लो शूगर के लक्षण
लो शुगर क्या है ?
शरीर में लो शुगर की मात्रा को हाइपोग्लाइसीमिया भी कहा जाता है जोकि किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति हो सकती है। मधुमेह से पीड़ित लोगों में लो ब्लड शुगर हो सकता है क्योंकि वो शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने वाली दवाएं लेते हैं। सल्फोनीलुरिया और इंसुलिन दोनों इस तरह की दवाएं हैं जो कि किसी व्यक्ति में इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
अगर आप बहुत अधिक दवा लेते हैं, यह खाना खाते समय खाना छोड़ देते है या फिर सामान्य से कम खाना खाते हैं और इसके बावजूद आप सामान्य से अधिक व्यायाम करते हैं तो आपको लो ब्लड शुगर हो सकता है।
ब्लड शुगर को ग्लूकोज के नाम से भी जाना जाता है। ग्लूकोज हमारे रोज के खाने से आता है और यह शरीर के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण एनर्जी के स्त्रोत के रूप में काम करता है। कार्बोहाइड्रेट जैसे कि चावल, आलू, ब्रेड, टॉर्टिला, अनाज, फल, सब्जियां और दूध जैसे खाद्य पदार्थ शरीर में ग्लूकोज के मुख्य स्रोत माने जाते हैं।
खाने के बाद यही ग्लूकोज आपके ब्लड सर्कुलेशन में मिल जाता है,जहां यह हमारे शरीर की कोशिकाओं तक चला जाता है। इंसुलिन नामक हार्मोन जोकि अग्न्याशय में बनता है किसी व्यक्ति की कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में मदद करता है।
अगर कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा ग्लूकोज खाता हैं, तो उसका शरीर उसे लीवर और मांसपेशियों में जमा कर देगा या फिर इसे ही वसा में बदल देगा ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर इसे एनर्जी के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
पर्याप्त ग्लूकोज के बिना किसी व्यक्ति का शरीर अपने सामान्य काम भी नहीं कर सकता है। बहुत ही कम समय में जो लोग इंसुलिन को बढ़ाने वाली दवाओं पर लेना नहीं चालू करते हैं, उनके पास ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त ग्लूकोज होता है, और यदि आवश्यक हो तो लिवर भी ग्लूकोज बना सकता है।
पर कई तरह की दवाओं का सेवन करने के कारण किसी व्यक्ति में ब्लड शुगर की कमी थोड़े समय के लिए हो सकती है जोकि बहुत सारी समस्याएं पैदा कर सकती है। किसी भी व्यक्ति का ब्लड शुगर तब कम माना जाता है जब यह 70 mg/dL से नीचे चला जाता है। इससे जुड़े अधिक गंभीर लक्षणों को बनने से रोकने के लिए ब्लड शुगर के इलाज की तुरंत जरूरत पड़ती है।
लो शुगर के लक्षण क्या हैं?
लो ब्लड शुगर के लक्षण कभी भी हो सकते हैं। इसके लक्षणों में शामिल है:
- स्किन पर पीलापन का होना
- धुंधली नज़र का होना
- सिर चकराना की समस्या
- धड़कन का तेज होना
- अचानक मूड में बदलाव हो जाना
- अचानक से घबराहट का होना
- बिना किसी वजह से थकान होना
- सरदर्द का बढ़ जाना
- भूख का लगना
- कंपकंपी होना
- पसीना आना
- सोने में बहुत अधिक कठिनाई होना
- त्वचा में झुनझुनी का होना
- अच्छे से सोचने या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी का होना
- होश में न होना या दौरे का पड़ना तथा कोमा में चले जाना
लो ब्लड शुगर के बारे में कई लोग नहीं जानते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि उनका ब्लड शुगर गिर रहा है। अगर आपको तुरंत इलाज नहीं मिलता है तो आप तुरंत बेहोश भी हो सकते हैं और कोमा में भी जा सकते हैं।
लो ब्लड शुगर होने का क्या कारण है?
लो ब्लड शुगर कई कारणों से हो सकता है। यह आमतौर पर मधुमेह यानि शुगर के इलाज का ही एक दुष्प्रभाव है।
मधुमेह अर्थात शुगर किसी व्यक्ति के शरीर के इंसुलिन के इस्तेमाल करने की क्षमता को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इंसुलिन को वह चाभी समझें जो कि हमारी कोशिकाओं को अनलॉक करती है, जिससे ग्लूकोज को एनर्जी मिलती है।
मधुमेह से जुड़े लोग अपने शरीर को ब्लड में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल करने के लिए कई तरह के इलाज का इस्तेमाल करते हैं। इनमें कुछ ओरल दवाएं हैं जो कि इंसुलिन के उत्पादन और इंसुलिन इंजेक्शन को बढ़ाती हैं। यदि आप इस तरह की बहुत अधिक दवाएं लेते हैं, तो आपके ब्लड में शुगर बहुत अधिक कम हो सकता है। भोजन को छोड़ना या फिर सामान्य से कम खाना या सही समय पर खाना न खाना तथा दवाओं को भी सही समय पर न लेना इसके कारण बन सकते हैं।
जब आप इन दवाओं का सेवन कर रहे हों तो इस समय पर शराब पीने से भी लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है, खासकर इसे भोजन की जगह लिया जाता है तो यह बहुत अधिक हानिकारक हो सकता है।
मधुमेह के अलावा कई अन्य कारण
यह जरूरी नहीं है कि आपको लो ब्लड शुगर तभी हो जब आप मधुमेह से पीड़ित हो। लो ब्लड शुगर होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जो कि निम्नलिखित है-
- कई तरह की दवाएं जैसे कि कुनैन
- कुछ चिकित्सीय स्थितियां जैसे कि हेपेटाइटिस या गुर्दे से जुड़ी हुई बीमारिया
- ट्यूमर जो बहुत अधिक इंसुलिन पैदा करता है।
लो ब्लड शुगर का निदान कैसे किया जाता है?
आपको लगता है कि आप लो ब्लड शुगर से ग्रसित हैं तो आप तुरंत अपने ब्लड शुगर की जांच कराएं। अगर आपके पास इसकी जांच करने के बाद इसके मीटर के बारे में नहीं जानते है और आप शुगर की दवाई ले रहे हैं जो कि इंसुलिन को बढ़ाने का काम करती है तो अपने डॉक्टर से ब्लड शुगर मीटर के बारे में जरूर बात करें।
अगर आपको शुगर नहीं है, लेकिन आपको ऐसा लगता है कि आपको लो ब्लड शुगर है, तो आप अपने लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। इसको ध्यान में रखते हुए उनका बॉडी चेकअप किया जाएगा।
लो ब्लड शुगर का इलाज कैसे किया जाता है?
जब किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है तो कार्बोहाइड्रेट से बना कुछ खाना उसे खाना चाहिए है। अगर आपको मधुमेह है, तो हाई कार्बोहाइड्रेट वाले स्नैक्स हमेशा अपने पास रखें।
डॉक्टर सलाह देते है कि आपके नाश्ते में कम से कम 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट हो। आप हमेशा अपने साथ कुछ कार्बोहाइड्रेट रख सकते हैं जैसे कि
- ग्लूकोज की गोलियां
- हार्ड कैंडीज
- सोडा या रस
- शहद या चीनी
- जेली बीन्स या गम ड्रॉप्स
और अगर यह बहुत कम है तो आप अपने ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाने के लिए ग्लूकोज की गोलियां भी ले सकते हैं। ये बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाई के दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं। प्रत्येक टैबलेट को लेने से पहले यह देख लें कि यह कितने ग्राम हैं। 15 से 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट हो लें।
ग्लूकोज़ की गोली खाने या लेने के 15 मिनट बाद तक इंतजार करें और फिर से अपने ब्लड शुगर को नापें। अगर आपका ब्लड शुगर नहीं बढ़ रहा है, तो और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाएं या ग्लूकोज की गोलियों की एक और खुराक लें लें। इसे तब तक दोहराते रहें जब तक कि आपके ब्लड शुगर का लेवल बढ़ना शुरू न हो जाए।