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माइग्रेन के लक्षण

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माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है जो कि आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है और यह बहुत तेज हो सकता है। इसमें अक्सर मतली, उल्टी, के लिए शरीर बहुत अधिक संवेदनशील हो जाता है। माइग्रेन का यह अटैक कई घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता हैं, और दर्द इतना गंभीर हो सकता है कि यह किसी व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकता है। कई लोगों को इसका आभास पहले से होने लगता है क्योंकि इसके कई लक्षण उन्हें दिखने लगते हैं जैसे कि सिरदर्द या फिर कई अन्य लक्षण कई दिन पहले से उनके साथ होने लगता है। इसके लक्षणों में चेहरे के एक तरफ और हाथ या पैर में झुनझुनी भी हो सकती है तथा बोलने में कठिनाई भी महसूस हो सकती है।

कई दवाएं माइग्रेन को रोकने में बहुत अधिक मदद कर सकती हैं और उससे होने वाले दर्द को कम कर सकती हैं। इसके इलाज में कई दवाइयां और साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी बहुत अधिक मदद कर सकती है।

माइग्रेन के लक्षण

 माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जोकि बच्चों और किशोरों के साथ-साथ वयस्क व्यक्तिओं को भी बहुत अधिक प्रभावित कर सकती है। माइग्रेन चार चरणों में आगे बढ़ सकता है जैसे: प्रोड्रोम, ऑरा, अटैक और पोस्ट-ड्रोम।  इसमें जिस भी व्यक्ति को माइग्रेन होता है वह सभी स्टेज से नहीं गुजरता है।

माइग्रेन के शुरूआती लक्षण

 माइग्रेन से एक या दो दिन पहले आप बहुत ही हल्का बदलाव देख सकते हैं जो कि शुरूआती माइग्रेन की चेतावनी देते हैं जिनमें कि शामिल होते हैं:

  •  कब्ज
  • मनोदशा में बदलाव, डिप्रेशन
  • भोजन की बहुत अधिक इच्छा का होना
  •  गर्दन में अकड़न का होना
  •  बहुत अधिक पेशाब आना
  •  बार-बार जम्हाई लेना

 कुछ लोगों को माइग्रेन से पहले या उस समय लाइटिंग भी हो सकती है।  औरास तंत्रिका तंत्र के प्रतिवर्ती लक्षण हैं। कई लक्षण आमतौर पर बहुत धीरे-धीरे शुरू होता है और कई मिनटों तक होता रहता है और यह 60 मिनट तक हो सकता है।

माइग्रेन ऑरा के उदाहरणों में शामिल हैं:

  • लाइट के चमक से परेशान होना
  •  दृष्टि का खोना
  • हाथ या पैर में सुन्नता का होना
  •  चेहरे या शरीर के एक तरफ कमजोरी का होना या सुन्नता
  •  बोलने में कठिनाई का होना

माइग्रेन आमतौर पर 4 से 72 घंटे तक रहता है और अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह अधिक बढ़ सकता है। माइग्रेन कितनी बार होता है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी अलग अलग होता है।  माइग्रेन शायद ही कभी हो सकता है या महीने में कई बार हो सकता है।

माइग्रेन के दौरान निम्न लक्षण दिख सकता है:

  • दर्द आमतौर पर आपके सिर के एक तरफ होता है लेकिन यह अक्सर दोनों तरफ भी हो सकता है।
  • दर्द होना
  • गंध और स्पर्श में सेंसिटिवटी का होना
  • उल्टी का होना

पोस्ट-ड्रोम माइग्रेन के लक्षण

 माइग्रेन के अटैक के बाद आप एक दिन तक थका हुआ और बहुत अधिक भ्रम को भी महसूस कर सकता है। इसमें अचानक सिर हिलाने से और कुछ समय के लिए भी दर्द फिर से हो सकता है।

डॉक्टर को कब दिखाना है ?

 माइग्रेन का अक्सर पता नहीं चलता है और इसका इलाज नहीं किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को लगातार माइग्रेन के लक्षण दिखते हैं, तो अपने ऊपर होने वाले अटैक का रिकॉर्ड भी रखें और यह भी ध्यान रखें कि आपने उनका इलाज कैसे किया। अपने सिरदर्द पर चर्चा करने के लिए अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

 अगर आपको पहले भी सिरदर्द होता रहा है और बार वही पैटर्न दिख रहा है तो अपने डॉक्टर से जरूर चर्चा करें। और अगर आप सिरदर्द अलग भी महसूस करते हैं तो भी डॉक्टर्स भी इसपर चर्चा करें।

अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखता है तो अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाएं इमरजेंसी में जाएं-

  •  गड़गड़ाहट का होना या बहुत तेज सिरदर्द का होना
  • बुखार के साथ सिरदर्द का होना
  • गर्दन में अकड़न का होना
  • भ्रम का बढ़ना
  • दौरे का पड़ना
  • सुन्नता का बढ़ना
  • शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोरी का होना।
  •  सिर में चोट लगने के बाद सिरदर्द का होना
  • 50 साल की उम्र के बाद नए तरीके से सिरदर्द का होना

माइग्रेन होने के कारण

 माइग्रेन का ट्रिगर कई कारणों से होता है। माइग्रेन को ट्रिगर करने में निम्न कारण हो सकते हैं जोकि एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं –

महिलाओं में होने वाला हार्मोनल बदलाव

एस्ट्रोजन में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण भी माइग्रेन हो सकता है जैसे कि मासिक धर्म का होना या उससे पहले या उस समय, गर्भावस्था के समय या फिर रजोनिवृत्ति के समय भी हार्मोन में होने वाला बदलाव कई महिलाओं में सिरदर्द का कारण बन सकता हैं।

हार्मोनल से जुड़ी हुई दवाएं जैसे कि गर्भ निरोधक से जुडी हुई दवाएं भी माइग्रेन का कारण बन सकती हैं।  हालाँकि कुछ महिलाओं में देखा गया कि है कि इन दवाओं को लेने पर उनका माइग्रेन कम होता है।

पेय पदार्थ के कारण

इसमें शराब, बियर और बहुत अधिक कैफीन और कॉफी जैसी चीजें भी माइग्रेन को बढ़ा सकती हैं।

तनाव के कारण

काम या घर पर तनाव भी माइग्रेन का कारण बन सकता है।

 तेज गंध के कारण

 तेज गंध के कारण भी माइग्रेन हो सकता है जैसे कि परफ्यूम, पेंट थिनर, सेकेंड हैंड स्मोक और अन्य चीजें भी कई लोगों में माइग्रेन को ट्रिगर करती हैं।

दवाओं के कारण

 गर्भ निरोधक गोलियों और वैसोडिलेटर जैसी चीजें भी नाइट्रोग्लिसरीन, माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।

माइग्रेन को बढाने वाले जोखिम

 कई कारणों से आपको माइग्रेन होने की अधिक संभावना होती हैं जिनमें कि शामिल हैं:

 परिवार के इतिहास के कारण माइग्रेन का जोखिम

 अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को माइग्रेन है, तो आपको भी माइग्रेन होने की संभावना उन्हें हो सकती है।

उम्र के कारण माइग्रेन का जोख़िम

माइग्रेन किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, हालांकि यह पहली बार किशोरावस्था के दौरान ही होता है।  माइग्रेन किसी व्यक्ति को होने की सबसे ज्यादा सम्भावना 30 साल के बाद होने की अधिक होती है, और बाद के सालों में यह धीरे-धीरे कम होने लगता है और इसके होने की सम्भावना भी कम हो जाती है।

 हार्मोन में बदलाव के कारण

जिन महिलाओं को माइग्रेन होता है उनको  सिरदर्द मासिक धर्म की शुरुआत से ठीक पहले या उसके तुरंत बाद भी शुरू हो सकता है। माइग्रेन के समय या राजोनिवृति के समय भी हो सकता हैं। रजोनिवृत्ति के बाद आमतौर पर माइग्रेन की स्थिति में सुधार होने लगता है।

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