साइटिका के लक्षण
साइटिका क्या है?
साइटिका एक ऐसा दर्द है जो इरिटेशन, इन्फ्लेमेशन, जलन या प्रेशर के कारण किसी व्यक्ति के नितंब या लोअर बैक में शुरू हो जाता है। साइटिका शरीर के नर्व सिस्टम में दबाए लंबी और सबसे मोटी नर्व होती है। वास्तव में यह पांच नर्व सिस्टम के हिस्सों से बनता है जैसे पीठ के निचले हिस्से से दो का हिस्सा और वहैज तीन रीढ़ की हड्डी के अंतिम भाग का हिस्सा होता है जिसे त्रिकास्थि कहा जाता है। पांच नर्व सिस्टम के हिस्से एक साथ मिलकर साइटिका नर्वस सिस्टम बनता है।
अगर आपको साइटिका से जुडा दर्द है तो इस दर्द को आप साइटिका नर्वस सिस्टम के रास्ते में कहीं भी दर्द का हल्का फुल्का अनुभव कर सकते हैं। यह दर्द पीठ के निचले हिस्से में, कूल्हों कर नितंबों या फिर पैरों के नीचे भी हो सकती है। यह मांस पेशियों में भी बहत अधिक कमजोरी पैदा कर सकता है जिससे किसी व्यक्ति के पैर में सुन्नता आ सकती है और पैर की उंगलियों में एक अजीब सी झुनझुनी या सूई सी सनसनी भी हो सकती है।
साइटिका का दर्द कैसा होता है?
लोग इसके कारणों के आधार पर अलग-अलग तरीकों के साइटिका के दर्द के बारे में जिक्र करते हैं। कुछ लोग दर्द बहुत तेज जोकि उनके लिए असहनीय हो जाता है पर कई अन्य लोग इस दर्द के दौरान जलन, बिजली जैसे करंट या फिर चाकू जैसे दर्द कारनामों के बारे में बताते हैं
किसी व्यक्ति को दर्द लंबे समय तक रह भी सकता है और वह बीच बीच ने जाकर वापस भी आ सकता है। इसके अलावा देखें तो यह दर्द आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से की तुलना में किसी व्यक्ति के पैर में अधिक गंभीर तरीके से होता है। अगर आप बहुत लंबे समय से बैठे हुए हैं या ओहुर खड़े हुए हैं तब आप अपने शरीर को मोड़ते हैं तो आपको अधिक दर्द महसूस हो सकता है। इस समय खांसी का आना और लगातार छीक का आना भी हालत को काफी खराब कर सकता है।
क्या साइटिका दोनों पैरों के नीचे हो सकती है?
साइटिका आमतौर पर एक समय में केवल एक पैर को ही प्रभावित करता है। हालांकि साइटिका दोनों पैरों में भी हो सकता है। यह केवल एक ऐसा मामला है जहां रीढ़ की हड्डी को पिन कर दिया जाता है।
क्या साइटिका अचानक होता है या इसे विकसित होने में समय लगता है?
साइटिका अचानक या धीरे-धीरे भी हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि डिस्क हर्नियेशन से अचानक दर्द हो रहा है या नहीं। रीढ़ की हड्डी में गठिया भी समय के साथ धीरे-धीरे बनना शुरू हो जाता है।
साइटिका होना कितना आम है?
साइटिका होना एक बहुत ही आम शिकायत है। अमेरिका में लगभग 40% लोग अपने जीवन में कभी न कभी साइटिका के दर्द का अनुभव करते हैं। पीठ दर्द का तीसरा सबसे आम कारण है यह है जिसमें लोग अपने डॉक्टर के पास जाते हैं और उनसे सलाह लेते हैं। आपको डॉक्टर को सलाह माननी चाहिए जिससे आप स्वस्थ रहे।
साइटिका के लिए कुछ जोखिम कारक क्या हैं?
आपको साइटिका का खतरा और अधिक होता है अगर आप :-
आपको कभी पीछे की तरफ चोट लगी हो: आपकी पीठ के निचले हिस्से या रीढ़ की चोट आपको साइटिका होने के बहुत अधिक जोखिम में डालती है।
स्वस्थ जीवन जिएं: जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो उम्र बढ़ने के साथ आपकी रीढ़ की हड्डी के टिश्यू और डिस्क अपने आप टूटने लगते हैं। यह एक सामान्य तरीका है कि उम्र बढ़ने से किसी व्यक्ति की नसों को चोट लगने या हड्डी, डिस्क और लिंगामेंट्स में बदलाव होने से पिंच होने का खतरा अधिक हो सकता है।
अधिक वजन के कारण खतरा: आपकी रीढ़ एक क्रेन की तरह है और इसके ऊपर आपकी मांसपेशियां काउंटरवेट की तरह होती हैं। आप अपने शरीर के सामने की तरफ जो भी भार उठाते हैं, वह आपकी रीढ़ की हड्डी को उठाना होता है। आपका वजन जितना अधिक होगा, आपकी पीठ की मांसपेशियों (काउंटरवेट) को उतना ही अधिक काम करना होगा जिससे उसपर दबाव बढ़ जाएगा। इसकी वजह से पीठ में खिंचाव के साथ दर्द और पीठ की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
शारिरिक रूप से सक्रिय काम करें – जिन नौकरियों में भारी उठाने की आवश्यकता होती है, वे आपकी पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं और आपकी पीठ को जोखिम में डालने की संभावना को बढ़ा सकते हैं, या लंबे समय तक बैठे रहने से आपकी पीठ के निचले हिस्से का भी खतरा बढ़ सकता है।
वेट रूम में सही तरीके से न बैठना: भले ही आप शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय हों पर फिर भी यदि आप भारोत्तोलन या अन्य कई शक्ति प्रशिक्षण अभ्यासों के दौरान उचित शरीर के नियमों पालन नहीं करते हैं, तब भी आप साइटिका से ग्रस्त हो सकते हैं।
मधुमेह: मधुमेह से किसी व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिससे साइटिका की संभावना भी बढ़ जाती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस का होना: ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी भी व्यक्ति की रीढ़ के खतरे को नुकसान पहुंचा सकती है और नसों को चोट भी पहुंचा सकता है जिससे।
धूम्रपान करना : तंबाकू में निकोटीन होती है जोकि रीढ़ की हड्डी के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है, हड्डियों को कमजोर कर सकता है, और डिस्क के खराब होने की स्पीड को तेज कर सकता है।
क्या प्रेग्नेंसी का वजन ही कई गर्भवती महिलाओं को साइटिका होने का कारण होता है?
यह सच है कि गर्भावस्था में साइटिका बिमारी के लक्षण दिखना बहुत आम है लेकिन इस दौरान वजन का बढ़ना गर्भवती महिलाओं को साइटिका के होने का मुख्य कारण नहीं होता है। इस दौरान लिंगामनेट ढीले हो जाते हैं। लिगामेंट का काम होता है रीढ़ की हड्डी की रक्षा करना और रीढ़ की हड्डी को एक जगह बनाए रखना। इस दौरान लिगामेंट बहुत अधिक ढीले हो जाते हैं जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंच सकता है और डिस्कको नुकसान पहुंच सकता है। इसकी वजह से नसे पिंचहो सकती हैं और साइटिका का दर्द बढ़ सकता है। गर्भवास्था के दौरान बच्चे का वजन भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अच्छी खबर यह है कि गर्भावस्था के दौरान साइटिका के लक्षण की वजह से होने वाले दर्द को कम करने के कई तरीके हैं और दर्द बच्चे के जन्म के बाद दूर हो जाता है। कई तरह का इलाज और मालिश के माध्यम से इलाज, गर्म पानी से सिकाई और दवाओं के साथ कई अन्य उपाय भी इसमें मदद कर सकते हैं। अगर आप गर्भवती हैं तो आप अपने दर्द को कम करने के लिए गर्भावस्था के दौरान अच्छी योग को भी अपना सकती हैं।
साइटिका होने का क्या कारण है?
साइटिका के लक्षण या साइटिका बीमारी होने के लक्षण जानने से पहले आइए जानते हैं कि साइटिका होने के क्या कारण होते हैं। साइटिका होने के कई कारण हो सकते हैं जोकि जीवन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते है। साइटिका होने के कारण है निम्नलिखित हैं –
- पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द – बोन स्पर्स कई बार उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की हड्डी में बन सकते हैं और पीठ के निचले हिस्से की नसों को संकुचित कर सकते हैं जिससे नुकसान पहुंच सकता है।
- काठ के कारण साइटिका तंत्रिका को नुकसान पहुंचाना – काठ का रीढ़ की हड्डी की टनल में ट्यूमर जो कि sciatic तंत्रिका को नुकसान पहुंचाने का काम करता है।
- पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति होती है जो कि तब होनी शुरू होती है जब पिरिफोर्मिस मांसपेशी बहुत अधिक तंग हो जाती है या उनमें ऐंठन आ जाती है। यह sciatic तंत्रिका पर दबाव डाल सकता है और इसे बहुत अधिक परेशान कर सकता है। पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक असामान्य सा न्यूरोमस्कुलर विकार होता है।
- कौडा इक्विना सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन बहुत गंभीर स्थिति होती है जोकि रीढ़ की हड्डी के अंत में नसों के बंडल को बहुत अधिक प्रभावित करती है जिसे कौडा इक्विना कहा जाता है। यह सिंड्रोम पैर के नीचे दर्द, गुदा के आसपास सुन्न होना और आंत और मूत्राशय पर नियंत्रण के नुकसान का कारण भी बनता है।
साइटिका के लक्षण क्या हैं?
साइटिका के लक्षण या साइटिका बीमारी के लक्षण में निम्न बातें शामिल हैं:
- पीठ के निचले हिस्से या नितंब और पैर के निचले हिस्से में थोड़ा बहुत दर्द होना पर यह दर्द धीरे धीरे गंभीर होते चले जाना।
- पीठ के निचले हिस्से, नितंब, पैर या पैरों का सुन्न पड़ना या बहुत अधिक कमजोरी का आना।
- बहुत तेज दर्द का होना जोकि असहनीय हो जाता है।
- पैरों या पैर की उंगलियों या पैरों में पिन या सुई चुभोने जैसा दर्द महसूस होना।