ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
जब किसी व्यक्ति के दिमाग में कोशिकाओं की संख्या असामान्य हो जाती है और इस व्यक्ति में कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ती है तो उसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है।
ब्रेन ट्यूमर कई अलग-अलग तरह के होते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर बहुत ही सॉफ्ट होते हैं और कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर होने की स्थिति में पहुंच जाते हैं। ब्रेन ट्यूमर प्राइमरी रूप में दिमाग के किसी भी हिस्से में शुरू हो सकता है या फिर यह शरीर की किसी दूसरे हिस्से में शुरू होकर दिमाग में भी फैल सकता है। कहीं और शुरू होकर दिमाग में फैलने वाले ट्यूमर को मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है।
हर एक व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर के फैलने की क्षमता या रफ्तार अलग-अलग हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर के बढ़ने की रफ्तार को हमारा इम्यून सिस्टम तय करता है। हमारा इम्यून सिस्टम जितना कमजोर होगा ब्रेन ट्यूमर उतना ही तेजी से आगे बढ़ेगा। ब्रेन ट्यूमर का इलाज इसके विभिन्न प्रकारों तथा उसके आकार और उसके स्थान पर निर्भर करता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण बहुत अलग अलग होते हैं और यह लक्षण ब्रेन ट्यूमर के आकार, स्थान और उसकी बढ़ने की रफ्तार पर निर्भर करते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाले सामान्य लक्षणों में निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं –
- सिर दर्द की शुरुआत या सिर दर्द के पैटर्न में होनेवाला बदलाव
- ऐसा सिर दर्द जो धीरे-धीरे शुरू होकर बहुत तेज होने लगता है
- मतली या उल्टी का आना
- आंख से जुड़ी समास्याएं जैसे धुंधली दृष्टि का होना, दोहरी दृष्टि।
- हाथ या पैर में सनसनी का होना
- संतुलन बनाने में कठिनाई का महसूस होना
- बोलने में कठिनाई
- बहुत अधिक थकान का महसूस होना
- रोजमर्रा के मामलों को लेकर उलझन में रहना
- फैसले लेने में कठिनाई का होना।
- सामान्य काम करने में कठिनाई होना
- व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव होना
- दौरे का कोई इतिहास न होते हुए दौरे पड़ना
- सुनने में बहुत अधिक समस्या होना
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
अगर आपको कोई ऐसा लक्षण दिखाई देता है जिससे कि आप बहुत अधिक परेशानी का अनुभव कर रहे हैं तो आप अपने डॉक्टर से तुरंत मिले और उनके द्वारा दिए सुझाव पर अमल करें।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
वो ब्रेन ट्यूमर जो कि दिमाग में शुरू होते हैं –
एकॉस्टिक न्युरोमा
ब्रेन ट्यूमर दिमाग में या फिर उस के किसी हिस्से के टिश्यू में होता है जैसे कि दिमाग को ढकने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस), सिर के नसों, पिट्यूटरी ग्रंथि या पीनियल ग्रंथि में।
प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब कोशिकाएं अपने डीएनए में लगातार बदलाव करती हैं जिसे कि म्यूटेशन कहा जाता है। किसी सेल में डीएनए से जुड़े कई निर्देश होते हैं जो कि बताते हैं कि कब और क्या करना है। ट्यूमर होने पर ये अनियंत्रित हो जाते हैं और बहुत अधिक मात्रा में बढ़ने लगता जोकि ट्यूमर कहलाता है।
वयस्क व्यक्तियों में प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर की तुलना में माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर बहुत कम होते हैं, जिसमें कि कैंसर कहीं और शुरू होता है और दिमाग में फैलने लगता है।
ब्रेन ट्यूमर कई अलग-अलग तरह के होते हैं इन ब्रेन ट्यूमर का नाम उनकी कोशिकाओं के आधार पर रखा गया है। कुछ ब्रेन ट्यूमर निम्नलिखित है:
- ग्लिओमास ब्रेन टयूमर रीढ़ की हड्डी से शुरु होता है। इसमें शामिल है एस्ट्रोसाइटोमा, एपेंडिमोमा, ग्लियोब्लास्टोमा, ओलिगोएस्ट्रोसाइटोमा और ओलिगोडेंड्रोग्लियोमा इत्यादि
- मेनिंगियोमास ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा ट्यूमर है जोकि दिमाग और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्लियों में होता है। ये सॉफ्ट ट्यूमर होते है।
- एकॉस्टिक न्यूरोमास ट्यूमर एक सॉफ्ट ट्यूमर होता है जोकि इम्यून सिस्टम के कारण होता है।
- पिट्यूटरी एडेनोमा ब्रेन ट्यूमर वह होता है जोकि दिमाग के पर पिट्यूटरी ग्रंथि में जन्म लेता है। ये ट्यूमर पिट्यूटरी हार्मोन को प्राभावित करने का काम करता है।
- मेडुलोब्लास्टोमा टयूमर बच्चों में सबसे अधिक होता है पर ये किसी में भी हो सकता है। ये रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है।
- जर्म सेल ट्यूमर बचपन के दौरान हो सकता है। जहां अंडकोष या अंडाशय बनते हैं उसके होने की संभावना वहीं होती है।
वयस्कों में सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर की तुलना में कहीं अधिक हो सकता हैं। इसके अलावा निम्नलिखित में से कोई भी कैंसर मस्तिष्क में फैल सकता है, लेकिन इनकी संभावना सबसे अधिक होती है –
- स्तन कैंसर
- पेट का कैंसर
- गुर्दे का कैंसर
- फेफड़े का कैंसर
- मेलेनोमा
ब्रेन ट्यूमर का जोखिम
प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर वाले अधिकांश लोगों में ट्यूमर का कारण स्पष्ट नहीं होता है। लेकिन डॉक्टरों ने कुछ ऐसे कारकों की पहचान की है जो किसी भी व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- विकिरण से संपर्क का होना
- ब्रेन ट्यूमर का आनुवांशिक रूप में फैलना