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हेपेटाइटिस बी के लक्षण

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 हेपेटाइटिस बी लिवर से जुडा हुआ एक बहुत ही गंभीर बीमारी का लक्षण होता है जो कि हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण ही होता है। कुछ लोगों के लिए हेपेटाइटिस बी इन्फेक्शन पुराना हो सकता है जिसका सामान्य सा अर्थ है कि यह छह महीने से अधिक समय से व्यक्ति इससे प्रभावित है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी होने से किसी भी व्यक्ति के लीवर के फेल होने और लीवर कैंसर या लिवर सिरोसिस होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जो स्थायी रूप से लीवर पर अटैक करती है।

हेपेटाइटिस बी से प्रभावित होने वाले अधिकतर वयस्क पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, भले ही उनमें लक्षण दिखाई दे रहें हो या और फिर वो लक्षण गंभीर हो क्यों न हो गए हों। छोटे बच्चों में क्रोनिक इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक होता है।

सिर्फ एक टीका हेपेटाइटिस बी को रोक सकता है, लेकिन अगर आपको यह बीमारी हो गया है तो इसका कोई इलाज नहीं है। और अगर आप इंफेक्टेड हो गए हैं, तो कुछ सावधानियां बरतने जिससे  वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने से आपको रोकने में मदद मिल सकती है।

हेपेटाइटिस बी के लक्षण

हेपेटाइटिस बी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक होते हैं। और हेपेटाइटिस बी के लक्षण आमतौर पर किसी व्यक्ति के इंफेक्टेड होने के लगभग एक से चार महीने बाद तक दिखाई देते हैं, हालाँकि कई व्यक्ति उन्हें इंफेक्शन से दो सप्ताह बाद ही देख सकते हैं। कुछ लोगों में या आमतौर पर छोटे बच्चों में कोई इसके कोई भी लक्षण नहीं होते हैं।

हेपेटाइटिस बी के लक्षण में निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं:

  •  पेट में तेज दर्द का होना
  • पेशाब का रंग गहरा होना।
  • बहुत तेज बुखार का होना।
  • जोड़ों में तेज दर्द का होना
  • भूख में बहुत अधिक कमी का होना।
  • मतली और उल्टी का आना
  • कमजोरी और थकान का बढ़ जाना
  • इंफेक्टेड व्यक्ति की त्वचा का पीला पड़ना और उसकी आंखों का सफेद होना (पीलिया)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

अगर आप जानते हैं कि आप हेपिटाइटिस बी से इंफेक्टेड हो गए हैं या आपमें हेपेटाइटिस बी के लक्षण दिख रहें है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें जिससे वो आपका इलाज तुरंत शुरू कर सके। अगर आप इन्फेक्शन के 24 घंटे में ही अपना इलाज शुरू करते हैं तो आप पर इंफेक्शन का प्रभाव कम किया जा सकता है।

अगर आपको हेपिटाइटिस बी के लक्षण दिख रहें हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उसका इलाज करवाएं साथ ही डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन पूरी तरह से करें।

हेपिटाइटिस बी होने के कारण

हेपेटाइटिस बी इंफेक्शन हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण ही होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ब्लड, वीर्य या शरीर के अन्य लिक्विड तरीकों से जा सकता है। यह छींकने या फिर खांसने से नहीं फैलता है।

कई सामान्य तरीके हैं जिससे हेपिटाइटिस बी आसानी से फैल सकता हैं। कुछ सामान्य तरीके निम्नलिखित हैं:

यौन संपर्क के माध्यम से-

यदि आप किसी इंफेक्टेड व्यक्ति के साथ असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाते हैं तो आपको हेपेटाइटिस बी हो सकता है। अगर व्यक्ति का ब्लड या लार या फिर वीर्य किसी भी माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है तो आप वायरस से संक्रमित हो सकते है।

इंफेक्टेड सुई के इस्तेमाल के माध्यम से-  एचबीवी इंफेक्टेड ब्लड से इंफेक्टेड सुई और सीरिंज के माध्यम से बहुत आसानी से फैल सकता है। इंफेक्टेड IV से भी ये बीमारी फैल सकती है। अगर आप इसके संपर्क में आ जाते हैं तो यह आपके लिए एक चिंता का विषय है।

बच्चे को माँ के माध्यम से –  एचबीवी से संक्रमित गर्भवती महिलाएं बच्चे के जन्म के दौरान अपने बच्चों को भी ये वायरस बहुत आसानी से दे सकती हैं। पर लगभग अधिकतर मामलों में संक्रमित होने से बचने के लिए नवजात को टीका लगाया जा सकता है। अगर आप गर्भवती हैं या फिर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो हेपेटाइटिस बी के टेस्ट के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें या बात कर लें।

हेपिटाइटिस बी के जोखिम

 हेपेटाइटिस बी इंफेक्टेड व्यक्ति के ब्लड, वीर्य या फिर शरीर के किसी अन्य लिक्विड फॉर्म के संपर्क में आने से फैलता है। आपको हेपिटाइटिस बी होने का खतरा बढ़ सकता है अगर आप निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्यायों से लड़ रहें हैं –

  • कई लोगों के साथ यौन सम्बंध बनाना
  • किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहना जिसे पहले ही हेपिटाइटिस बी का इंफेक्शन हो चुका हो।
  • किसी ऐसी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना जोकि पहले से हेपिटाइटिस बी के सम्पर्क में हो।
  • इंफेक्टेड मां के माध्यम से पैदा हुए बच्चे में।
  • ऐसे काम करना जिससे कोई व्यक्ति हेपेटाइटिस बी से इनफेक्टेड हो।
  • ऐसे इलाकों में जाना जहां हेपिटाइटिस बी बहुत अधिक मात्रा में फैला हुआ हो।

हेपटाइटिस बी से बचाव के तरीके

 हेपेटाइटिस बी का टीका आमतौर पर छह महीने में दिया जाता है और इसका तीन या चार इंजेक्शन लगाया जाने का कोर्स होता है। इस टीके से हेपटाइटिस बी होने की संभावना बहुत कम या न के बराबर हो जाती है।

हेपेटाइटिस बी के टीके को लगवाने की सिफारिश डॉक्टर तब करते हैं अगर इन नियमों को पूरा करते है –

  • नवजात शिशुओं या फिर बच्चों और किशोरों को भी जन्म के समय यह टीका नहीं लगाया गया है तो डॉक्टर उन्हें हेपटाइटिस बी का टीक लगवाने को कह सकते हैं।
  • जो लोग विकलांग व्यक्तियों के साथ काम करते हैं या उनके लिए काम करते हैं तो यह टीका लगवाने की सलाह डॉक्टर उन्हें दे सकते हैं।
  • जो लोग किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहते हैं या उसके संपर्क में रहते हैं तो उन्हें टीका लगवाने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।
  • हॉस्पिटल में काम करने वाले व्यक्ति, इमरजेंसी में काम करने वाले व्यक्ति या फिर ब्लड के सम्पर्क में आने वाले कई तरह के लोगों को डॉक्टर हेपेटाइटिस बी लगाने की सलाह दे सकते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति के साथ यौन सम्बंध बनाना जिसको पहले से हेपेटाइटिस बी है तो वो व्यक्ति किसी और को भी यह इन्फेक्शन फैला सकता है।
  • कई लोगों के साथ यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए।
  • पुरानी सीरिंज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप अवैध दवाओं का इस्तेमाल करते हैं या फिर उसके संपर्क में आते हैं तो आपको भी हेपेटाइटिस बी होने के संभावना बढ़ जाता है 
  • हेपिटाइटस बी से बचने के लिए कई तरह की सावधानी बरतें।

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