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पेट के कैंसर का लक्षण

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पेट का कैंसर पेट की विभिन्न हिस्सों में फैलता है। पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है और इस कैंसर का पता लगाना और इसका निदान करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि समान्य तौर पर पेट के कैंसर के लक्षण शुरूआती तौर पर नहीं दिखते हैं।

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) का अनुमान है कि 2017 में पेट के कैंसर के लगभग 28,000 नए मामले आए है।  NCI ने यह भी अनुमान लगाया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट के कैंसर के कैंसर से जुड़े कुल मामले हिस्सेदारी लगभग 1.7 प्रतिशत है।

पेट के कैंसर का पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि पेट के कैंसर के लक्षण सामान्य तौर पर नहीं दिखाई देते है इसलिए यह शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है और डॉक्टरों के नियंत्रण से बाहर हो जाता है। इससे इसका इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है। पेट के कैंसर का पता लगाना और इलाज करना भले ही मुश्किल हो जाता है पर सही समय पर पता चलने पर इसका इलाज किया जा सकता है।

पेट के कैंसर होने का क्या कारण है?

मनुष्य का पेट (एसोफैगस के साथ) पाचन तंत्र का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। पेट भोजन को शरीर के कई अन्य अंगों तक पहुंचाने का काम करता है। 

पेट का कैंसर तब होता है जब पाचन तंत्र में पाई जाने वाली कई स्वस्थ कोशिकाएं या सेल्स कैंसर बन जाती है। ये सेल्स नियंत्रण से बाहर जाकर सबसे पहले टयूमर बन जाती है। यह पूरा प्रोसिजर बहुत धीरे धीरे होता है। पेट का कैंसर बनने में कई साल लग सकते है।

पेट के कैंसर के जोखिम कारक

 पेट के कैंसर का सीधा संबंध पेट के ट्यूमर से होता है पर इसके अलावा भी कई कारण होते हैं जोकि कैंसर सेल्स के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इन कारणों में कई तरह की बीमारियां भी होती हैं। पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कुछ कारण निम्नलिखित है

  •  लिम्फोमा (ब्लड कैंसर का एक ग्रुप)
  •  एच पाइलोरी इंफेक्शन (यह पेट के इंफेक्शन से जुडा होता है जोकि कभी-कभी अल्सर का कारण भी बन सकता है)
  •  पाचन तंत्र के अन्य हिस्सों में ट्यूमर का होना

पेट का कैंसर होने की संभावना निम्नलिखित व्यक्तिओं में सबसे अधिक होती है:

  •  50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
  • पुरुषों में ये कैंसर होने की संभावना अधीन होती है।
  • धूम्रपान करने वालों में भी कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
  • आनुवांशिक कारणों से भी ये बीमारी हो सकती है।
  • जो लोग एशियाई या दक्षिण अमेरिकी देशों के निवासी हैं।

 पेट के कैंसर में जीवनशैली भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आपको निम्नलिखित परिस्थितियों में पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक हो सकती है अगर आप:

  • बहुत अधिक नमकीन खाते हैं या बाहर की चीजें खाते हैं।
  • बहुत अधिक मास खाने से भी पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
  • बहुत अधिक शराब पीने से भी पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  •  व्यायाम न करने के कारण पेट का कैंसर हो सकता है।
  • अगर खाया जाने वाला मुझे ठीक से पका हुआ नहीं है तो भी पेट का कैंसर हो सकता है।

 और अगर आपको लगता है कि आपको पेट के कैंसर होने का खतरा है, तो आप स्क्रीनिंग टेस्ट कराने पर जरूर विचार कर सकते हैं। स्क्रीनिंग टेस्ट तब किए जाते हैं जब लोगों को कई तरह की बीमारियों का खतरा होता है लेकिन अभी तक उनके लक्षण नहीं दिखे होते है।

पेट के कैंसर के लक्षण

 NCI के अनुसार सामान्य तौर पर पेट के कैंसर के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। पर जब यह कैंसर अपने खतरनाक स्टेज में पहुंच जाता है तो इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पेट के कैंसर के लक्षण में कई लक्षण आम हैं जैसे –

  • मतली और उल्टी का आना
  • बार-बार पेट में गड़बड़ी होना
  • भूख में कमी का होना और कभी-कभी एकाएक वजन का घटना।
  • पेट में लगातार सूजन का होना
  •  मल में खून का आना
  • पीलिया का होना
  •  बहुत अधिक थकान का होना
  • पेट दर्द का होना जो कि खाने के बाद बहुत तेज हो सकता है।

पेट के कैंसर का इलाज

सामान्य तौर पर देखें तो पेट के कैंसर के इलाज के लिए 1 से भी अधिक विकल्प होते। पेट के कैंसर का इलाज निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है –

  •  कीमोथेरपी
  •  रेडियेशन के माध्यम से
  •  सर्जरी के माध्यम से 
  •  इम्यूनोथेरेपी, जैसे टीके और दवा के माध्यम से 

इलाज करने का तरीका कैंसर की स्थिति और उसकी जगह पर निर्भर करेगी। व्यक्ति की आयु और उसका स्वास्थ्य में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 पेट में कैंसर कोशिकाओं के उपचार के अलावा, उपचार का लक्ष्य उसकी कोशिकाओं को फैलने से रोकना भी होता है।  पेट का कैंसर अगर बिना इलाज के छोड़ दिया जाता है तो वह शरीर के निम्नलिखित अंगों में फैल सकता है-

  • फेफड़े
  • लसीकापर्व
  • हड्डियाँ
  • लिवर 
  • लिवर

पेट के कैंसर से बचाव

 पेट के कैंसर को होने से रोका नहीं जा सकता है। निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर पेट के कैंसर के होने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है –

  • एक स्वस्थ वजन को बनाए रखना
  • संतुलित और कम वसा वाले आहार को खाना
  • धूम्रपान को पूरी तरह छोड़ना
  •  नियमित रूप से व्यायाम करना

 कई बार डॉक्टर दवाएं भी लिख सकते हैं जोकि पेट के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं।  यह आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है जोकि कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और इस वजह से उन्हें पेट का कैंसर हो सकता है।

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