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प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

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प्रोस्टेट कैंसर वह कैंसर होता है जो कि प्रोस्टेट में होता है। प्रोस्टेट पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि को कहते है जोकि जो वीर्य को बनाने का काम करती है। वह शुक्राणु का पोषण करती और उसके ट्रांसपोर्ट का काम करती है।

 प्रोस्टेट कैंसर सबसे सामान्य प्रकार के कैंसर में से एक होता है। कई प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और वो प्रोस्टेट ग्रंथि तक ही सिमटे रहते हैं, जहां वे बहुत गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं।  हालांकि कई तरह के के प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं जिनको कि इलाज की जरूरत हो सकती है और जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है। कई प्रोस्टेट कैंसर जल्दी फैल सकते हैं।

जिस भी मरीज के प्रोस्टेट कैंसर का जल्दी पता चल जाता है या जब तक वह प्रोस्टेट ग्रंथि तक ही सीमित रहता है तो उसके इलाज करने में आसानी होती है आइए प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण को जानते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण शुरूआती चरणों में नहीं दिखते हैं। हो भी सकता है और कोई लक्षण नहीं भी हो सकता है।

 प्रोस्टेट कैंसर जो कि बहुत अधिक फैल जाता है वो कई तरीके के संकेत और कई तरह के अलग अलग लक्षण भी पैदा कर सकता है। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण निम्मलिखित हो सकते हैं:

  •  पेशाब करने में परेशानी
  • पेशाब के प्रेशर में कमी
  •  पेशाब में खून का आना
  •  वीर्य में खून का आना
  •  हड्डी में दर्द का होना
  • एकाएक वजन का घटना
  •  नपुंसक होना

डॉक्टर को कब दिखाना है ?

अगर आपको ऊपर लिखा हुआ किसी भी तरह का कोई भी लक्षण है और वो आपको परेशान कर रहा है तो आप डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण पर ध्यान देना जरूरी होता है।

प्रॉस्टेट कैंसर के कारण

 यह अभी तक पता नहीं चला है कि प्रोस्टेट कैंसर होने का क्या कारण होता है।

 डॉक्टरों को पता है कि प्रोस्टेट कैंसर तब होना शुरू होता है जब प्रोस्टेट की कोशिकाएं अपने डीएनए में बदलाव करने लगती हैं। एक सेल के डीएनए में कई इंस्ट्रक्शन होते हैं जोकि  एक सेल को बताते हैं कि क्या और कैसे करना है। प्रोस्टेट कैंसर के कारण होने वाला बदलाव कोशिकाओं को नॉर्मल कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ने और बंटने का कारण बनता है।  इसके कारण असामान्य कोशिकाएं बची रहती हैं जबकि अन्य सभी कोशिकाएं मर जाती हैं।

कई असामान्य कोशिकाएं एक जगह इकट्ठा होकर किसी एक जगह इकट्ठा हो सकती हैं और वही आस-पास के टिश्यू पर अटैक करने का काम सकती हैं। धीरे धीरे समय के साथ कई असामान्य सी कोशिकाएं टूट सकती हैं और शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं।

प्रॉस्टेट कैंसर के कारण

प्रोस्टेट कैंसर के निम्नलिखित जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में निम्न बातें शामिल हैं:

 बढ़ती उम्र

आपकी उम्र बढ़ने के साथ  ही प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। यह 50 साल की उम्र के बाद सबसे अधिक होता है।

आनुवांशिक कारणों के कारण

 यदि किसी व्यक्ति के ब्लड से जुड़े रिलेशन जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन या बच्चे में प्रोस्टेट कैंसर का निदान किया गया है, तो उस व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को स्तन कैंसर (बीआरसीए 1 या बीआरसीए 2) हुआ है या ब्लड से जुड़े रिलेशन में किसी को स्तन कैंसर हुआ है तो फिर प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है।

 मोटापे के कारण

स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में मोटे लोगों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है, हालांकि इससे जुड़े शोध के परिणाम मिले जुले ही रहे हैं।  मोटे लोगों में कैंसर के अधिक अटैकिंग होने और शुरुआती उपचार के बाद वापस लौटने की भी संभावना अधिक होती है।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

 आप प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं अगर आप निम्न बातों को अपनाते हैं तो:

 फलों और सब्जियों से भरा स्वस्थ आहार ही चुनें-

 विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां तथा साबुत अनाज जरूर खाएं। फलों और सब्जियों में कई प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व होते हैं जो कि आपके स्वास्थ्य में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।  ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जो कि विटामिन और खनिजों पदार्थों से भरपूर हों ताकि आप अपने शरीर में विटामिन के अच्छे स्तर को बनाए रख सकें

 सप्ताह के अधिकांश दिन व्यायाम करें

व्यायाम आपके पुरे स्वास्थ्य में सुधार करता है तथा यह आपको अपना वजन बनाए रखने में भी मदद करता है और मूड में भी सुधार करता है।  सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करने करें। अगर आप नए तरीके से व्यायाम करना शुरू किए हैं तो फिर व्यायाम धीमी गति से ही शुरू करें और प्रत्येक दिन व्यायाम का समय बढ़ाते रहें।

सामान्य और स्वस्थ वजन बनाए रखें

अगर आपका वजन अभी एक आदर्श वजन है, तो स्वस्थ आहार को ही खाएं और सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करके इसे बनाए रखने के लिए भी मेहनत करते रहे। यदि आपको अपना वजन कम करने की जरूरत महसूस हो रही है तो व्यायाम करने का समय बढ़ा दें और प्रतिदिन खाने वाली कैलोरी की संख्या को भी कम कर दें। वजन घटाने की योजना बनाने के लिए अपने डॉक्टर से जरूर पूछें और उसपर अमल करें।

 प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते जोखिम के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। अगर आपको लगता है कि आपको प्रोस्टेट कैंसर का बहुत अधिक जोखिम हो सकता है, तो आप और आपका डॉक्टर जोखिम को कम करने के लिए कई दवाओं या अन्य कई उपचारो को अपना सकते हैं और जोखिम को कम कर सकते हैं।  कुछ रिसर्च से पता चलता है कि फायनास्टराइड (प्रोपेसिया, प्रोस्कर) और ड्यूटास्टरराइड (एवोडार्ट) सहित 5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर खाने से प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है। इन दवाओं का इस्तेमाल प्रोस्टेट ग्रंथि में बढ़ोतरी और बालों के झड़ने को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है।

हालांकि कई शोधइस तरफ भी इशारा करते हैं कि इन दवाओं को लेने वाले लोगों में प्रोस्टेट कैंसर (उच्च ग्रेड प्रोस्टेट कैंसर) का अधिक गंभीर रूप भी हो सकता है।  अगर आपको लक्षण दिख रहें हैं तो आप जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।

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