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वात रोग के लक्षण

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वात रोग यानि गाउट गठिया का ही एक सामान् रूप है जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है।  यह शरीर के एक या एक से अधिक जोड़ों में दर्द, सूजन, जगह के लाल होने के साथ साथ कई और भी समस्याएं हो सकती है। वह एकाएक अटैक करता है।

 वात रोग का हमला अचानक हो सकता है और यह अक्सर रात में भी महसूस हो सकता है कि आपके अंगूठे में दर्द हो रहा है और साथ ही जलन भी हो रही है। जहां पर वात रोग अटैक करता है वह जाग सॉफ्ट और बहुत गर्म हो सकती है। उस जगह पर चादर के भार के कारण भी दर्द होने लगता है।

वात रोग के लक्षण

 वात रोग के लक्षण अक्सर रात में देखते हैं। वह अचानक अटैक करते हैं। वात रोग के लक्षणों में शामिल है:

  • जोड़ों में तेज दर्द का होना

वात रोग सामान्य तौर पर पैर के अंगूठे और बहुत अधिक प्रभाव डालता है और उसे नुकसान पहुंचाता है पर यह किसी भी तरह की जोड़ में हो सकता है। 10 ने घुटने को होनी है और उंगलियों के जोड़ों में भी हो सकता है। दर्द के शुरुआती 4 से 12 घंटों में या बहुत अधिक गंभीर हो जाता है तथा दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

  •  बेचैनी का होना

दर्द के कम होने या खत्म होने के बाद जोड़ों से परेशानी एकाएक नहीं जाती है। यह परेशानी कई दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक भी रह सकती जिसके कारण वात रोग फिर से अटैक कर सकता है।

  • सूजन और लाली का होना

जहां पर वात रोग अटैक करता है वह जोड सूज जाता है तथा वो जगह सॉफ्ट, गर्म और लाल हो जाती है।

  • जोड़ों की हिला पाने में असमर्थ होना  

जैसे-जैसे वात रोग बढ़ता जाता है वैसे वैसे जोड़ो का दर्द बढ़ता चला जाता है। धीरे धीरे जोड़ों को हिलाने डुलाने में मुश्किल होने लगता है।

डॉक्टर को कब दिखाना है ?

अगर आपको लगता है कि आपके जोड़ों में बहुत तेज दर्द हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उनके सुझाव पर अमल करें। वात रोग जोड़ों को खराब कर सकता है अगर आपको जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ बुखार भी है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।

वात रोग होने का कारण

वात तब होता है जब आपके जोड़ों में यूरेट क्रिस्टल जमा होने लग जाते हैं, इससे वात रोग का अटैक होता है जिससे उस जगह पर सूजन और तेज दर्द होता है। खून में यूरिक एसिड बहुत अधिक पाया जाता है तब यूरेट क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ जाती है।  

खाद्य पदार्थों में प्यूरीन से बचना चाहिए। कई खाद्य पदार्थो में प्यूरिन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिनमें कि रेड मीट और ऑर्गन मीट, जैसे लीवर से जुड़े सामान शामिल हैं।  प्यूरीन से भरपूर सी-फूड में एन्कोवीज़, सार्डिन, मसल्स, स्कैलप्स, ट्राउट और टूना इत्यादि को शामिल किया जाता हैं। बीयर और फ्रुक्टोज तथा कई तरह के मीठे पेय शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढाने का काम करते हैं।

वात रोग का जोखिम

 अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक है तो आपको वात रोग होने की संभावना बढ़ जाती है यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने वाले कारक निम्नलिखित हैं:

खाद्य पदार्थो में यूरिक एसिड

रेड मीट और शेलफिश में बहुत अधिक यूरिक एसिड पाया जाता है। यूरिक एसिड फ्रुक्टोज में भी पाया जाता है। शराब और बियर का सेवन करने से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है।

वजन के कारण यूरिक एसिड का बढ़ना

अगर आपके शरीर का वजन बहुत अधिक है आपका शरीर ज्यादा यूरिक एसिड बना सकता है जिसे खत्म करने में गुर्दे को काफी मुश्किल हो सकता है।

कई तरह की बीमारियां

कई बीमारियां और कई स्थितियां वात रोग के जोखिमों को बहुत अधिक बढ़ा सकती है। इनमें ब्लड प्रेशर और मधुमेह, मोटापा, मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम और दिल तथा हृदय से जुड़ी बीमारियां इसके खतरे को बढ़ा सकती है।

कई तरह की दवाएं

 कई तरह की दवाएं जैसे बहुत ही कम खुराक वाली एस्पिरिन और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली कई तरह की दवाएं – जिनमें थियाजाइड यूरिन, एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम (एसीई) अवरोधक और बीटा ब्लॉकर्स भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं और फिर कई मुश्किलों को बढ़ावा दे सकता।

वात रोग का परिवार से जुड़ा हुआ इतिहास

अगर आपके परिवार में किसी को पहले भी वात रोग हुआ है आपको वात रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। यह अनुवांशिक रूप से भी आ सकता हूं।

आयु और लिंग के आधार पर

पुरुषों में बात रोग बहुत अधिक होता है क्योंकि महिलाओं में यूरिक एसिड कम पाया जाता है पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में यूरिक एसिड लेवल पुरुषों से भी ज्यादा हो जाता है। पुरुषों में सबसे पहली बात रोग होने की संभावना 30 से 50 साल के बीच में होती है तथा महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हो सकती है।

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