लहसुन खाने के फायदे
लहसुन में पाए जाते हैं कई औषधीय गुण
लहसुन का प्याज से बहुत निकट का संबंध है। लहसुन के हरेक बल्ब के अलग अलग टुकड़े को लौंग कहा जाता है। हरेक एक लहसुन के बल्ब में लगभग 10-20 लौंग होती है।
लहसुन वर्तमान समय में दुनिया के कई हिस्सों में उगता है और इसकी बहुत तेज गंध और बहुत अच्छा टेस्ट होने के कारण यह भोजन में बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
पर इसके पुराने इतिहास को देखें तो लहसुन का मुख्य उपयोग इसके स्वास्थ से जुड़े लाभों और औषधीय गुणों के कारण होता है।
लहसुन का इस्तेमाल मिस्र, बेबीलोनियाई, यूनानी, रोमन और चीनी सहित कई प्रमुख सभ्यताओं में इस्तेमाल किया जाता था और इसके सबूत भी वहां मिले हैं।
वैज्ञानिक अच्छी तरह जानते हैं कि लहसुन की एक कली को काटने, कुचलने या चबाने पर बनने वाले सल्फर यौगिकों के कारण कई तरह के स्वास्थ से जुड़े लाभ होते है।
लहसुन सबसे अधिक प्रसिद्ध इसलिए हैं क्योंकि इसमें एलिसिन पाया जाता है पर एलिसिन बहुत थोड़े समय के लिए पाया जाने वाला कंपाउंड है जो कि ताजा लहसुन को काटने या कुचलने के बाद थोड़े समय के लिए ही मौजूद होता है और ज्यादा समय होने पर यह खत्म हो जाता है।
कई अन्य तरह के भी कंपाउंड पाए जाते हैं जो कि लहसुन से जुड़े स्वास्थ्य लाभों में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लहसुन में कई महत्त्वपूर्ण कंपाउंड जैसे डायलील डाइसल्फ़ाइड और एस-एलिल सिस्टीन भी पाए जाते हैं।
लहसुन के माध्यम से सल्फर यौगिक पाचन तंत्र के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं और पूरे शरीर में ये भ्रमण करते हैं और अपना प्रभाव छोड़ते हैं।
कम कैलोरी के बाद भी पौष्टिकता से भरपूर होता है लहसुन
लहसुन खाने के फायदे बहुत अधिक होते हैं क्योंकी यह बहुत अधिक पौष्टिक होता है। कच्चे लहसुन की एक लौंग (3 ग्राम) में निम्नलिखित चीजें पाई जाती है या लहसुन के फायदे निम्नलिखित हैं –
मैंगनीज: Daily Value 2% (DV)
विटामिन बी6: DV 2%
विटामिन सी: DV 1%
सेलेनियम: DV 1%
फाइबर: 0.06 ग्राम
कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा और विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
इसमें 4.5 कैलोरी, 0.2 ग्राम प्रोटीन और 1 ग्राम कार्ब्स भी पाई जाती है।
लहसुन में कई अन्य पोषक तत्वों की मात्रा भी बहुत अधिक पाई जाती है। वास्तव में, इसमें हमारी जरूरत की लगभग हर चीज का थोड़ा सा हिस्सा जरूर होता है इसलिए लहसुन खाने के फायदे होते हैं।
सामान्य सर्दी जुकाम से लड़ने में सहायता करता है लहसुन
लहसुन की सामान्य खुराक हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए जानी जाती है।
12 सप्ताह तक किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि लहसुन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेसबो की तुलना में लहसुन ने सर्दी को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। लहसुन ने अपेक्षाकृत 63% सर्दी की कमी की है।
ठंड के लक्षणों की औसत का समय देखें तो लहसुन खाने से 70% तक कम हो गया था। प्लासीबो ग्रुप के उत्पाद को यह काम करने में 5 दिन लगते हैं तो वही इसे सिर्फ और सिर्फ 1.5 दिन ही लगे हैं।
एक अन्य रिसर्च में भी पाया गया कि अधिक पुराने लहसुन के अर्क (प्रति दिन 2.56 ग्राम) की अधिक खुराक ने सर्दी या फ्लू से बीमार दिनों की संख्या को 61% तक कम कर दिया।
हालाँकि, एक अन्य रिसर्च का भी निष्कर्ष निकला है कि लहसुन के बारे में किए गए ये रिसर्च अभी पूरे नहीं है और इस विषय में अधिक रिसर्च की जरूरत है।
रिसर्च की कमी और साथ ही एविडेंस की कमी होने के बावजूद भी अगर आपको अक्सर सर्दी हो जाती है, तो आप अपने भोजन में लहसुन को शामिल करने की कोशिश कर सकते हैं और आपको उससे जरूर लाभ मिलेगा।
लहसुन में एक्टिव कंपाउंड ब्लड प्रेशर को करते हैं कम
लहसुन के फ़ायदे में यह भी शामिल है कि ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने का काम करती है। दुनिया में मृत्यू का सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक और दिल के दौरे की बीमारियां हैं। इनकी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। और इन बिमारियों के होने की सबसे अधिक वजह है उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर का होना।
मनुष्यों पर किए गए एक रिसर्च में पाया गया है कि उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में ब्लड प्रेशर को कम करने पर लहसुन की खुराक का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
एक रिसर्च में पाया गया है कि 600-1,500 मिलीग्राम पुराने हो चुके लहसुन का अर्क 24 हफ्ते तक खाने पर ब्लड प्रेशर को कम करने में इस्तेमाल की जाने वाली दवा एटेनोलोल के समान ही प्रभावी था।
इसके वांछित प्रभाव पाने के लिए इसकी पूरक खुराक काफी अधिक होनी चाहिए। आवश्यक मात्रा प्रतिदिन लहसुन की लगभग चार कलियों के बराबर है और इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर किया जाना चाहिए। लहसुन खाने के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता हैं।
लहसुन कोलेस्ट्रॉल के स्तर में करता है सुधार और ह्रदय रोगों में खतरों में करता है कमी
लहसुन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है अगर इसका सेवन नियमित तौर किया जाए। हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए, लहसुन की खुराक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को लगभग 10-15% तक कम कर सकती है। लहसुन खाने के फायदे के बारे में आप कई बातें जान चुके होंगे पर आईए लहसुन के फ़ायदे के विषय में और विस्तार से जानते हैं।
एलडीएल (“खराब”) और एचडीएल (“अच्छा”) कोलेस्ट्रॉल को विशेष रूप से देखते हुए लहसुन एलडीएल को कम करता है, लेकिन एचडीएल पर कोई विश्वसनीय प्रभाव नहीं पड़ता है और वह सुरक्षित रहता है।
हाई ट्राइग्लिसराइड का स्तर हृदय रोग के लिए एक अन्य ज्ञात जोखिम कारको में जाना जाता है, लेकिन लहसुन का ट्राइग्लिसराइड का स्तर पर कोई अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
अल्जाइमर और डिमेंशिया में फायदेमंद हैं लहसुन
लहसुन के फायदे में यह भी शामिल है कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जोकि अल्जाइमर और डिमेंशिया को रोकने में बहुत अधिक मदद करता है लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि ऑक्सीडेटिव तरीके से हुए नुकसान के खिलाफ लड़ने के लिए शरीर को तैयार करते हैं।
लहसुन की अधिक खुराक का सेवन के कारण मनुष्य के शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम बढ़ने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में ऑक्सीडेटिव कम करने का लक्षण भी देखा है।
कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ-साथ एंटीऑक्सिडेंट गुणों पर एक साथ इफेक्ट डालना और साथ ही अल्जाइमर की बीमारी और मनोभ्रंश जैसे सामान्य से दिमागी रोगों के जोखिम को भी यह बहुत कम कर सकता हैं।
लहसुन मनुष्यों को लंबे समय तक जीवन जीने में मदद कर सकता है।
तथ्यों को ध्यान में रखकर देखें तो अभी तक ऐसा कोई रिसर्च नहीं हुआ है जिससे पता चलता हो कि लहसुन खाने से मनुष्य की उम्र बढ़ जाती है। पर ब्लड प्रेशर जैसे कई जोखिम बिमारियों पर लहसुन के लाभकारी प्रभाव को देखते हुए, यह समझ में जरूर आता है कि लहसुन हमें लंबे समय तक जीवन जीने में बहुत अधिक मदद कर सकता है।
तथ्य यह है कि यह कई इनफेक्टेड बीमारी से लड़ सकता है। यह मनुष्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी यह बढाने का काम करता है जिससे उन्हें बिमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है और वह स्वस्थ रहते हैं।
लहसुन को खाने से शरीर में भारी मेटल्स को डिटॉक्सीफाई करने में मिलती है मदद
अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन करने के कारण सल्फर कंपाउंड को कई भरी मेटल्स के कारण होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। लहसुन मेटल्स के कारण पहुंचने वाले शरीर के किसी अंग में नुकसान को कम करता है।
हर दिन लहसुन की तीन खुराक खाने से इसके लक्षणों को कम करने में दवा डी-पेनिसिलमाइन से भी बेहतर रिजल्ट मिलता है। अच्छे रिजल्ट को पाने के लिए लहसुन का इस्तेमाल नियमित तौर पर किया जाना जरूरी है।
हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है लहसुन
लहसुन हड्डियों के स्वास्थ्य में बहुत अधिक सुधार कर सकता है और उसे स्वस्थ बनाए रख सकता है पर अभी तक मनुष्यों पर ऐसा कोई रिसर्च नहीं हुआ है जोकि यह बताता हो कि लहसुन बहुत अधिक प्रभावशाली है।
कई रिसर्च में पता चला है कि यह महिलाओं में एस्ट्रोजन को बढ़ाकर हड्डियों के नुकसान को कम कर सकता है और उन्हें स्वस्थ भी रख सकता है।
रजोनिवृत्त महिलाओं में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि सूखे लहसुन के अर्क (कच्चे लहसुन के 2 ग्राम के बराबर) का प्रतिदिन खुराक लेने से एस्ट्रोजन की कमी के एक मार्कर को काफी कम कर दिया है।
इस बात से पता चलता है कि यह कई महिलाओं को सप्लीमेंट के तौर पर बहुत अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है। लहसुन और प्याज जैसे कई खाद्य पदार्थ भी पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस पर कई तरह के लाभकारी प्रभाव डाल सकते हैं।