पाइल्स के लक्षण
पाइल्स बवासीर के लिए ही एक अन्य शब्द है। पाइल्स अनाल कैनल में होने वाले सूजन के टिश्यू का ही इकट्ठा होना है। इसमेंमें ब्लड सेल्स, टिश्यू, मांसपेशियां तथा फाइबर होता हैं।
वर्तमान में बहुत से लोगों को पाइल्स होता है, लेकिन इसके लक्षण हमेशा स्पष्ट रूप से पता नहीं चलते हैं। यूएसए में 50 वर्ष की आयु से पहले कम से कम 50 प्रतिशत लोगों को पाइल्स के लक्षण मिल सकते है।
इस लेख में पाइल्स और उसके कारणों उसके इलाज तथा उसके विभिन्न स्टेज के बारे में बताया गया है। पाइल्स का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है इसका भी जिक्र इस लेख में किया गया है।
बवासीर पर कुछ सामान्य तथ्य:
- पाइल्स तब होता है जब टिश्यू में सूजन हो जाता है और वह एक जगह इकट्ठा हो जाता है।
- पाइल्स का आकार अलग-अलग भी हो सकता है।
- पाइल्स बहुत अधिक पुरानी कब्ज बहुत अधिक वजन उठाने और गर्भावस्था के समय मल त्याग करते समय बहुत अधिक परेशानी के कारण होता है।
- पाइल्स का इलाज डॉक्टर अलग-अलग जांचों के बाद कर सकता है।
- बवासीर को I से IV के पैमाने पर बांटा गया है। ग्रेड III या IV में, सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है ।
बवासीर के लक्षण
अधिकतर मामलों में पाइल्स के लक्षण बहुत अधिक गंभीर नहीं होते हैं वह सामान्य तौर पर कुछ दिनों बाद अपने आप ही ठीक हो जाता है।
बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं-
- गुदा के आसपास एक बहुत अधिक कठोर गांठ भी महसूस हो सकती है। इसमें ब्लड जमा मिल सकता है। जिस बवासीर में खून होता है उसे थ्रोम्बोस्ड एक्सटर्नल बवासीर भी कहा जाता है।
- मल त्याग करने के बाद भी पाइल्स वाले व्यक्ति को यह महसूस हो सकता है कि आंतों में अभी भी मल है।
- मल त्याग करते समय ब्लड भी निकल सकता है।
- पाइल्स के आसपास का एरिया खुजलीदार, लाल और पीड़ादायक होता है।
- मल त्याग करते समय बहुत अधिक दर्द हो सकता है।
पाइल्स कभी कभी बहुत अधिक गंभीर स्थिति में की तरफ भी इशारा कर सकता है। इसमें निम्न चीजें शामिल हो सकती हैं:
- बहुत अधिक खून निकलने के कारण एनीमिया हो सकता है।
- इन्फेक्शन हो सकता है।
- मल त्याग करते समय बहुत अधिक मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
पाइल्स का वर्गीकरण
पाइल्स को चार ग्रेड में बांटा जा सकता है:
ग्रेड I: आमतौर पर गुदा के अंदर बहुत थोड़ा सा सूजन होती है। और वो दिखाई नहीं देता हैं।
ग्रेड II: ग्रेड II बवासीर ग्रेड I बवासीर से बड़ा हो सकता हैं, लेकिन गुदा के अंदर भी यह रहता हैं। मल त्याग के दौरान वो बाहर भी जा सकते हैं पर बिना किसी प्रयास के वो वापस भी आ जाते है।
ग्रेड III: इन्हें प्रोलैप्स्ड पाइल्स के रूप में भी जाना जाता है, और ये गुदा के बाहर दिखाई देने लगते हैं। व्यक्ति उसे लटकता हुआ महसूस कर सकता है परंतु बिना किसी अधिक प्रयास के उसे अंदर डाला जा सकता है।
ग्रेड IV: इन्हें वापस धकेला नहीं जा सकता और इलाज की जरूरत होती है। वे बड़े होते हैं और गुदा के बाहर लटकते रहते हैं।
पाइल्स के कारण बाहरी किनारे पर छोटी छोटी गाड़ी बन सकती हैं। ब्लड का थक्का जम सकता है और उसमें खुजली हो सकती है खुजली होने के साथ-साथ दर्द भी हो सकता है क्योंकि ब्लड का थक्का ब्लड के प्रवाह को रोकने का काम करता है।
थ्रोम्बोस्ड पाइल्स में तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
पाइल्स के कारण
पाइल्स निचले मलाशय में दबाव बढ़ने के कारण होता है।
गुदा के आसपास और मलाशय में ब्लड सेल्स प्रेशर के कारण खिंचने लगती और उनमें सूजन भी हो जाती है, जिससे कि पाइल्स हो सकता है। इसका कई अन्य कारण भी हो सकता है:
- बहुत अधिक पुराना कब्ज होना
- तेज दस्त आना
- बहुत अधिक भारी वजन का उठाना
- गर्भावस्था के कारण
- पाइल्स आनुवांशिक रूप से या फ़िर कई अन्य कारणों से भी हो सकती है।
पाइल्स को डाइग्नोज करना
एक डॉक्टर सामान्य तौर पर शारीरिक जांच करने के बाद पाइल्स को डाइग्नोज कर सकता है।
डॉक्टर निम्न प्रश्न किसी भी मरीज से पूछ सकता है:
- क्या आपके किसी करीबी रिश्तेदार को बवासीर है?
- क्या मल में खून या बलगम आता है?
- क्या हाल ही में आपका बहुत अधिक वजन घटा है?
- क्या हाल ही में मल त्याग करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव आया है?
- मल किस रंग का होता हैं?
अंदर के पाइल्स की जांच के लिए डॉक्टर डिजिटल रेक्टल एग्जाम (डीआरई) कर सकते हैं या प्रोक्टोस्कोप का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रोक्टोस्कोप एक खोखली नली होती है जिसमें लाइट लगी होती है।
चिकित्सक एक कोलोनोस्कोपी करवाने की सिफारिश भी कर सकता है पाइल्स वाले व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जोकि पाचन तंत्र की अन्य बीमारियों में भी होते हैं, या वे कोलोरेक्टल कैंसर में भी हो सकते हैं।
बवासीर का इलाज
अधिकतर मामलों में पाइल्स बिना किसी इलाज के अपने आप ही ठीक हो जाता है पर कई लोगों में पाइल्स बिना इलाज के ठीक नहीं हो सकता है। इलाज के माध्यम से व्यक्ति को मल त्याग करते समय होने वाली परेशानी और खुजली को कम करने में मदद मिलती है। निम्न तरीकों को अपनाकर पाइल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है-
जीवन शैली में बदलाव
पाइल्स को मैनेज करने के लिए डॉक्टर शुरू में लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव की सलाह दे सकते हैं।
भोजन: पाइल्स के समय मल त्याग करते समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और इस समय होने वाला कब्ज इसकी परेशानी को और अधिक बढ़ा सकता है आहार में बदलाव करके कोई भी व्यक्ति कब्ज से बच सकता है। कब्ज से बचने के लिए भोजन में फाइबर युक्त खाना जैसे कि फल और सब्जियां जिसमें की चोकर अधिक मात्रा में हो।
डॉक्टर पाइल्स के मरीज को बहुत अधिक पानी पीने की सलाह भी दे सकता है जिससे कि वह कैफीन से बच सकें।
शरीर का वजन: पाइल्स के दौरान अगर किसी व्यक्ति का वजन बहुत अधिक है तो वह अपना वजन कम करके पाइल्स की दिक्कतों में कमी कर सकता है।
पाइल्स से बचने के लिए डॉक्टर व्यायाम करने और मल त्याग करते समय ताकत लगाने से बचने की सलाह देते हैं व्यायाम करना पाइल्स के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पाइल्स में खाई जाने वाली दवाएं
पाईल्स से से पीड़ित व्यक्ति के लिए लक्षणों को ध्यान मे रख कर डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का सेवन करना चाहिए।
ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं: ये काउंटर पर या ऑनलाइन उपलब्ध हैं। दवाओं में दर्द पेन किलर मलहम, क्रीम और पैड शामिल होते हैं। ये दवाएं सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
आउटलुक
पाइल्स बहुत अधिक दर्दनाक और शरीर को कमजोर करने वाले साबित हो सकते हैं पर यह आमतौर पर कोई अन्य खतरा नहीं पैदा करते हैं ग्रेड 3 और ग्रेड 4 तक के पाइल्स को ठीक किया जा सकता है। और अधिक ग्रेड के पाइल्स के लिए कई सर्जिकल इलाज भी मौजूद है। पाइल्स का इलाज के दौरान डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।