मुख कैंसर के लक्षण
मुंह का कैंसर क्या है?
कैंसर की कोशिकाओं का विकास जब अनियंत्रित तरीके से होने लगता और वही कोशिकाएं जब आक्रमण करती हैं और आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं तब यह बेहद ही खतरनाक हो एच
जाता है। मुंह का कैंसर एक बढ़ते हुए घाव के रूप में दिखने लगता है जो कि खत्म नहीं होता है। ओरल कैंसर में होंठ, जीभ, गाल, मुंह के तल के हिस्से, तालू, साइनस और ग्रसनी के कैंसर के शामिल किया जाता हैं। अगर इन कैंसरो का इलाज जल्दी नहीं किया जाता है तो यह किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत अधिक खतरनाक हो सकता है।
मुंह का कैंसर किसे होता है और मुंह के कैंसर के जोखिम कारक क्या हैं?
अमेरिकन कैंसर सोसायटी की मानें तो पुरुषों को महिलाओं की तुलना में मुंह के कैंसर के होने का खतरा लगभग दोगुना होता है और इसके अलावा 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को सबसे अधिक मुंह के कैंसर होने की जोखिम का सामना करना पड़ता है।
मुंह के कैंसर के विकास के जोखिम कारकों में निम्न बातें शामिल हैं:
सिगरेट, सिगार या पाइप के माध्यम से धूम्रपान करना – धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों के मुंह में मुंह के कैंसर होने की संभावना छह गुना अधिक होती है और उनका जीवन खतरे से खाली नहीं होता है।
तम्बाकू का इस्तेमाल – इस तरह के प्रोडक्ट के इस्तेमाल से गाल, मसूड़ों और होंठों की सतह पर कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
शराब का अत्यधिक सेवन – शराब न पीने वालों की तुलना में शराब पीने वाले व्यक्तियों में मुंह के कैंसर होने का खतरा लगभग छह गुना अधिक हो जाता हैं।
आनुवांशिक कारणों से कैंसर होने का खतरा- अगर परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर हुआ था तो एक सामान्य व्यक्ति को भी कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
सूरज के बहुत अधिक संपर्क में रहने के कारण – कम उम्र से सूरज के सम्पर्क में बहुत अधिक रहने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
यह बात ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि मुंह के कैंसर के 25% से अधिक मामलें उन लोगों में देखें गए होते हैं जो कि धूम्रपान नहीं करते हैं और कभी-कभी केवल शराब पीते हैं।
ओरल कैंसर से जुड़े कई अन्य तथ्य
- मुंह का कैंसर पुरुषों में होने वाला छठा सबसे आम कैंसर है।
- मुंह के कैंसर से पीड़ित होने वाले लगभग 75% से 80% लोग शराब का सेवन करते हैं।
जो लोग धूम्रपान करते हैं और साथ ही शराब पीते हैं, उनमें कैंसर का खतरा उन लोगों की तुलना में काफी अधिक होता है जो कि केवल तंबाकू का ही सेवन हैं या केवल तंबाकू से बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं।
मुंह के कैंसर के लक्षण क्या हैं?
मुंह के कैंसर के सामान्य संकेत और विभिन्न लक्षण निम्नलिखित हैं:
- सूजन होना या किसी हिस्से का मोटा होना, गांठ का होना, खुरदुरे धब्बे, क्रस्ट या होठों, मसूड़ों, या मुंह के अंदर के अन्य क्षेत्रों पर कटा हुआ एरिया का दिखना
- मुंह में सफेद, लाल, या धब्बेदार पैच का होना।
- मुंह से खून निकलने और उसके कारणों का पता न चलना
- चेहरे, मुंह या गर्दन के किसी भी हिस्से का सुन्न होना, फीलिंग का पता न चलना, या दर्द बहुत अधिक होना।
- चेहरे, गर्दन या मुंह पर लगातार घाव का होना और वहां से खून का लगातार बहते रहना और यह समस्या दो सप्ताह के भीतर भी ठीक नहीं होना कैंसर का लक्षण हो सकता है।
- गले के पिछले हिस्से में कुछ फंसा हुआ सा महसूस करना या फिर दर्द का होना
- चबाने या निगलने में समस्या या फिर बोलने में समस्याका होना या जबड़े या जीभ को हिलाने में कठिनाई महसूस करना।
- गले में खराश का होना, या आवाज में बदलाव का होना।
- कान में बहुत अधिक दर्द होना।
- बहुत अधिक तेज़ी से वजन का घटना।
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण या किसी भी बदलाव को अपने शरीर में नोटिस करते हैं, तो तुरन्त किसी अच्छे डेंटिस्ट से सलाह जरूर लें और उसके द्वारा बताए गए नियमों का पालन करें।
मुंह में दिखने वाला एक सामान्य सा पैच क्या कैंसर हो सकता है ?
यह सफेद पैच ल्यूकोप्लाकिया भी हो सकता है। ल्यूकोप्लाकिया, अतिरिक्त कोशिका में बहुत अधिक बढ़ोतरी के कारण होने वाली स्थिति होती जोकि गालों, मसूड़ों या जीभ पर भी बन सकती है। ल्यूकोप्लाकिया आमतौर पर तंबाकू का सेवन करने वालों में, गलत तरीके से डेन्चर वाले लोगों में और गाल चबाने की आदत वाले व्यक्तियों में बहुत अधिक देखा जाता है। यह ऐसी स्थिति है जोकि कैंसर में भी बदल सकती है। मुंह में लाल धब्बे होने की सम्भावना ल्यूकोप्लाकिया की तुलना में कम होती हैं, लेकिन कैंसर होने की सम्भावना इसमें और भी अधिक होती है।
मुंह के कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?
मुंह के कैंसर का इलाज उसी तरह किया जाता है जैसे कई अन्य तरह के कैंसर का इलाज किया जाता है। किसी भी तरह के कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडियेशन का इस्तेमाल किया जाता है या कीमोथेरेपी के बाद कैंसर की बढ़ोतरी को कम करने के लिए सर्जरी भी की जाती है।
मुंह के कैंसर को रोकने के लिए मैं क्या कर सकता हूं?
एक सामान्य व्यक्ति मुंह के कैंसर को रोकने या इसका जल्द पता लगाने में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और जल्दी ही इलाज करवा सकता है।
महीने में कम से कम एक बार आप खुद ही इसका टेस्ट करें। एक बहुत ही चमकदार रोशनी और एक शीशे का इस्तेमाल करके अपने होठों और अपने मसूड़ों को अच्छे से देखें और उन्हें महसूस करें। अपने सिर को पीछे झुकाएं और अपने मुंह के ऊपरी हिस्से को देखें और उसे बहुत अच्छे से महसूस करें। अपने मुंह के अंदर, अपने गालों की विभिन्न परत और पीछे के मसूड़ों को अच्छी तरह से देखें। अपनी जीभ को बाहर निकालें और उसकी सतह को अच्छी तरह से देखें। अपने मुंह के तल की जांच भी अच्छे से करें। अपने गले के पीछे वाले हिस्से को भी देखें। अपनी गर्दन के दोनों ओर और अपने निचले जबड़े के नीचे वाले हिस्से या बढ़े हुए लिम्फ नोड्स को आराम से महसूस करें। यदि आप अपने मुंह में किसी भी प्रकार का कोई भी बदलाव देखते हैं, तो तुरंत अपने डेंटिस्ट से मिलें और उनको दिखाएं तथा उनके निर्देशों का पालन करें।
धूम्रपान न करें या किसी भी तंबाकू प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें और बहुत कम मात्रा में ही शराब का सेवन करें। बहुत अधिक शराब न पिएं।
अच्छी तरह से संतुलित आहार लें और संतुलित जीवन शैली अपनाएं।
धूप के सम्पर्क में बहुत अधिक न जाएं। धूप में बार-बार जाने से होंठ के कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। खासकर निचले होंठ पर यह खतरा बहुत अधिक हो जाता है। जब धूप में हों तो अपनी स्किन के साथ-साथ अपने होठों पर भी यूवी-ए/बी-ब्लॉकिंग सन प्रोटेक्टिव लोशन का इस्तेमाल जरूर करें।