प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण
जब आपको कैंसर होता है या जब आप कैंसर का इलाज करवाते हैं, तो आपके ब्लड सेल्स का स्तर सामान्य से बहुत नीचे तक गिर जाता है। प्लेटलेट्स इसी तरह के ब्लड सेल्स में से एक हैं। प्लेटलेट्स के बहुत कम स्तर पर चले जाने को डॉक्टरी भाषा में “बहुत कम प्लेटलेट काउंट” या “थ्रोम्बोसाइटोपेनिया” कहा जाता हैं। प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण कभी कभी बहुत अधिक खतरनाक हो सकते हैं।
प्लेटलेट्स जरूरत पड़ने पर ब्लीडिंग को रोकने में भी मदद करते हैं। उदाहरण के लिए देखें तो, अगर आपके शरीर का कोई हिस्सा अपने आप कट जाता हैं, तो उससे प्लेटलेट्स के ब्लड सेल्स को आपस में थक्का बना देने का काम करते हैं। यह कटी हुई ब्लड वेसल्स को बंद कर देता है ताकि वे जल्दी ठीक हो सकें। किसी भी व्यक्ति के ब्लड में सामान्य प्लेटलेट का स्तर उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता हैं अन्यथा प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण कई तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगर आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स नहीं बनाता है या फिर आपका शरीर प्लेटलेट्स को धीरे धीरे खो देता है या फिर नष्ट करने लगता है, तो आपके शरीर में कम प्लेटलेट काउंट की समस्या हो सकती हैं। बहुत कम प्लेटलेट काउंट कैंसर और उसके इलाज में एक दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए देखें तो, कीमोथेरेपी आपके प्लेटलेट काउंट को कम करने का भी काम कर सकती है।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण क्या हैं?
यदि आपका प्लेटलेट काउंट बहुत कम है, प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण दिख भी सकते हैं और नहीं भी दिख सकते हैं। किसी भी बदलाव को नोटिस करने से पहले आप एक सामान्य सा ब्लड टेस्ट भी करवा सकते हैं। अगर अब आपके पास इनमें से कोई भी प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें और उनके निर्देशों का पालन जरूर करें –
- बहुत अधिक घाव कम करना
- स्किन में हल्के हल्के नीले छोटे बैंगनी या लाल बिंदु का बहुत अधिक बनना।
- नाक से बहुत अधिक खून आना या मसूड़ों से बहुत अधिक खून आना।
- मल का बहुत अधिक काला पड़ना
- लाल या गुलाबी रंग का पेशाब आना।
- खून के साथ बहुत अधिक उल्टी आना
- बहुत अधिक पीरियड्स का आना
- बहुत तेज सर दर्द होना
- मांसपेशियों में भी तेज दर्द करना
- कमजोरी या चक्कर का आना
जब आपके शरीर में कम प्लेटलेट हो जाता है, तो आपके शरीर को नकसीर या किसी जगह कटने से होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में बहुत अधिक कठिनाई हो सकती है और यह बहुत खतरनाक हो सकता है।
प्लेटलेट की कम संख्या और कई अन्य तरह की कैंसर के दुष्प्रभावों का मैनेज करना आपके चिकित्सा देखभाल और उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
प्लेटलेट की कमी के क्या कारण हो सकते है?
प्लेटलेट की कमी के कई सामान्य कारण भी हो सकते है जिनमें कि शामिल हैं:
कीमोथेरेपी- कई तरह की कैंसर की दवाएं जैसे कि कीमोथेरेपी शरीर के अस्थि मज्जा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। यह कई व्यक्तियों के हड्डियों के अंदर का टिश्यू होता है जहां आपका शरीर प्लेटलेट्स को बनाने का काम करता है। कीमोथेरेपी के कारण कम होने वाला प्लेटलेट काउंट आमतौर पर अस्थायी होता है। यह बहुत दुर्लभ होता है कि प्लेटलेट की संख्या स्थाई रूप से कम हो गई है।
रेडियेशन से होने वाला इलाज – रेडियेशन से होने वाला इलाज आमतौर पर प्लेटलेट के कम होने का कारण नहीं बनता है पर अगर आप बहुत अधिक मात्रा में रेडियेशन थेरेपी को पाते हैं या यदि आप एक ही समय में रेडियेशन थेरेपी और किमोथेरेपी ले रहें हैं तो आपके प्लेटलेट का स्तर बहुत अधिक नीचे तक जा सकता है।
एंटीबॉडी – कई बार शरीर एंटीबॉडी नामक प्रोटीन बनाता है। एंटीबॉडी उन पदार्थों को नष्ट करते हैं जो कि आपको बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे कि बैक्टीरिया और वायरस। लेकिन कभी-कभी शरीर एंटीबॉडी बनाता है जो स्वस्थ प्लेटलेट्स को भी नष्ट कर देता है।
कई अन्य प्रकार के कैंसर- ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे कई तरह के कैंसर होते जोकि आपके प्लेटलेट के काउंट को बहुत कम कर सकते हैं। इस तरह के कैंसर में प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया पर बहुत तेजी से आक्रमण करती हैं।
प्लेटलेट की कम संख्या को डायग्नोज्ड कैसे किया जाता है?
डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए कई जांचे करेंगे और वह नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाने को कहेंगे। वह ब्लड टेस्ट के माध्यम से प्लेटलेट की संख्या को जान सकते है या यह भी बता सकते है कि प्लेटलेट की संख्या कितनी तेजी से घट रही है। इससे पता चल जाएगा कि आपके शरीर में प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण उसी वजह से हैं या फिर किसी और वजह से।
अगर आप कैंसर का इलाज करवा रहे हैं तो हो सकता है कि आपकी प्लेटलेट्स कम हो जाए इसलिए आप डॉक्टर के कहे अनुसार समय-समय पर प्लेटलेट्स की जांच करवा सकते हैं।
प्लेटलेट्स की कमी का इलाज कैसे किया जाता है ?
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण को रोकने के लिए डॉक्टर कई उपाय बता सकते हैं जिससे आप प्लेटलेट्स की कमी की समस्या को कम कर सकते हैं या उसे रोक सकते हैं –
- ओवर द काउंटर (ओटीसी) दर्द से जुड़ी दवाइयां लेने के बाद अगर आप शराब पीते हैं या कोई भी नई दवा लेते हैं तो यह प्लेटलेट्स के अकाउंट को और बढ़ा सकते हैं और ब्लीडिंग की समस्या को भी बढ़ा सकता है।
- अगर आप कैंसर का इलाज करवा रहे हैं तो हो सकता है आपको प्लेटलेट्स की कमी बताई जाए जिस वजह से डॉक्टर आप का इलाज रोक सकते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने पर ही इलाज शुरू कर सकते हैं। इसके लिए कभी कभी प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी जरूरत पड़ सकती है।
- ब्रश करते समय नरम टूथ ब्रश का इस्तेमाल करें जैसे कि मसूड़े स्वस्थ रहें और उनसे खून ना निकले।
- कैंची, चाकू या सुई या कई अन्य तरह के नुकीले औजारों का इस्तेमाल करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और खुद का ध्यान रखें।
- खाना बनाते समय जलने से बचने के लिए बहुत अधिक सावधानी बरतें, जैसे ओवन मिट्स का उपयोग करके और आग से बचकर।
- इलेक्ट्रिक रेजर से शेव करें।
- उन खेलों को खेलने से बचे जिनसे आपको चोट लग सकती है।
- नाखूनों को ट्रिम करने के लिए नेल क्लिपर के बजाय गोल सिरों वाली नेल फाइल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
- नंगे पांव, अंदर या बाहर न घूमें।
अगर प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है और आपको कोई लक्षण दिखने लगता है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें और उनकी सलाह को जरूर माने।