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पेशाब रोग के लक्षण

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यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) किसी भी व्यक्ति के यूरिनरी सिस्टम के किसी भी हिस्से में होने वाला इन्फेक्शन है। यह किडनी, यूरेटर्स, ब्लैडर और यूरेथ्रा इत्यादि जगहों पर हो सकता है।  अधिकांश संक्रमणों में मूत्राशय और मूत्रमार्ग अधिक शामिल होता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है। मूत्राशय तक ही रहने वाला यह संक्रमण बहुत अधिक दर्दनाक और बेहद ही कष्टप्रद हो सकता है। पर अगर यूटीआई किसी व्यक्ति के गुर्दे में फैलता है तो इसका बहुत अधिक गंभीर परिणाम हो सकता हैं। डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ साथ पेशाब के रास्ते में होने वाले इन्फेक्शन का इलाज करते हैं। पर आप इससे पहले ही यूटीआई होने की संभावना को कम करने के लिए कई कदम उठा सकते है और इस बीमारी से बच सकते हैं।

 पेशाब रोग के लक्षण

 पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन के हमेशा लक्षण पैदा नहीं होते हैं, लेकिन जब वे लक्षण दिखना शुरू होते हैं तो उनमें कई बातें शामिल हो सकती हैं:

  • बार बार बहुत तेज पेशाब का आना
  • पेशाब करते समय जलन होना
  • बहुत थोड़ी मात्रा में पेशाब आना
  • पेशाब में झाग का बनना
  • लाल, चमकीला गुलाबी या कोला रंग का पेशाब आना जोकि बताता है कि पेशाब में खून भी आ रहा है।
  • तेज बदबूदार पेशाब
  • महिलाओं में पैल्विक दर्द का होना। 

पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन के विभिन्न प्रकार

 हरेक तरह के यूटीआई के अलग अलग और अधिक विशिष्ट लक्षण हो सकते हैं। इसमें दिखने वाले लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि पेशाब के रास्ते का कौन सा हिस्सा इंफेक्टेड है –

 पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन होने का लक्षण

  • गुर्दे पर असर
  • पीठ दर्द या साइड (फ्लैंक) में दर्द होना
  • बहुत तेज बुखार
  • ठंड लगना और कंपकपाना
  • मतली का आना
  • उल्टी करना

मूत्राशय (सिस्टिटिस) में इन्फेक्शन होने पर लक्षण

  •  पेट के निचले हिस्से में बेचैनी का होना
  •  बार-बार पेशाब आना और पेशाब करते समय दर्द होना
  •  पेशाब में खून का होना

मूत्रमार्ग में इंफेक्शन का होना

  •  पेशाब के साथ जलन का होना

 डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

यदि आपके पास यूटीआई के लक्षण बहुत थोड़े से भी दिख रहें हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

 पेशाब रोग के कारण

 पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन आमतौर पर तब होते हैं जब बैक्टीरिया पेशाब के रास्ते के माध्यम से मूत्र पथ में चले जाते हैं और यही मूत्राशय में बहुत तेजी से बढ़ना शुरू कर देते हैं। प्राकृतिक तौर पर यूरिन सिस्टम को ऐसे बैक्टीरिया के हमले से बचाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है पर ये बचाव कभी-कभी विफल हो जाते हैं। इसकी वजह से जब जब ऐसा होता है, तो बैक्टीरिया इस रास्ते से जा सकते हैं और पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन को तेजी से फैला सकते हैं।

 सबसे अधिक होने वाली यूटीआई मुख्य रूप से महिलाओं में बहुत अधिक होता हैं और यह मूत्राशय और पेशाब के रास्ते को प्रभावित करने लगता हैं।

 मूत्राशय का संक्रमण (सिस्टिटिस)

 इस प्रकार का यूटीआई सामान्य तौर पर एस्चेरिचिया कोलाई के कारण ही होता है। यह एक प्रकार का बैक्टीरिया जो आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) के रास्ते में पाया जाता है। पर इसके लिए कभी-कभी कई अन्य तरह के बैक्टेरिया भी ज़िम्मेदार पाए जाते हैं।

 संभोग करने से सिस्टिटिस हो सकता है, पर जरुरी नहीं कि जब आप शारिरिक रूप से सक्रिय हों तभी आपको हो। ये कभी भी हो सकता है। सभी महिलाओं को उनके शरीर की विशेष प्रकार के रचना के कारण सिस्टिटिस का खतरा बहुत ज्यादा होता है। विशेष रूप से पेशाब के रास्ते से गुदा तक की बेहद कम दूरी में इसके फैलने का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है।

पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन  

इस प्रकार का यूटीआई उस स्थिति में ही हो सकता है जब जीआई बैक्टीरिया गुदा से लेकर पूरे पेशाब के रास्ते तक फैल चुका होता है। यह महिला के पेशाब के रास्ते या योनि के करीब है जिससे यौन से होने वाला इन्फेक्शन, जैसे कि दाद, सूजन, क्लैमाइडिया और माइकोप्लाज्मा होने का खतरा बढ़ जाता हैं।

पेशाब रोग में होने वाला जोखिम

महिलाओं के पेशाब के रास्ते में होने वाला इन्फेक्शन बेहद ही आम हैं, और कई महिलाएं अपने जीवनकाल में ऐसे एक से अधिक इन्फेक्शन का अनुभव जरूर करती हैं।  यूटीआई के लिए महिलाओं में होने वाले जोखिम कारकों निम्न बातें शामिल है –

महिलाओं के शरीर की विशेष प्रकार से रचना-

किसी महिला के पेशाब का रास्ता पुरुषों में पेशाब के रास्ते की तुलना में बहुत छोटा होता है और इसी वजह से बैक्टेरिया को मूत्राशय तक पहुंचने के लिए बेहद ही कम दूरी तय करनी पड़ती है जिससे संक्रमण बेहद तेजी से फैलता है।

यौन क्रिया के द्वारा

यौन रूप में बहुत अधिक सक्रिय महिलाओं में उन महिलाओं की तुलना में अधिक यूटीआई होते हैं जो कि यौन रूप में बहुत कम या सक्रिय नहीं होती हैं। अगर नया यौन साथी होता है तो ये जोखिम भी बहुत अधिक बढ़ सकता है।

जन्म नियंत्रण के उपाय से इन्फेक्शन का बढ़ना  

जो महिलाएं जन्म नियंत्रण के लिए डायफ्राम का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें अधिक जोखिम हो सकता है। उन महिलाओं को यूटीआई होने का अधिक जोखिम होता जो शुक्राणु नाशक दवाईयों का इस्तेमाल करती हैं।

रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद इन्फेक्शन का बढ़ना

मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के बनने में गिरावट आ जाती जोकि पेशाब के रास्ते में संक्रमण होने के खतरे को बढ़ा देती है।

पेशाब के रास्ते में रुकावट का आना 

 गुर्दे की पथरी या बढ़ा हुआ प्रोस्टेट पेशाब के रास्ते को बाधित कर सकते हैं और यूटीआई के जोखिम को ये बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं।

प्रतिरक्ष प्रणाली में कमी

मधुमेह और कई अन्य बीमारियां होती है जोकि प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब करती हैं। प्रतिरक्षा तंत्र के खराब होने के कारण रोगाणुओं के खिलाफ शरीर की रक्षा में कमी होना यूटीआई के जोखिम को बहुत अधिक बढ़ा सकती हैं।

पेशाब रोग का निवारण

पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए आप निम्नलिखित कदमों को उठा सकते हैं:

तरल पदार्थ बहुत अधिक पिएं

पीने का पानी व्यक्ति के पेशाब को पतला करने में मदद करता है और कही न कहीं यह सुनिश्चित भी करता है कि आप जितना अधिक बार पेशाब करेंगे इन्फेक्शन शुरू होने से पहले आपके पेशाब के रास्ते से बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकता है और संक्रमण से आप बच सकते हैं।

 क्रैनबेरी जूस पिएं

इस बारे में बहुत अधिक शोध नहीं किया गया है कि क्रैनबेरी का रस यूटीआई को रोकता है पर कहा जा सकता है कि यह संभवतः हानिकारक नहीं है।

अंगों को अच्छे से पोछें

पेशाब करने के बाद और मल के त्यागने के बाद शरीर के अंगों को पोछने से गुदा क्षेत्र में बैक्टीरिया को योनि और पेशाब के रास्ते में फैलने से रोकने में बहुत अधिक मदद मिलती है।

संभोग के तुरंत बाद पेशाब करें और इसके अलावा, बैक्टीरिया को फ्लश करने में मदद करने के लिए एक गिलास पानी जरूर पिएं। इन क्रियाओं से बैक्टेरिया को फैलने से रोका जा सकता है।

 हो सकता कई प्रोडक्ट आपको परेशान करें। तो इन  परेशान करने वाले प्रोडक्ट से बचें रहें। प्राइवेट एरिया में डिओडोरेंट स्प्रे या अन्य प्रोडक्ट, जैसे कि डूश और पाउडर का उपयोग न करें। इनके इस्तेमाल करने से मूत्रमार्ग में जलन हो सकती है।

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