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दिल की बीमारी के लक्षण

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कोरोनरी आर्टरी डिजीज या कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर या फिर हार्ट अटैक जैसी दिल की समस्या के लिए अलग-अलग इलाज की जरूरत होती है, लेकिन इसके लक्षण एक जैसे ही हो सकते हैं। अपने डॉक्टर से मिले और उन लक्षणों पर बात करें।

उन लक्षणों को पहचानना सीखें जोकि दिल की बीमारी के लक्षण का पता चल सकता है। अपने डॉक्टर को बुलाएं यदि आपको कई नए लक्षण दिखाई देने लगते हैं और अगर यही लक्षण गंभीर हो जाते हैं।

 कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण

 कोरोनरी आर्टरी की बीमारी का सबसे आम लक्षण होता है एनजाइना या सीने में दर्द का होना। एनजाइना की वजह से सीने में बेचैनी तथा भारीपन का होना और प्रेशर का महसूस होना, दर्द, जलन भी इसमें भी महसूस हो सकती है। एनजाइना कंधे, हाथ, गर्दन, गले, जबड़े या पीठ में भी महसूस की जा सकती है।

 कोरोनरी धमनी बिमारी के अन्य लक्षणों या दिल की बीमारी के लक्षण में निम्न बातें शामिल हैं:

  •  साँसों की कमी का महसूस होना
  • पैल्पिटेशन (दिल की धड़कन का अनियमित होना या छाती में “फ्लिप-फ्लॉप” को महसूस होना)
  • दिल की धड़कन का तेजी से बढ़ना
  • कमजोरी या चक्कर का आना
  • मतली का आना
  • पसीना बहुत अधिक होना

हार्ट अटैक के लक्षण

दिल के दौरे के लक्षण या दिल की बीमारी के लक्षण में निम्न बातें शामिल हो सकती हैं:

  • बेचैनी का होना, प्रेशर बहुत अधिक भारीपन या छाती, हाथ या ब्रेस्टबोन के नीचे भी दर्द का होना
  •  पीठ या जबड़े, गले या बांह में भी बेचैनी का होना
  • अपच या घुटन महसूस होना
  • पसीना होना, मतली का आना, उल्टी का होना या चक्कर आना
  • बहुत अधिक कमजोरी, अधिक चिंता होना, या सांस की तकलीफ का बढ़ जाना
  • दिल की धड़कन का तेज हो जाना

 दिल के दौरे के समय इसके लक्षण आमतौर पर 30 मिनट या उससे अधिक समय तक रहते हैं और आराम करने या दवाओं से कोई राहत नहीं मिलती है। इसके शुरूआती लक्षणों में हल्का सा दर्द होता है और ये दर्द बढ़ता ही जाता है। कुछ लोगों को बिना किसी भी लक्षण के इस तरह दिल का दौरा पड़ता है, जिसे “साइलेंट” मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई) के रूप में भी जाना जाता है।  यह मधुमेह वाले लोगों में बहुत अधिक होता है। अगर आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है तो देर न करें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दिल के दौरे का तुरंत इलाज करवाकर दिल को हुए नुकसान की मात्रा को कम करने की आप कोशिश कर सकते हैं।

हृदय वाल्व से जुड़ी बीमारी के लक्षण

 हृदय वाल्व रोग के लक्षण या दिल की बीमारी के लक्षण में कई निम्नलिखित बातें शामिल हो सकती हैं जैसे:

  • सांस की तकलीफ और सांस लेने में कठिनाई का होना – कोई व्यक्ति इसे सबसे अधिक तब नोटिस कर सकता हैं जब आप अपनी सामान्य दैनिक काम कर रहे होते हैं या जब आप बिस्तर पर सपाट लेट जाते हैं।
  • कमजोरी या चक्कर का आना
  • सीने में बेचैनी का होना- आप कोई काम करते समय या ठंडी हवा में बाहर जाने पर अपनी छाती में प्रेशर या भार महसूस कर सकते हैं।
  • धड़कन का बढ़ना

हार्ट फेल होने के लक्षण

कमजोर दिल के लक्षण या फिर हार्ट फेल के लक्षणों में निम्न बातें शामिल हो सकती हैं:

  • कोई काम करते समय या फिर आराम करते समय या जब आप बिस्तर पर लेटे हैं तब दिल में दर्द का महसूस होना।
  • थूक वाली खांसी का होना।
  • वजन का बहुत तेजी से बढ़ना जैसे एक या 2 दिन में 3 पाउंड वजन का बढ़ना।
  • टखनों पैरों के पेट में सूजन का होना
  • लगातार चक्कर आना।
  • थकान या कमजोरी का बढ़ते चले जाना।
  • दिल की धड़कन का बहुत तेज व अनियमित होना।
  • मतली और सीने में दर्द होना

 दिल की बीमारी के होने का यह अर्थ नहीं है कि आपका दिल कमजोर है और यह आपको कमजोर दिल के लक्षण दिख रहें हैं जो कि उसके मुकाबले आपका दिल बहुत मजबूत या फिर हो सकता है कि आपका दिल बहुत ज्यादा कमजोर हो गया पर फिर भी कोई लक्षण ना दिख रहा हो।

जन्म से होने वाली दिल की बीमारी के लक्षण

 जन्म के समय ही दिखने वाली दिल के रोग के लक्षण की पहचान जन्म से पहले या जन्म के ठीक बाद या बचपन के दौरान या फिर बड़े होने तक भी जल्दी नहीं हो पाता है। हो सकता है कुछ एक लक्षण दिखें पर ऐसा भी हो सकता है कोई भी लक्षण ना देखिए कभी-कभी बॉडी टेस्ट होने पर दिल की धड़कन या फिर ईसीजी की रिपोर्ट में पता चल जाता है कि व्यक्ति के दिल में कोई बीमारी है। एक्स-रे के माध्यम से भी दिल के बीमारी का पता चल सकता है। किसी व्यक्ति में अगर जन्म से ही दिल की बीमारी है तो उन्हें निम्न लक्षण दिख सकते हैं-

  • साँसों की कमी की बीमारी
  • व्यायाम करने की कम क्षमता

दिल की बीमारी के लक्षणों के बारे में डॉक्टर को कब कॉल करें ?

जब आप में से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की दिल की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल करते हैं, तो उनके लक्षणों पर नज़र रखें और जानें कि डॉक्टर को कब बुलाना है या जब चेकअप के लिए जाना है। अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें –

  • भूख न लगना या मतली के साथ पेट का भरा भरा महसूस होना
  • बहुत अधिक थकान होना या दैनिक गतिविधियों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम न होना।
  • सांस की बीमारी या खांसी का होना
  • दिल बहुत तेजी से धड़कना
  • दिल की धड़कन अनियमित रूप से होना
  • सीने में दर्द और बैचैनी का होना जोकि आराम करने से ठीक हो जाती है।
  • सामान्य दिनों की तरह आराम करने पर तकलीफ का महसूस होना
  • नींद के पैटर्न का बदल जाना जैसे कि बहुत अधिक सोना या फिर नींद न आने की समस्या का होना
  •  बहुत कम पेशाब करना
  •  बेचैनी का बहुत अधिक बढ़ जाना
  •  लगातार चक्कर का आते रहना
  •  मतली होना
  • भूख न लगना

इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं और समय समय पर जांच कराते रहें। डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।

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