न्यूरोलॉजी बिमारी के लक्षण
न्यूरोलॉजी बिमारी के लक्षण क्या हैं?
न्यूरोलॉजी बिमारी के लक्षण नर्वस सिस्टम के कारण या उसमें होने वाले समस्याओं के लक्षण होते हैं। शरीर में नर्वस सिस्टम के दो भाग होते हैं। सेंट्रल नर्वस सिस्टम, जिसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी शामिल होती है, जोकि सेंट्रल प्रोसेसिंग स्टेशन के रूप में अपना काम करता है। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम शरीर के बाकी हिस्सों की मांसपेशियों, टिश्यू और तंत्रिकाओं के बीच की सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन को दिमाग तक पहुंचाने का काम करता है। जब ये कनेक्शन किसी वजह से बाधित होते हैं, तो न्यूरोलॉजिकल समस्याएं दिखने लगती हैं।
न्यूरोलॉजिकल लक्षण अक्सर पेरीफेरल नर्वस सिस्टम में दिखने लगते हैं और इसमें जलन होने लगती है या कोई शरीर के किसी हिस्से में सुन्न होने की समस्या, पिन-या-सुई के चुभन का पता न चलना, मांसपेशियों में कमजोरी या पक्षाघात का होना, और संवेदनशीलता भी इसमें शामिल हैं। ये लक्षण किसी चोट के कारण भी हो सकते हैं या दर्द सीधे किसी मानसिक या शारीरिक चोट के भी कारण हो सकता है। ऐसी बिमारियां पूरे शरीर पर प्रतिकूल असर छोड़ सकती हैं।
नर्वस सिस्टम के ये लक्षण एक ही नर्वस सिस्टम से या कई से भी हो सकते हैं। कुछ सिंड्रोम जैसे कि कार्पल टनल सिंड्रोम तब होता हैं जब एक नर्व संकुचित सी हो जाती है और उसे अच्छे से खून नहीं मिल पाता है। डायबटीज पेरीफेरल नर्व सिस्टम में समस्या का एक सामान्य सा कारण है, जो हाई ब्लड शुगर से नर्वस सिस्टम में होने वाले नुकसान के ही कारण होता है। न्यूरोलॉजिकल लक्षण ऑटोइम्यून बीमारियों या कई वायरस जैसे मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), एपस्टीन-बार, या वैरिकाला-ज़ोस्टर से भी हो सकती हैं।
न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ अन्य लक्षण क्या हो सकते हैं?
न्यूरोलॉजिकल लक्षण कई अन्य लक्षणों के साथ भी हो सकते हैं, जो कि शरीर में होने वाली कई बिमारियों, विभिन्न तरह की कमियों के आधार पर अलग अलग होते हैं। न्यूरोलॉजिकल लक्षण कई तरह के होते हैं क्योंकि नर्वस सिस्टम शरीर के तापमान, ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों में समस्या, खाने के पचने और भूख और विजन के नियंत्रण सहित कई कार्यों के साथ-साथ शरीर की विभिन्न प्रणालियों को नियंत्रित करने का काम करता है उसमें भाग लेता है।
न्यूरोलॉजिकल लक्षण जो नर्वस सिस्टम को बहुत अधिक तेजी से प्रभावित करने वाले अन्य लक्षणों के साथ भी हो सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है –
- स्वाद या गंध का बदलना
- जलन का अहसास होना
- भ्रम होना
- बेहोशी, सुस्ती या चेतना में बदलाव का होना
- डायस्टोनिया होना
- संतुलन का बिगड़ना
- मांसपेशियों में कमजोरी का होना
- शरीर के किसी हिस्से का सुन्न होना
- लकवा होना या शरीर के किसी अंग को हिलाने में समर्थ
- पिन और सुई के धंसने का पता न चलना
- संवेदनशीलता
- झुनझुनी होना
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी नर्वस सिस्टम की समस्या के साथ हो सकते हैं।
पाचन तंत्र से जुड़े हुए लक्षणों के साथ न्यूरोलॉजिकल लक्षण हो सकते हैं जिनमें कि शामिल हैं:
कई गंभीर लक्षण जोकि जिंदगी में बहुत अधिक समस्या उत्पन्न कर सकते है। कई मामलों में ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम की खराबी के कारण होने वाले न्यूरोलॉजिकल लक्षण एक सामान्य व्यक्ति की जिंदगी के लिए खतरा हो सकते हैं और इनका आपातकालीन उपचार किया जाना चाहिए।
समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति तुरंत डॉक्टर से देखभाल संबंधी निर्देष ले। अगर आप निम्न लक्षणों वाले किसी व्यक्ति को जानते हों या ये लक्षण स्वयं आपको ही हो तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से सलाह ले लें। लक्षण निम्न है –
- पुतली के आकार में बहुत अधिक बदलाव का होना
- चेतना या फिर सतर्कता के लेवल में बदलाव का होना जैसे कि पासिंग आउट।
- किसी चीज को निगलने में कठिनाई
- मन का बहुत अधिक भटकाव होना
- बार बार चक्कर का आना
- अच्छे तरीके से न बोलना या बोलने में असमर्थ होना
- मांसपेशी का समन्वय ठीक सा न होना
- सांस से जुड़ी हुई समस्या का होना जैसे कि सांस की तकलीफ का होना, सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट का होना, सांस लेने में समस्या का होना, घुटन का होना।
- अचानक लकवा मारना या शरीर के किसी हिस्से या अंग को हिलाने में असमर्थ होना
- देखने में समस्या का होना या अचानक अंधापन का होना
न्यूरोलॉजिकल बीमारी किन कारणों से होती है?
नर्व सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी के लक्षण किसी एक नर्व से या कई नर्व से हो सकते हैं। कई तरह के सिंड्रोम जैसे कि कार्पल टनल सिंड्रोम, तब होता हैं जब नर्व बहुत ही ज्यादा संकुचित हो जाती है और उसे अच्छे से ब्लड नहीं पहुंच पाता है। शुगर जैसा न्यूरोपैथी एक सामान्य सा कारण होता है जो कि बहुत अधिक शुगर होने से नर्व को नुकसान पहुंच सकता है। न्यूरोलॉजिकल लक्षण ऑटोइम्यून बीमारियों से भी हो सकते हैं, जैसे कि ल्यूपस या गुइलेन-बैरे सिंड्रोम या फिर मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) या एपस्टीन-बार वायरस जैसे संक्रमण से भी ये हो सकता है।
नर्व से जुड़े हुए लक्षण बहुत अधिक दर्द के कारण या फिर किसी आघात या चोट के कारण भी न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिख सकते हैं जैसे कि:
- बर्न्स
- नसों के नुकसान पहुंचने पर
- रीढ़ की हड्डी से नसों के अलग होने पर
- बिजली की चोट के कारण
- हड्डी के फ्रैक्चर या फिर किसी और मुश्किल के कारण
- गनशॉट इंजरी के कारण
- शरीर पर किसी चोट के कारण
- स्लिप्ड वर्टेब्रल डिस्क या अन्य रीढ़ की किसी स्थिति के कारण
न्यूरोलॉजिकल से जुड़े हुए लक्षण विभिन्न इंफेक्शन या ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं जिनमें कि निम्न बीमारियां शामिल हैं:
- एपस्टीन-बार वायरस के संक्रमण के कारण
- गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कारण
- हेपेटाइटस सी के कारण
- मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) इंफेक्शन के कारण
- लाइम रोग के कारण
- दिमाग के या मेनिन्जेस के कई अन्य जीवाणु और वायरल इंफेक्शन के कारण
- ल्यूपस एरिथेमेटोसस, यह ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर बहुत तेजी से हमला करता है।
- वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस इंफेक्शन का होना
नर्वस सिस्टम से जुड़े हुए लक्षण कई तरह के रोग या कई अन्य तरह के पदार्थों के दुरुपयोग के कारण भी हो सकते हैं। निम्न बिमारियों के कारण ऐसा होना संभव है-
- शराब या अवैध नशीली दवाओं या पदार्थों के इस्तेमाल के कारण।
- चारकोट-मैरी-टूथ रोग के कारण
- टिश्यू में बीमारी या खराबी के कारण
- मधुमेह या शुगर के कारण
- हार्मोन में होने वाली समस्या जैसे कि हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायराइड) के कारण
- किसी दवा के दुष्प्रभाव के कारण
- मियासथीनिया ग्रेविस के कारण
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस के कारण
- न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के भी कारण
- पोषक तत्वों की कमी के कारण जैसे कि थायमिन, नियासिन और विटामिन ई, बी1, बी6 या बी12
- सीसा, पारा और अन्य धातुओं विषाक्त धातुओं के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण
- कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी चोटों के कारण
- ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के कारण
बिमारी के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा पूछा जाने वाला प्रश्न
बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपसे आपके नर्वस सिस्टम से जुड़े हुए लक्षणों से संबंधित कई प्रश्न पूछेगा। इन प्रश्नों में शामिल हो सकता हैं:
- आपने कब तक इन लक्षणों को महसूस किया है?
- आपने पहली बार इन लक्षणों को कब नोटिस किया था?
- आप इन लक्षणों को कहाँ महसूस करते हैं?
- क्या आपके पास इसके अलावा कोई अन्य लक्षण भी हैं?
- आप कौन-कौन सी दवाएं ले रहे हैं?
- क्या आपको हाल ही में किसी दुर्घटना में नुकसान पहुंचा है या कोई चोट लगी है?
- क्या आपके परिवार में कोई नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी किसी अन्य सदस्य को भी हैं?
न्यूरोलॉजिकल बीमारी के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
कई कारणों से न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का विकास बहुत तेजी से बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं। यह भी जरूरी नहीं कि जोखिम से जुड़े हुए सभी लोगों को न्यूरोलॉजिकल बीमारी के लक्षण मिलें ही। न्यूरोलॉजिकल बिमारियों के लिए जोखिम कारक अलग अलग स्थितियों के कारण अलग अलग भी हो सकते हैं। न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के लिए कई जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- शराब या अवैध मादक पदार्थो का बहुत अधिक सेवन करना
- मधुमेह की बीमारी
- जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल करना या जहरों के संपर्क में बार बार आना
- नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुई बिमारियों का पारिवारिक इतिहास होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- पोषक तत्वों की बहुत अधिक कमी का होना
- बार बार तनाव का होना
नर्वस सिस्टम से जुड़े लक्षण की संभावित जटिलताएं क्या हैं?
कई न्यूरोलॉजिकल लक्षण किसी गंभीर बीमारी या चोट के कारण भी हो सकते हैं। इलाज न हो पाने के कारण कई लोगों को गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और लोगों को स्थायी क्षति भी हो सकती है। बीमारी की पहचान हो जाने के बाद किसी भी व्यक्ति के लिए उपचार के दिशा निर्देश का पालन करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है जिसको कि आपके डॉक्टर ने आपकी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया है ताकि संभावित जटिलताओं के जोखिम को बहुत कम किया जा सके और बीमारी से इलाज मिल सके।