प्रसव पीड़ा के लक्षण
प्रसव पीड़ा के बारे में किसी व्यक्ति को इतनी जल्दी नहीं पता चलता है। यहां तक कि वो व्यक्ति भी जो माता-पिता बन चुके हैं वो भी स्पष्ट नहीं बता सकते कि प्रसव पीड़ा या लेबर पेन कब होगा। ऐसा इसलिए होता आ रहा है क्योंकि प्रसव पीड़ा के शुरुआती लक्षणों में से कई बातें अस्पष्ट होती हैं और आसानी से पता नहीं चलती हैं। कई बातें लोगों को असमंजस में डाल देती है जैसे कि: लेबर पेन इस बात का तो नहीं है कि बच्चा अब आगे की तरफ बढ़ रहा हो, या ये दर्द कल रात खाए गए ग्रैंड बर्टिटो का ही तो नहीं हैं? क्या लिक्विड पदार्थ का निकलना यह संकेत दे रहा है कि अब डिलीवरी का समय आ गया है या यह सिर्फ पेशाब का ही रिसाव है। बच्चे के वजन की वजह से पेशाब का यह रिसाव बढ़ सकता है? अगर आप यह पता लगाना चाहते हैं कि डिलीवरी की तारीख कितनी दूर है तो निम्न लक्षणों के माध्यम से यह अनुमान लगा सकते हैं –
- योनि के स्राव में बढ़ोतरी हो जाती है और यह संभवतः भूरा या गुलाबी रंग का हो जाता है।
- बच्चे का नीचे की तरफ गिरने जैसी स्थिति का महसूस करना। इस समय बच्चे का वजन अब डायाफ्राम पर दबाव नहीं डाल रहा होता है, और उसी के परिणामस्वरूप व्यक्ति बेहद आसानी से सांस ले सकता है।
- थोड़ा सा वजन घटना।
- पीठ में हल्का हल्का दर्द महसूस होना जोकि बीच बीच में होता रहता है।
- ऐंठन के साथ ढीली और बार-बार मल का त्याग। यह शरीर द्वारा आंतों को खाली करने का एक शानदार तरीका हैताकि गर्भाशय अच्छी तरह से सिकुड़ जाए। लेबर पेन से पहले उल्टी या मतली की भी सम्भावना हो सकती है।
- गर्भवती महिला के पेट में पेल्विक/रेक्टल में दबाव या ऐंठन महसूस हो सकता है।
- गर्भाशय की ग्रीवा नरम भी हो सकती है या ये पतली भी हो सकती है या फैलाव भी ज्यादा हो सकता है।
- ब्रेक्सटन हिक्स के संकुचित होने में बढ़ोतरी हो जाती है और इसमें हल्के ऐंठन के साथ गर्भाशय के कसने या सख्त होने जैसा भी महसूस होता है।
- बेचैनी भी हो सकती है या फिर एनर्जी का स्तर बहुत अधिक हो सकता है, या थकान जैसा भी महसूस हो सकता है।
लेबर पेन होने का इशारा
अगर आप निम्नलिखित में से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो प्रसव पीड़ा दिए गए समय पर न होकर जल्दी भी हो सकता है।
पानी का आना
एक शोध में पता चलता है कि 8 प्रतिशत महिलाओं में ही लेबर पेन का ये लक्षण दिखाई देता है। यह रिपोर्ट बताती है कि लगातार संकुचन शुरू होने से महिलाओं की एमनियोटिक लिक्विड की थैली टूट जाती है। अगर पानी टूट भी जाता है तो बहुत ज्यादा रिसाव न होकर गर्भवती महिला को बस थोड़ा सा रिसाव महसूस होने की संभावना ही होती है, क्योंकि पेट में बच्चे का सिर सामान्यतः बहुत अधिक लिक्विड को बाहर निकलने से रोकने का काम करता है।
एक बार जब एमनियोटिक लिक्विड की थैली फट जाती है, तो इसका सामान्य तौर पर मतलब होता है कि लेबर पेन वहीं कोने के आसपास ही है। एक शोध में पता चला है कि 80% महिलाएं गर्भधारण के दौरान पानी के टूटने के 12 घंटे के भीतर ही बहुत अधिक तेज प्रसव पीड़ा में चली जाती हैं।
डिस्चार्ज या ब्लडी शो का दिखना
गर्भावस्था के समय गर्भाशय का ग्रीवा बंद रहता है और यही ग्रीवा उस समय बलगम से भर जाता है। यह बच्चे को इंफेक्शन से बचाने का नैचुरल तरीका होता है। लेकिन जैसे-जैसे आप प्रसव का दिन नजदीक आता जाता हैं तो उसी समय गर्भाशय का ग्रीवा पतला होने लगता है। और यही ग्रीवा प्रसव की तैयारी में नरम होने लगता है, जिससे वहां जमा होने वाली सामग्री अपने आप हट जाती है। बलगम जोकि एक चमच्च से लेकर एक बूंद तक हो सकता है वो एक लिक्विड के माध्यम से निकल जाता है या निकाल दिया जाता है। यह गुलाबी रंग का दिख सकता है क्योंकि गर्भाशय की ग्रीवा धीरे धीरे पतला हो जाती है, जिससे छोटे ब्लड सेल्स गर्भाशय ग्रीवा की के साथ ही टूट जाता हैं और बलगम को एक नया रंग दे देता हैं। अगर कोई गर्भवती महिला ब्लडी शो को देखती हैं, तो उसका लेबर पेन कुछ घंटे या कुछ दिन या कुछ सप्ताह दूर भी हो सकता है, डॉ। ग्रैबोव्स्की कहते हैं।
क्या आपका पीठ दर्द भी हो रहा है ?
क्या आपको बहुत सी गर्भवती महिलाओं की तरह ही पीठ में दर्द हो रहा है तो घबराने की बात नहीं है क्योंकि यह बेहद ही सामान्य सी बात है। पर जब दर्द बहुत तेज होने लग जाता है, तो यह इस बात का इशारा हो सकता है कि आप “बैक लेबर” को महसूस कर रही हों पर फिर भी घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि ऐसा लगभग एक तिहाई महिलाओं के साथ होता है। कई मामलों में, बच्चे का सिर माँ की रीढ़ की हड्डी के साथ टकराता हुआ बाहर निकलता है। जिसकी वजह से पीठमें बहुत तेज दर्द हो सकता है और यही दर्द पेट तक भी जा सकता है लेकिन यह ज्यादातर पीठ में बना रहता है। प्रसव पीड़ा से एक महीने पहले तक भी आप कमर के पिछले या निचले हिस्से में तेज दर्द का अनुभव कर सकते हैं और यह दर्द बेहद ही सामान्य है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।