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वायरल फीवर के लक्षण

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वायरल फीवर शरीर के औसत तापमान से अधिक होता है और यह एक वायरस के कारण होता है।  नाक बहना, खाँसी, मतली, थकान और शरीर में दर्द इत्यादि वायरल बुखार के लक्षण हैं जो अक्सर इससे पीड़ित व्यक्तियों में दिखते हैं।

जबकि जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को वायरस होने पर बुखार का अनुभव नहीं हो। बुखार इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर संक्रमण से लड़ने की कोशिश कर रहा है।

अधिकांश वायरल बीमारियों में बहुत जल्दी और सहायक उपचार जैसे कि कोल्ड कंप्रेस और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं के साथ सुधार करना होगा।  हालांकि, शरीर का तापमान बहुत अधिक होने पर डॉक्टरी ध्यान देने की ज़रुरत हो सकती है।

वायरल फीवर होने के लक्षण

रोग पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर बुखार होना शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जोकि वह सामान्यतः वह करता है।

 शरीर के तापमान में वृद्धि इन वायरस को बढ़ने देने से रोकने के लिए प्रोटीन को नष्ट कर सकती है।  इसके अलावा, बुखार शरीर में बीमारी के लिए एक तुरंत की जानेवाली प्रतिक्रिया है। 

 विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में वायरल बुखार के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

 मलाशय, कान या माथा का तापमान: 100.4°F (38.0°C) से अधिक होना

 मुंह का तापमान: तापमान 100°F (37.8°C) से अधिक होता है।

 बांह के बगल का तापमान: यहां का तापमान 99 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.2 डिग्री सेल्सियस) से अधिक होना

वयस्कों में बुखार का तापमान अलग या उसका स्तर अलग भी हो सकता है।  हालांकि, कई डॉक्टर थर्मामीटर का उपयोग करके शरीर के तापमान को देखते हैं जिसमें कि 100 ° F (37.8 ° C) से अधिक  होने पर बुखार माना जाता है। वायरल बुखार के कारण व्यक्ति को थकान, चिड़चिड़ापन और दर्द महसूस हो सकता है।  बीमारी पैदा करने वाले वायरस के आधार पर अतिरिक्त लक्षण अलग अलग भी हो सकते हैं।

 उदाहरण के लिए,  वायरस बच्चों में २-३ दिनों तक बुखार का कारण बनता है, इसके बाद बुखार के कम होने के लगभग १२-२४ घंटे बाद दाने निकलते हैं।

वायरल बुखार का कारण

 वायरल बीमारी के कई संभावित कारण हैं, जिनमें सर्दी और फ्लू के वायरस को शामिल किया जा सकता हैं।

 कभी-कभी बीमारी वायरल के बाद होती है।  इससे दोनों के बीच अंतर बताना और यह निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि किसी व्यक्ति को एंटीबायोटिक्स लेने से कब लाभ हो सकता है।

 बिना किसी अन्य स्पष्ट बीमारी के छोटे बच्चे को बुखार होना आम है। बुखार से संक्रमित 75 बच्चों के अध्ययन में यह बात पता चला कि उनमें जीवाणु संक्रमण के कोई अन्य लक्षण नहीं थे। अनुमानित 76 प्रतिशत बच्चों में उनके शरीर में एक या एक से अधिक वायरस थे।

 मौजूद सबसे आम वायरस एडेनोवायरस, मानव हर्पीसवायरस 6, एंटरोवायरस और पारेकोवायरस है।  एक अध्ययन ने अनुमान लगाया कि 3 साल से कम उम्र के बच्चों में 1 प्रतिशत से भी कम बच्चों में बुखार से संबंधित बीमारियों का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं था, जोकि बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण थे। इसका मतलब है कि वायरस छोटे बच्चों में बुखार का विशेष रूप से सामान्य कारण है।  इस बात को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि एंटीबायोटिक्स लेना वायरल संक्रमण के इलाज में अप्रभावी हो जाएगा।

वायरल फीवर का निवारण

 एक संक्रमित व्यक्ति के छींकने, सांस लेने या संक्रमित सतहों को छूने से वायरल फीवर की बीमारी फैल सकती है।  बार-बार हाथ धोने और अक्सर सतहों को कीटाणुरहित करने जैसे अभ्यास इन बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।

वायरल फीवर का निदान

संभावित वायरल फीवर के लक्षण का निदान करते समय एक डॉक्टर एक व्यक्ति के इलाज का इतिहास पूछेगा और उनके लक्षणों के बारे में प्रश्न करेगा जैसे जब आपने पहली बार लक्षण को महसूस किया तो आपको कैसा लगा।

 एक डॉक्टर किसी व्यक्ति के ब्लड, थूक या पेशाब में वायरस की उपस्थिति की पहचान करने के लिए इसके परीक्षण का आदेश दे सकता है।

 उदाहरण के लिए, एक तीव्र इन्फ्लूएंजा  ​​परीक्षण में गले के पीछे से कोशिका के नमूने लेना और इन्फ्लूएंजा ए या बी प्रोटीन की उपस्थिति के लिए उनका परीक्षण करेगा।

 हालांकि, वायरल बीमारियों के लिए सभी परीक्षण इतनी जल्दी उपलब्ध नहीं होते हैं। कई विशिष्ट वायरस की पहचान करने के लिए प्रयोगशाला की ज़रुरत हो ही सकती है।

 हालांकि, वायरल बुखार का इलाज करने के लिए प्रयोगशाला में परीक्षण भेजना हमेशा जरूरी नहीं होता है।  एक डॉक्टर इसके इलाज़ को करने के लिए किसी व्यक्ति के लक्षणों को ध्यान में रख सकता है।

 विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमणों की मात्रा का अनुमानित 10 गुना अधिक कारण इसके बनते है।

वायरल बुखार का इलाज

 वायरल फीवर के लक्षण के उपचार का निर्धारण करते समय  बुखार की डिग्री और कई अन्य लक्षण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है जो कि एक व्यक्ति अनुभव कर सकता है।

 उदाहरण के लिए, बच्चों के लिए 104°F (40°C) से अधिक बुखार और वयस्कों के लिए 103°F (39.4°C) से अधिक बुखार मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो सकती है।  एक व्यक्ति को गंभीर वायरल संक्रमण होने की संभावना है यदि उसके शरीर का तापमान अधिक हो।

ओटीसी दवाएं लेना: इबुप्रोफेन और एसिटामिनोफेन दोनों ओटीसी दवाएं हैं जो वायरल फीवर के लक्षण से राहत दिला सकती हैं।  एस्पिरिन भी ऐसा कर सकते है, लेकिन 18 साल से कम उम्र के लोगों को रेये सिंड्रोम नामक स्थिति के जोखिम के कारण एस्पिरिन नहीं लेना चाहिए। 

 गुनगुने पानी से नहाएं: ये बुखार वाले शरीर को भी शांत कर सकते हैं।

 ठंडा लिक्विड पीना: ठंडे पानी या इलेक्ट्रोलाइट युक्त घोल पीने से शरीर के तापमान को ठंडा रखने और बीमारी से संबंधित डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद मिल सकती है और इससे वायरल बुखार के लक्षण में भी कमी महसूस की जा सकती है।

 बुखार के बारे में एक आम गलत धारणा यह है कि नहाने में बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल करना या त्वचा पर लगाना असरदार होता है।  वास्तव में, अत्यधिक ठंडे तापमान के संपर्क में आने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।  नहाने के लिए व्यक्ति को गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

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