सफ़ेद मूसली के फायदे
सफ़ेद मूसली एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कि शरीर से जुड़े कई स्वास्थ्य लाभों के लिए बेहद लोकप्रिय है, जोकि काम को उत्पन्न करने के साथ साथ शरीर के मासपेशियों के लिए भी बेहद शक्तिशाली है। यह तनाव के साथ-साथ सूजन को भी कम करने के लिए भी जाना जाता है।
इस लेख में हम सफ़ेद मूसली और उससे होने वाले लाभ और साथ ही दुष्प्रभाव की भी चर्चा करेंगे।
सफ़ेद मूसली क्या है?
सफ़ेद मूसली (क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम) भारतीय उपमहाद्वीप के जंगलों में पाई जाने वाली एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल पिछले सैकड़ों सालों से हो रहा है।
देखा गया है कि यह जड़ी बूटी हमारी ताकत, सेक्स की क्षमता और सहनशक्ति को बहुत अधिक बढ़ाती है। यह मांसपेशियों की कमजोरी और साथ ही थकान और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से मुकाबला करने में भलीभांति सक्षम है।
सफ़ेद मुसली के अलावा इसे शतावरी एडसेनडेंस, श्वेता मुस्ली, ढोली मुस्ली, शेडेवेली, लैंड-कैलोट्रॉप्स, खिरुवा, वेसाई मुस्ली, वेसुट्टा मुस्ली और इंडियन स्पाइडर प्लांट के नाम से भी कई क्षेत्रों में भी जाना जाता है। आइए सफेद मूसली के फायदे या सफेद मूसली किस काम आती है उसके बारे में जानते है।
सफेद मूसली के फायदे
सामान्य तौर पर देखें तो सफेद मूसली के फायदे निम्नलिखित होते हैं –
मांसपेशियों को मजबूती देता है: सफेद मुसली वजन को बढ़ाने और मांशपेशियों को मजबूती देने के लिए विशेष रूप से जानी जाती है। मूसली के वजन और मांसपेशियों को बढ़ाने वाले गुणों के कारण ही कुपोषण से पीड़ित लोगों को इसके सेवन करने की सलाह दी जाती है।
कामेच्छा में बढ़ोतरी करना: सफ़ेद मुसली के फायदे में सबसे अधिक गुण यह शामिल है कि ये कामेच्छा बढ़ाते हैं। इनमें कामोत्तेजक गुण होते हैं और वही गुण पुरुषों में सेक्स ड्राइव को बढ़ाने का काम करते हैं।
इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है: सफ़ेद मुसली में पुरुषों और महिलाओं में इम्यूनिटी, एनर्जी के स्तर को बढ़ाने का काम करता है और साथ ही नर्वस सिस्टम को भी ये मजबूती देने का काम करता है।
गठिया के इलाज में फायदेमंद: सफ़ेद मुसली में गठिया को खत्म करने और सूजन को कम करने का गुण होता हैं जिसके कारण यह गठिया से होने वाले सूजन को कम करता है।
दस्त में पहुंचाता है लाभ – सफ़ेद मुसली में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डायरिया गुण पाए जाते हैं जो कि दस्त का इलाज करता है और रोकथाम करने का भी काम करता है।
चिंता और अवसाद से लड़ता में करता है सहायता – सफ़ेद मुसली में टेंशन को रोकने का गुण पाया जाता हैं जो कि चिंता और अवसाद से निपटने के लिए सेरोटोनिन के स्तर को कम करने की कोशिश करता हैं जिससे टेंशन को खत्म किया जा सकता है।
दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है सुधार: सफ़ेद मुसली अपने एंटीऑक्सीडेंट के कारण आयुर्वेद में बहुत अधिक प्रसिद्ध है। यह दिल की सेहत में बहुत अधिक सुधार करता है और उसे स्वस्थ रखता है।
सफेद मूसली की खुराक
सफ़ेद मुसली के खुराक अलग अलग होती है और यह हरेक व्यक्ति की विभिन्न जरूरतों के हिसाब से निर्धारित की जाती है। मूसली की खुराक उस व्यक्ति उम्र, शरीर की ताकत और साथ ही भूख को ध्यान में रखने के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य का इसमें ध्यान रखा जाता है और फिर उनके खुराक का निर्धारण किया जाता है।
मूसली के सामान्य खुराक को सामान्यतः पाउडर के रूप में लिया जाता है। यह किशोरों के लिए 1.5 से 2 ग्राम और वहीं वयस्कों के लिए 3 से 6 ग्राम प्रतिदिन दिन में दो बार लेना चाहिए। इसके अलावा यह ध्यान रखना चाहिए कि इसकी खुराक दिन में12 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। आइए सफेद मूसली के फायदे और नुकसान के बारे में और अधिक जानते हैं।
सफेद मुसली के साइड इफेक्ट
सफेद मूसली के फायदे और नुकसान में नुकसान कीबात करें तो इसमें थोड़े बहुत जोखिम होते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा निर्धारित सफेद मुसली की खुराक लेने से इस जड़ी-बूटी से जुड़े जोखिम कम हो जाते हैं। पर इसके अलावा भी इसके कई छोड़े बड़े दुष्प्रभाव होते हैं जोकि आपको मुश्किल में डाल सकते हैं –
- कुछ व्यक्तिओं का वजन बढ़ सकता है।
- सफ़ेद मुसली को पचाना मुश्किल हो सकता है।
- भूख कम कर सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।