर कई तरह के लक्षण हो सकते हैं। थायराइड के लक्षण अक्सर अन्य बीमारियों के संकेत के जैसे ही होते हैं। इससे यह जानना मुश्किल हो जाता है कि क्या यह लक्षण थायराइड से ही संबंधित हैं या किसी और बीमारी से।
थायराइड रोग के लक्षणों को दो समूहों में बांटा जा सकता है – वे जो बहुत अधिक थायराइड हार्मोन (हाइपरथायरायडिज्म) से जुड़ा हैं और वे जो बहुत कम थायराइड हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म) से जुड़ा है।
एक अतिसक्रिय थायराइड (hyperthyroidism) के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- चिंता, चिड़चिड़ापन और घबराहट का महसूस होना।
- सोने में परेशानी होना।
- वजन का घटना।
- मांसपेशियों में कमजोरी और कंपकंपी होना।
- अनियमित मासिक धर्म होना या मासिक धर्म रुक जाना।
- दृष्टि की समस्या या आंखों में जलन होना।
एक अंडरएक्टिव थायराइड के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
- थकान (थकान) महसूस होना।
- वजन बढ़ना।
- भूलने की बीमारी का अनुभव।
- लगातार और भारी मासिक धर्म होना।
- सूखे और मोटे बाल होना।
- ठंडे तापमान उसके लिए असहनीय होना