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शिलाजीत के फायदे

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शिलाजीत क्या है?

शिलाजीत एक बहुत ही चिपचिपा सा पदार्थ होता है जो कि मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों में पाया जाता रहा है। यह कई सालों से पौधों के अपघटित होने के कारण बनता है।

शिलाजीत का प्रयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में काफी अधिक मात्रा में किया जाता है। यह एक बहुत ही प्रभावी और सुरक्षित सप्लीमेंट माना जाता रहा है जो कि हमारे सभी तरह के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत ही पॉजिटिव प्रभाव डालता है। आइए शिलाजीत के फायदे के विषय में और अधिक विस्तार से जानते है।

शिलाजीत से होने वाले लाभ

अल्जाइमर जैसे रोगों में फायदेमंद होता है शिलाजीत

शिलाजीत के फायदे की बात करें तो यह अल्जाइमर में बेहद प्रभावशाली साबित होता है। अल्जाइमर रोग मस्तिष्क में होने वाली समस्या है जो कि स्मृति, व्यवहार और कई तरह की सोच के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं का भी कारण बनता है। वर्तमान समय में अल्जाइमर के लक्षणों में सुधार करने के लिए बाजार में दवा और उपचार बेहद आसानी से उपलब्ध हैं।  शिलाजीत की संरचना के आधार पर भी कहा जा सकता है कि शिलाजीत अल्जाइमर की प्रगति को काफी अधिक रोक सकता है या फिर बहुत अधिक धीमा कर सकता है। शिलाजीत में एक प्राइमरी कंपाउंड एक एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है जिसे कि फुल्विक एसिड के रूप में भी जाना जाता है। यह शक्तिशाली प्रोटीन को बढ़ाने का काम करता है और प्रोटीन हमारे नर्वस सिस्टम का भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं और हमें अल्जाइमर से बचाने का काम करता है।

कम टेस्टोस्टेरोन स्तर की समस्या से छुटकारा दिलाता है अल्जाइमर

टेस्टोस्टेरोन एक प्राइमरी पुरुष सेक्स हार्मोन होता है, लेकिन कुछ पुरुषों का स्तर कई दूसरे की तुलना में भी बहुत कम होता है। बहुत कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षणों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:

  • एक बहुत कम सेक्स ड्राइव
  • बाल का बहुत अधिक झड़ना
  • मांसपेशियों को काफी अधिक हानि पहुंचना
  • थकान का बढ़ जाना
  • शरीर की चर्बी में बढ़ोतरी का होना।

45 से 55 वर्ष की आयु के पुरुष वालिंटियर के एक रिसर्च में पता चला है कि आधे प्रतिभागियों को एक प्लेसबो दिया गया और आधे को दिन में दो बार शुद्ध शिलाजीत की 250 मिलीग्राम (मिलीग्राम) खुराक दी गई। लगातार 90 दिनों उसे देने के बाद उस रिसर्च में पाया गया कि शुद्ध शिलाजीत प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों में प्लेसीबो समूह की तुलना में काफी अधिक टेस्टोस्टेरोन का स्तर था जिससे उन्हें काफी अधिक लाभ पहुंच रहा था। आप अब शिलाजीत के फायदे के विषय में काफी कुछ जान चुके हैं पर आइए और जानते हैं।

क्रोनिक थकान सिंड्रोम को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है शिलाजीत

शिलाजीत कैप्सूल खाने के फायदे की बात करें तो यह क्रोनिक थकान क्रोनिक सिंड्रोम को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। थकान सिंड्रोम (सीएफएस) एक बहुत ज्यादा समय रहने वाली स्थिति है जो कि बहुत अधिक थकान का कारण बनती है। सीएफएस कोई भी काम करने या फिर स्कूल जाना बहुत मुश्किल बना सकता है, और साधारण तौर पर की जानेवाली रोज़मर्रा की गतिविधियाँ भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। कई शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि शिलाजीत की खुराक सीएफएस के लक्षणों को बहुत अधिक कम कर सकती है और एनर्जी को फिर से उसी तरह फैला भी सकती है।

सीएफएस माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन से जुड़ा हुआ होता है। यह तब होता है जब आपकी कोशिकाएं पर्याप्त ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर पाती हैं। 2012 के एक रिसर्च में पाया गया है कि शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों को 21 दिनों के लिए शिलाजीत का सेवन करवाया और फिर चूहों को लगातार 21 दिनों तक 15 मिनट तैरने के लिए मजबूर कर सीएफएस को आने के लिए प्रेरित किया है। इस तरह कई रिसर्च के रिजल्ट में पाया गया है कि शिलाजीत ने सीएफएस के प्रभाव को बहुत कम करने में मदद की। उन्हें लगता है कि यह शिलाजीत के माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन को भी रोकने में काफी अधिक मदद करता है।

एंटी एजिंग के रूप में काम करता है शिलाजीत

शिलाजीत फुल्विक एसिड से काफी अधिक भरपूर होता है और एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है। शिलाजीत सेलुलर क्षति से भी रक्षा करने में काफी अधिक मदद कर सकता है। इसका नतीजा यह है कि शिलाजीत का नियमित उपयोग इसका दीर्घायु और धीमी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और साथ ही समग्र और बेहतर स्वास्थ्य में भी काफी अधिक योगदान दे सकता है।

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया में भी फायदेमंद होता है शिलाजीत

आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया बहुत कम आयरन वाले भोजन और खून की कमी या फिर आयरन को अवशोषित करने में भी काफी अधिक असमर्थता के कारण हो सकती है। एनीमिया के लक्षणों में शामिल हैं:

  • थकान का बहुत होना
  • दुर्बलता का बढ़ना
  • हाथ पैर का बहुत अधिक ठंडा पड़ना
  • सरदर्द का बढ़ना
  • दिल की अनियमित धड़कन का होना

पर शिलाजीत की खुराक धीरे-धीरे आयरन के स्तर को काफी अधिक बढ़ा सकती है और आपको स्वस्थ रख सकती है।

एक रिसर्च किया गया जिसमें 18 चूहों को छह के तीन तीन ग्रुप में विभाजित किया गया है। शोधकर्ताओं ने दूसरे और तीसरे समूह में एनीमिया होने को मजबूर किया और तीसरे समूह के चूहों को 11 दिनों के बाद 500 मिलीग्राम शिलाजीत खाने को दिया गया। शोधकर्ताओं ने 21वें दिन सभी ग्रुप से खून के नमूने इक्कठा किएबार उनके रिजल्ट से पता चला कि तीसरे समूह के चूहों में दूसरे समूह के चूहों की तुलना में अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर और हेमटोक्रिट और रेड ब्लड सेल्स का स्तर काफी अधिक था। ये सभी हमारे ब्लड समूह के महत्त्वपूर्ण कंपाउंड माने जाते हैं।

बांझपन की समस्या में फायदेमंद है शिलाजीत

शिलाजीत कैप्सूल खाने के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये पुरुषों में बांझपन के इलाज के लिए भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि 60 बांझ पुरुषों के एक ग्रुप ने भोजन के बाद 90 दिनों तक दिन में दो बार शिलाजीत का सेवन किया। 90 दिनों की अवधि के खत्म होने के बाद 60 प्रतिशत से अधिक लोगों में कुल शुक्राणुओं की संख्या में काफी अधिक वृद्धि देखी गई है। 12 प्रतिशत से भी अधिक शुक्राणु में गतिशीलता को भी नोट किया गया है। 

शिलाजीत से होने वाले साइड इफेक्ट

हालांकि यह जड़ी बूटी पूरी तरह से नेचुरल और सुरक्षित मानी जाती रही है पर आपको कच्चे शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। कच्चे शिलाजीत में अधिक मात्रा में धातु के आयन, फ्री रेडिकल्स और फंगस इत्यादि हो सकते हैं। आप शिलाजीत की खरीददारी आनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से कर सकती है और डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार इसका सेवन कर सकती है।

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