लीवर की सूजन के लक्षण
लीवर की सूजन क्या है?
लीवर की सूजन तब होती है जब लीवर की कोशिकाओं पर रोग पैदा करने वाली कीटाणु हमला करते हैं तो इसी की प्रतिक्रिया स्वरूप उसमें सूजन आ जाता है। लीवर पाचन तंत्र से जुड़ा हुआ एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जोकि खाने को पचाने में मदद करने के साथ-साथ कई अन्य काम भी करता है। वह भोजन से एनर्जी को अलग करने, हार्मोन को बनाने और खून से खराब पदार्थों को अलग करने का काम भी करता हैं। वसा को इकट्ठा करना और कोलेस्ट्रॉल को बनाना तथा उसपर नियंत्रण करना भी इसका काम है।
लीवर में सूजन की समस्या को हेपेटाइटिस भी कहते हैं।
हेपेटाइटिस सामान्य तौर पर वायरल इंफेक्शन के कारण होता है पर कई और मामलो में ऑटो इम्यून बीमारियां के कारण भी सूजन की समस्या देखी गई है। ऑटो इम्यून बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम खुद ही लिवर पर अटैक करता है। शराब और ड्रग्स जैसी चीजों से भी लीवर में सूजन हो सकती है। लीवर के सूजन के कई तरह के लक्षण होते हैं और ये लक्षण किसी की मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं।
लीवर से जुड़े लक्षणों और अधिक गंभी हो सकते हैं अगर मरीज के भ्रम महसूस हो रहा है या उसे मतिभ्रम लग रहा है। बहुत अधिक थकान का होना और बेहोशी जैसी समस्यायों से जूझना, खून की उल्टी का होना जैसे लक्षण मरीज को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें और उनके निर्देशों का पालन करते रहें।
लीवर की सूजन के लक्षण क्या हैं?
लीवर की सूजन के लक्षणों के कारण शरीर की कई बिमारियां या शरीर में किसी चीज की कमी शामिल हो सकती है। लीवर में सूजन एनर्जी के लेवल में कमी और स्किन में जलन से लेकर पेट की बिमारियों से जुड़े लक्षणों के कारण भी आ सकती है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखें तो आप अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करे और उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन जरूर करें।
लीवर के सूजन के सामान्य लक्षण
लीवर में सूजन कई प्रकार या कई तरह की हो सकती है और सूजन के प्रकारों के आधार पर इसके लक्षण भी अलग अलग होते हैं। कभी-कभी इनमें से कोई भी लक्षण बहुत अधिक गंभीर हो सकता है:
- पेट में सूजन का होना
- बार बार दस्त का होना
- मल मूत्र के रंगe बदलाव का होना
- बहुत अधिक का थकान का होना
- बहुत तेज सिरदर्द का होना
- त्वचा में खुजली का होना
- जोड़ों में बहुत तेज दर्द का होना
- भूख में कमी का होना
- हल्के बुखार का आना
- शरीर को अस्वस्थ महसूस होना और सुस्ती का होना
- उल्टी का होना या बिना उल्टी का जी मिचलाना
- त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद होना या पीलिया का होना
लीवर की सूजन के कई गंभीर लक्षण भी होते हैं जोकि किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए कई खतरनाक स्थिति का संकेत भी दे सकते हैं। कई मामलों में तो लिवर की सूजन किसी व्यक्ति की मृत्यू का भी कारण बन सकती है। अगर आपको या आपके किसी भी जानने वाले व्यक्ति को ये लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से बात करें और डॉक्टर के दिशा निर्देशों। के अनुसार ही काम करें। लीवर के गंभीर लक्षणों में शामिल है –
- पेट में सूजन का होना।
- मानसिक स्थिति में बदलाव का होना या अचानक से व्यवहार में बदलाव का होना जैसे कि भ्रम की स्थिति या सुस्ती, मतिभ्रम महसूस होना
- चलने में कठिनाई का होना
- पेट में तेज दर्द का होना
- बहुत अधिक थकान होना
- खून की उल्टी का होना
लीवर की सूजन का क्या कारण है ?
लिवर की सूजन अलग अलग तरह की हो सकती है। इसके प्रकार के आधार पर लिवर की सूजन के अलग अलग कारण होते हैं। विषाक्त पदार्थों के अलावा वायरल इंफेक्शन इसका एक मुख्य कारण होता है।
लीवर की सूजन के सामान्य कारण
लीवर में सूजन निम्न कारणों से हो सकती है:
- शराब का बहुत अधिक सेवन करने के कारण
- अल्फा -1 एंटीट्रिप्सिन की कमी के कारण (यह एक विरासत में मिली स्थिति जो कि लीवर और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है)
- ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण
- जिगर में खून का अच्छे से रोटेशन न होने के कारण
- ड्रग्स या टॉक्सिन्स का बहुत अधिक सेवन करने के कारण
- हेमोक्रोमैटोसिस के कारण(शरीर में अधिक आयरन होने के कारण होने वाली बीमारी के कारण)
- जाँडिस के कारण
- वायरल इंफेक्शन के कारण
- विल्सन की बीमारी (इस बीमारी में शरीर के अंदर तांबे की अधिकता हो जाती है)
लीवर की सूजन के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
कई ऐसे जोखिम कारक हैं जोकि लीवर की सूजन के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। जरूरी नहीं कि जिस में जोखिम की मात्रा अधिक हो उनमें लीवर का सूजन पाया ही जाए। हेपेटाइटिस के प्रकार के अनुसार जोखिम अलग अलग भी हो सकते हैं लीवर की सूजन के कुछ जोखिम निम्नलिखित हैं –
- शराब का सेवन
- प्रदूषित पानी या भोजन का सेवन करना
- हेपेटाइटिस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों, बिस्तरों, कपड़ों या उसकी पर्सनल चीजों से बचे रहें क्योंकि ये खतरा बढ़ाते है।
- इंफेक्टेड व्यक्ति द्वारा उपयोग की जाने वाली टैटू के सुइयों का इस्तेमाल करने से जोखिम बढ़ सकता है।
- हेपेटाइटिस से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ यौन संपर्क करने से जोखिम बढ़ जाता है।
हेपेटाइटिस के जोखिम को कम करने का उपाय
आप निम्न उपायों को अपना करके हेपेटाइटिस के जोख़िम को कम कर सकते हैं और उससे बच सकते हैं:
- इंफेक्टेड व्यक्ति के ब्लड के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- इस्तेमाल की हुई सुइयों से बचना चाहिए।
- हेपेटाइटिस से इन्फेक्टेड किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों, बिस्तरों, कपड़ों या उसके पर्सनल सामान के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- पीने से पहले या अपने दांतों को ब्रश करने के लिए इस्तेमाल करने से पहले दूषित पानी को उबाल लें और फिर उसका इस्तेमाल करें।
- हेपेटाइटिस ए और बी के खिलाफ टीका जरूर लगवाएं।
- हेपिटाइटिस से संक्रमित इलाकों में जाने से बचे।